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सामान्य अध्ययन-2:  भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और करार।

संदर्भ:

हाल ही में चीन की अध्यक्षता में तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) राष्ट्राध्यक्ष परिषद का 25वाँ शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया| 

शिखर सम्मेलन के मुख्य बिंदु

  • शिखर सम्मेलन में 24 प्रमुख दस्तावेज़ों को अपनाया गया, जिनमें तियानजिन घोषणा, एससीओ विकास रणनीति 2035, और द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति और संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के 80 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में एक संयुक्त वक्तव्य शामिल है।
  • सदस्य देशों ने एससीओ नशा-रोधी केंद्र और एससीओ सदस्य देशों की सुरक्षा चुनौतियों और खतरों से निपटने के लिए सार्वभौमिक केंद्र की स्थापना हेतु समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
  • किर्गिज़स्तान स्थित चोलपोन-अता को 2025-2026 के लिए एससीओ की पर्यटन और सांस्कृतिक राजधानी घोषित किया गया।
  • संस्थागत स्तर पर, नेताओं ने जल सुरक्षा, मानवीय सहयोग और निर्णयों के बेहतर कार्यान्वयन पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक आपदा सहायता कोष या तंत्र बनाने पर चर्चा की।
  • चीन ने एससीओ सदस्य देशों की सहायता के लिए दो अरब युआन (लगभग 281 मिलियन अमेरिकी डॉलर) का अनुदान देने की प्रतिबद्धता जताई|

सदस्यता और साझेदारी का विस्तार

  • लाओस को वार्ता साझेदार का दर्जा दिया गया, जबकि स्वतंत्र राष्ट्रों के राष्ट्रमंडल (CIS) को पर्यवेक्षक का दर्जा प्राप्त हुआ।
    CIS यूरेशिया में स्थित एक क्षेत्रीय अंतर-सरकारी संगठन है। इसके सदस्य आर्मेनिया, अज़रबैजान, बेलारूस, कज़ाकिस्तान, किर्गिस्तान, मोल्दोवा, रूस, ताजिकिस्तान और उज़्बेकिस्तान हैं।
    किर्गिज़स्तान ने “एससीओ के 25 वर्ष: एक स्थिर विश्व, विकास और समृद्धि के लिए एकता” विषयवस्तु के अंतर्गत 2025–2026 की अवधि के लिए शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की अध्यक्षता ग्रहण की।

भारत का परिप्रेक्ष्य

  • भारत के प्रधानमंत्री ने आतंकवाद और आतंकवाद के वित्तपोषण के विरुद्ध सामूहिक कार्रवाई पर ज़ोर दिया, दोहरे मानदंडों की निंदा की और पहलगाम हमले को मानवता पर हमला बताया।
  • सदस्य देशों को उनकी एकजुटता के लिए धन्यवाद दिया, संपर्क परियोजनाओं में संप्रभुता का  सम्मान करने पर ज़ोर दिया और चाबहार बंदरगाह तथा अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा (INSTC) में भारत के योगदान पर प्रकाश डाला।
  • सदस्य देशों की प्राचीन सभ्यताओं, कला, साहित्य और परंपराओं की समृद्ध विरासत को वैश्विक मंच पर साझा करने के लिए एससीओ के अंतर्गत एक सभ्यता संवाद मंच का प्रस्ताव रखा।

एससीओ प्लस सत्र

  • यह “बहुपक्षवाद पर फोकस करने, क्षेत्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने और सतत विकास को बढ़ावा देने” जैसे विषय पर केंद्रित था।
  • इसमें एससीओ सदस्य, पर्यवेक्षक देश, वार्ता साझेदार (अज़रबैजान, आर्मेनिया, कंबोडिया, मालदीव, म्यांमार, नेपाल, तुर्की, मिस्र और लाओस सहित), अतिथि राष्ट्र तुर्कमेनिस्तान और संयुक्त राष्ट्र, आसियान, CSTO, EEC, CICA, ECO और AIIB जैसे वैश्विक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए|

शंघाई सहयोग संगठन (SCO)

  • इसकी स्थापना 15 जून 2001 को शंघाई में छह संस्थापक देशों: कजाकिस्तान, चीन, किर्गिज गणराज्य, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान द्वारा की गई थी।
  • एससीओ में अब संस्थापक सदस्यों के अलावा भारत (2017), ईरान (2023) और पाकिस्तान (2017) सहित कुल दस सदस्य हैं।
  • एससीओ, विश्व की 40% आबादी का प्रतिनिधित्व करता है, तथा इसके सदस्य देश वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 23 ट्रिलियन डॉलर का योगदान करते हैं।
  • एससीओ के दो स्थायी निकाय हैं –
    (i) बीजिंग में एससीओ सचिवालय
    (ii) ताशकंद में क्षेत्रीय आतंकवाद-रोधी संरचना (RATS) की कार्यकारी समिति।
  • सदस्य देश बारी बारी से एक वर्ष के लिए एससीओ की अध्यक्षता करते हैं।

स्रोत:
MEA
The Hindu
ENG Sectsco
India Briefing

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