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सामान्य अध्ययन-3: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव आकलन|
संदर्भ:
हाल ही में, भारत ने एक प्रमुख पर्यावरणीय उपलब्धि हासिल की। उल्लेखनीय है कि वैश्विक वन संसाधन आकलन 2025 के अनुसार, कुल वन क्षेत्र के मामले में भारत विश्व स्तर पर 9वें स्थान पर है।
प्रमुख निष्कर्ष
- भारत के वन:
- पिछले आकलन में भारत 10वें स्थान पर था।
- भारत ने वन क्षेत्र के वार्षिक शुद्ध लाभ में भी वैश्विक स्तर पर अपने तीसरे स्थान को बनाए रखा।
- 2025 में भारत का वन क्षेत्र 72.7 मिलियन हेक्टेयर होने का अनुमान है, जो कुल वैश्विक वन क्षेत्र का लगभग 2% है।
- भारतीय वन, कार्बन पृथक्करण (Carbon Sequestration) में विश्व स्तर पर 5वें स्थान पर हैं, क्योंकि इन्होंने 2021-2025 के दौरान प्रतिवर्ष लगभग 150 मीट्रिक टन CO₂ पर्यावरण से हटाया।
- वैश्विक वनों का सिंहावलोकन:
- वन विस्तार: कुल वैश्विक वन क्षेत्र लगभग 4.14 बिलियन हेक्टेयर है, जो विश्व के स्थल क्षेत्र का लगभग एक-तिहाई (32%) है और प्रति व्यक्ति लगभग 0.5 हेक्टेयर के बराबर है।
- विश्व के लगभग 54% वन पांच देशों रूस, ब्राजील, कनाडा, संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन में हैं।
- वितरण: यूरोप में सबसे बड़ा वन क्षेत्र है, जो विश्व के कुल वन क्षेत्र का 25% है। दक्षिण अमेरिका में वनों का अनुपात सबसे अधिक है, जो कुल स्थल क्षेत्रफल का 49% है।
- शुद्ध हानि में कमी: शुद्ध वन हानि की वार्षिक दर 1990 के दशक में 10.7 मिलियन हेक्टेयर से घटकर 2015-2025 में 4.12 मिलियन हेक्टेयर हो गई।
- एशिया और यूरोप में शुद्ध वन लाभ दर्ज किया गया, जबकि अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका में शुद्ध हानि जारी रही।
- वनोन्मूलन और विस्तार: 2015-2025 में वनोन्मूलन की दर धीमी होकर 10.9 मिलियन हेक्टेयर प्रति वर्ष हो गई, जबकि 1990-2000 में यह 17.6 मिलियन थी।
- वन विस्तार की दर भी घटी है, जो 2000-2015 में 9.88 मिलियन हेक्टेयर वार्षिक से घटकर 2015-2025 में 6.78 मिलियन हो गयी है।
- वन विस्तार: कुल वैश्विक वन क्षेत्र लगभग 4.14 बिलियन हेक्टेयर है, जो विश्व के स्थल क्षेत्र का लगभग एक-तिहाई (32%) है और प्रति व्यक्ति लगभग 0.5 हेक्टेयर के बराबर है।
- वन कार्बन गतिशीलता (2021–2025):
- इस अवधि के दौरान, वनों ने शुद्ध कार्बन सिंक के रूप में कार्य किया, क्योंकि ये प्रतिवर्ष 3.6 बिलियन टन CO₂ अवशोषित करते थे।
- शुद्ध वन रूपांतरण (वनोन्मूलन प्रॉक्सी) से वैश्विक उत्सर्जन कुल 2.8 गीगाटन CO₂ था, जिसने सिंक प्रभाव को आंशिक रूप से संतुलित कर दिया।
- समग्र रूप से, वन कार्बन भंडार में वृद्धि हुई, जिससे प्रति वर्ष 0.8 गीगाटन CO₂ का शुद्ध निष्कासन हुआ। यह एक दशक पहले प्रतिवर्ष हटाए गए 1.4 गीगाटन CO₂ का लगभग आधा है।
- सबसे मजबूत वन कार्बन सिंक यूरोप और एशिया में देखे गए, जहाँ क्रमशः 1.4 गीगाटन CO₂ और 0.9 गीगाटन CO₂ प्रति वर्ष हटाए गए।
प्रमुख चुनौतियाँ
- वनोन्मूलन का निरंतर दबाव: वनोन्मूलन की दर में कमी के बावजूद समग्र स्तर पारिस्थितिक रूप से अस्थिर बना हुआ है। वनोन्मूलन की दर 1990 के दशक में 17.6 मिलियन हेक्टेयर प्रतिवर्ष से घटकर 2015-2025 में 10.9 मिलियन हेक्टेयर हो गई है।
- प्राकृतिक रूप से पुनर्जनन वाले वनों में गिरावट: रिपोर्ट से पता चलता है कि प्राकृतिक रूप से पुनर्जननवाले वनों में लगातार कमी आ रही है, जबकि रोपित वनों का विस्तार हो रहा है।
- जलवायु-संबंधी व्यवधान: जलवायु-जनित घटनाओं, जैसे लंबे समय तक सूखा, बाढ़, कीटों का प्रकोप और दावानल से वनों पर लगातार प्रभाव पड़ रहा है।
- सामाजिक-आर्थिक दबाव: रिपोर्ट में जनसंख्या-जनित अतिक्रमण और कृषि भूमि की बढ़ती माँग को वनोन्मूलन के कारणों के रूप में रेखांकित किया गया है।
सिफारिशें
- सतत भूमि-उपयोग नियोजन को बढ़ावा देना: खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) सरकारों से आग्रह करता है कि वे अल्पकालिक कृषि या अवसंरचनात्मक लाभ के लिए वनों के रूपांतरण को रोकने हेतु स्पष्ट ज़ोनिंग स्थापित करें।
- समुदाय-आधारित वन प्रबंधन को सुदृढ़ बनाना: रिपोर्ट सुरक्षित भूमि स्वामित्व और सहभागी निर्णय लेने के माध्यम से स्थानीय और स्वदेशी समुदायों को सशक्त बनाने की सिफारिश करती है।
- कृषि वानिकी और बहुक्रियाशील परिदृश्यों में निवेश करें: रिपोर्ट में कृषि वानिकी प्रणालियों को बढ़ाने की वकालत की गई है, जिसमें ग्रामीण गरीबी को कम करने और प्राकृतिक वनों पर दबाव को कम करने के लिए भोजन, पेड़ और पशुधन उत्पादन को जोड़ा जाता हैं।
- वन उपयोगकर्ताओं के लिए सामाजिक और आर्थिक विकल्पों का समर्थन: GFRA ने पारिस्थितिकी पर्यटन, हरित नौकरियों और ग्रामीण उद्यमों में निवेश करके वनों से संबंधित गतिविधियों से परे ग्रामीण रोजगार के अवसरों में विविधता लाने की सिफारिश की है, जिससे वनोन्मूलन पर निर्भरता कम हो सके।
वैश्विक वन संसाधन आकलन 2025 (GFRA) के बारे में
- इसे 1946 में शुरू किया गया था और तब से प्रति 5 वर्ष में किया जाने वाला GFRA वन क्षेत्र, परिवर्तन, प्रबंधन और उपयोग पर डेटा के लिए प्राथमिक वैश्विक संदर्भ के रूप में कार्य करता है।
- यह आकलन संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) द्वारा किया जाता है।
- FRA रिमोट सेंसिंग, राष्ट्रीय रिपोर्टिंग और सांख्यिकीय मॉडलिंग का उपयोग करके एक सहयोगी, डेटा-संचालित मंच के रूप में विकसित हुआ है।
Sources:
Open Knowledge
News On Air
PIB
