• यह उपलब्धि वाराणसी को रेलवे लोकोमोटिव निर्यात हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और वैश्विक रेलवे क्षेत्र में भारत के बढ़ते प्रभाव को रेखांकित करती है।

अन्य संबंधित जानकारी:

  • BLW को मोज़ाम्बिक के लिए दस 3300 HP AC-AC डीजल-इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव के निर्यात का ऑर्डर मिला है और इसे मेसर्स राइट्स (M/s RITES) द्वारा पूरा किया जा रहा है।
  • इस अनुबंध में सभी दस लोकोमोटिव का निर्माण और निर्यात शामिल है।
  • लोकोमोटिव निर्यात की समयावधि निरंतर प्रगति को दर्शाती है:
    • जून 2025 को दो लोकोमोटिव भेजे गए।
    • सितंबर 2025 को  तीसरा लोकोमोटिव भेजा गया।
    • अक्टूबर 2025 को चौथा लोकोमोटिव भेजा गया।
    • 12 दिसंबर 2025 को पांचवां लोकोमोटिव भेजा गया।
    • 15 दिसंबर 2025 को छठा लोकोमोटिव भेजा गया।
  • निर्यात किए गए लोकोमोटिव 3300 HP के केप गेज (1067 मिमी.) AC–AC डीजल-इलेक्ट्रिक इंजन हैं, जिन्हें 100 किमी प्रति घंटे तक की गति से संचालन के लिए डिजाइन किया गया है।
  • इनमें अंतरराष्ट्रीय स्तर की चालक-केंद्रित सुविधाएं शामिल हैं, जैसे कि रेफ्रिजरेटर, हॉट प्लेट, मोबाइल होल्डर और एक आधुनिक एर्गोनोमिक कैब डिजाइन, जो उच्च स्तर की सुविधा, सुरक्षा और परिचालन दक्षता सुनिश्चित करते हैं।

वैश्विक उपस्थिति का विस्तार

  • 2014 से, बनारस लोकोमोटिव वर्क्स ने श्रीलंका, म्यांमार और मोज़ाम्बिक जैसे देशों को लोकोमोटिव (रेल इंजन) निर्यात किए हैं तथा इन देशों के रेलवे बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
  • व्यापक स्तर पर, भारत ने विभिन्न क्षेत्रों और देशों को मेट्रो कोच, यात्री डिब्बे, बोगियां, लोकोमोटिव और अन्य महत्वपूर्ण रेलवे उपकरणों की आपूर्ति की है।
    • यूरोप: यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, स्पेन, जर्मनी और इटली
    • अफ्रीका: मोज़ाम्बिक, रिपब्लिक ऑफ गिनी और दक्षिण अफ्रीका
    • अन्य क्षेत्र: म्यांमार, बांग्लादेश, श्रीलंका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और मैक्सिको
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