संदर्भ:

वर्तमान में, 17-24 जून तक वाशिंगटन डीसी में वैश्विक पर्यावरण सुविधा (Global Environment Facility- GEF) के परिषद की 67 वीं बैठक चल रही है। 

मुख्य विचार

  • वाशिंगटन डीसी में आयोजित होने वाली वैश्विक पर्यावरण सुविधा (GEF) परिषद की बैठक में पर्यावरण संरक्षण के लिए 736.4 मिलियन डॉलर की राशि आवंटित की जाएगी।
  • वैश्विक पर्यावरण सुविधा (GEF) उन परियोजनाओं पर विचार करेगा, जिनका उद्देश्य जैव विविधता की रक्षा करना, जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण से निपटना, तथा भूमि और महासागर के स्वास्थ्य को समर्थन प्रदान करना है।
  • वैश्विक पर्यावरण सुविधा (GEF) ट्रस्ट फंड, ग्लोबल बायोडायवर्सिटी फ्रेमवर्क फंड (Global Biodiversity Framework Fund – GBFF), तथा सबसे कम विकसित देशों के फंड / विशेष जलवायु परिवर्तन फंड (LDCF/SCCF) की परिषदें क्रमशः 495.6 मिलियन डॉलर, 37.8 मिलियन डॉलर और 203 मिलियन डॉलर पर विचार करेंगी।

वैश्विक पर्यावरण सुविधा (GEF) ट्रस्ट फंड: वैश्विक पर्यावरण सुविधा (GEF) ट्रस्ट फंड जुलाई, 2022 से जून, 2026 तक चलने वाले GEF-8 फंडिंग चक्र के तहत शामिल की गई परियोजनाओं पर निर्णय करेगा। इसमें शामिल परियोजनाएँ हैं:

  • ग्रेट ग्रीन वॉल परियोजना के माध्यम से साहेल क्षेत्र में भूमि के पूर्वावस्था की प्रप्ति संबंधी परियोजना। 
  • सोमालिया में स्थलीय और समुद्री जैव विविधता के संरक्षण, आदि संबंधित परियोजना।

ग्लोबल बायोडायवर्सिटी फ्रेमवर्क फंड (GBFF): इसको अगस्त, 2023 में सातवीं GEF असेंबली में लॉन्च किया जाएगा। ग्लोबल बायोडायवर्सिटी फ्रेमवर्क फंड (GBFF) का उद्घाटन सत्र का कार्यक्रम ब्राजील और मैक्सिको में संरक्षण पहलों को वित्तपोषित करेगा।

  • GBFF का उद्देश्य देशों को कुनमिंग-मॉन्ट्रियल ग्लोबल बायोडायवर्सिटी फ्रेमवर्क (Kunming-Montreal Global Biodiversity Framework) के लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करना है।
  • LDCF/SCCF: GEF परिषद के सदस्य एलडीसीएफ और एससीसीएफ हेतु शासी निकाय के रूप में भी मिलेंगे, जिसमें अंगोला, कंबोडिया, चाड आदि देशों में 14 जलवायु अनुकूलन पहलों के लिए 203 मिलियन डॉलर के वित्तपोषण पर विचार किया जाएगा।

वैश्विक पर्यावरण सुविधा (GEF) के बारे में

  • GEF का गठन वर्ष 1992 के रियो पृथ्वी शिखर सम्मेलन के पूर्वानुमान में UNFCCC (जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन) द्वारा पृथ्वी के सबसे महत्वपूर्ण पर्यावरणीय मुद्दों के समाधान हेतु की गई थी।
    यूएनएफसीसीसी सचिवालय (संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन) संयुक्त राष्ट्र की वह इकाई है, जिसका कार्य जलवायु परिवर्तन के खतरे के प्रति वैश्विक प्रतिक्रिया का समर्थन करना है।
  • जीईएफ का वित्तपोषण भागीदार दाता देशों द्वारा किया जाता है तथा इसे अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण सम्मेलनों और समझौतों के उद्देश्यों को पूरा करने हेतु विकासशील देशों और संक्रमणकालिक अर्थव्यवस्था वाले देशों को उपलब्ध कराया जाता है।
  • दाता देशों द्वारा किए गए वित्तीय अंशदान को विश्व बैंक द्वारा प्रशासित कई ट्रस्ट फंडों के माध्यम से प्रदान किया जाता है, जो कि जीईएफ ट्रस्टी के रूप में कार्य करते हैं तथा विश्व बैंक में स्थित एक कार्यात्मक रूप से स्वतंत्र सचिवालय द्वारा सेवा प्रदान की जाती है।
  • विशेष जलवायु परिवर्तन कोष (SCCF) का प्रबंधन भी GEF द्वारा किया जाता है तथा यह सबसे कम विकसित देश संबंधी कोष (LDCF) के जैसे ही कार्य करता है।

जीईएफ ट्रस्ट फंड (GEF Trust Fund)

  • इसमें जैवविविधता के नुकसान, जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण तथा भूमि एवं महासागर की स्थिति पर पड़ने वाले दबाव से निपटने के उद्देश्य से एकत्रित की जाने वाली फंड शामिल है।

GEF प्रमुख अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण सम्मेलनों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है, जैसे:

  • पारे पर मिनामाता कन्वेंशन (Minamata Convention on Mercury)
  • स्थायी कार्बनिक प्रदूषकों (POP) पर स्टॉकहोम कन्वेंशन।
  • जैव विविधता पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (UNCBD)।
  • संयुक्‍त राष्‍ट्र मरुस्‍थलीकरण रोकथाम अभिसमय (UNCCD)।
  • जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (UNFCCC)।
  • ग्लोबल बायोडायवर्सिटी फ्रेमवर्क फंड (GBFF)। 

जीईएफ परिषद

  • जीईएफ में भारत सहित 184 सदस्य देश शामिल हैं।
  • इसका मुख्य शासी निकाय जीईएफ परिषद है, जिसमें जीईएफ के सदस्य देशों के निर्वाचन क्षेत्रों द्वारा नियुक्त 32 सदस्य (विकसित देशों से 14, विकासशील देशों से 16, तथा संक्रमणकालीन अर्थव्यवस्थाओं से दो) शामिल हैं।
  • जीईएफ सचिवालय का मुख्यालय वाशिंगटन डीसी में है। 
  • परिषद जीईएफ-वित्तपोषित गतिविधियों के लिए परिचालन नीतियों और कार्यक्रमों को तैयार करती, अंगीकृत करती और मूल्यांकन करती है।
    जीईएफ परिषद, आमतौर पर जिसकी बैठक एक वर्ष में दो बार होती है, की वर्ष 2024 में तीन बार बैठक होगी।
  • यह कार्य योजना (अनुमोदन के लिए प्रस्तुत परियोजनाएँ) की समीक्षा और अनुमोदन करने के साथ-साथ सर्वसम्मति से निर्णय लेता है।

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