संदर्भ:
हाल ही में, विषाणु युद्ध अभ्यास” (Virus War Exercise), राष्ट्रीय वन हेल्थ मिशन (NOHM) के तहत आयोजित किया गया था।
अन्य संबंधित जानकारी
- यह एक व्यापक राष्ट्रीय छद्म अभ्यास है, जो महामारी की तैयारियों का आंकलन करने के लिए 27 अगस्त से 31 अगस्त, 2024 तक राजस्थान के अजमेर जिले में आयोजित की गई थी।
- इस अभ्यास का उद्देश्य मानव स्वास्थ्य, पशुपालन और वन्यजीव क्षेत्रों के विशेषज्ञों से बनी राष्ट्रीय संयुक्त प्रकोप प्रतिक्रिया दल (National Joint Outbreak Response Team-NJORT) की तत्परता और प्रतिक्रिया का मूल्यांकन करना था।
- वास्तविक विश्व में प्रकोप का अनुकरण करने के लिए एक छद्म जूनोटिक रोग प्रकोप परिदृश्य बनाया गया।
- जूनोटिक रोग संक्रामक बीमारियाँ हैं जो जानवरों और मनुष्यों के बीच फैलती हैं। बैक्टीरिया, परजीवी, वायरस, कवक और प्रियन जूनोटिक बीमारियों का कारण बन सकते हैं।
- यह अपनी तरह का पहला अभ्यास है, जो मानव, पशु और पौधों के स्वास्थ्य के लिए सहयोग को बढ़ावा देकर वन हेल्थ मिशन की भूमिका पर प्रकाश डालता है।
- इस अभ्यास में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केन्द्र (NCDC), भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR), राजस्थान राज्य स्वास्थ्य सेवा निदेशालय (DHS) आदि सहित कई हितधारक शामिल थे।
इस अभ्यास को दो प्रमुख घटकों के आधार पर संरचित किया गया था:
क) छद्म प्रकोप के लिए जिम्मेदार वायरस की जांच और पहचान।
ख) मानव और पशु आबादी में बीमारी के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए शुरू की गई कार्रवाई। स्वतंत्र पर्यवेक्षकों ने प्रतिक्रिया की निगरानी की।
अभ्यास का महत्व
- इसने जूनोटिक रोग प्रकोपों के प्रति भारत की तैयारी और प्रतिक्रिया को बढ़ाने के लिए भविष्य की रणनीतियों के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान की तथा सभी प्रासंगिक क्षेत्रों में समन्वित और कुशल दृष्टिकोण को बढ़ावा दिया।
राष्ट्रीय वन हेल्थ मिशन
- राष्ट्रीय वन हेल्थ मिशन, प्रकोप की संभावना वाले रोगाणुओं के विरुद्ध टीके, निदान और उपचार सहित चिकित्सा उपायों के लिए सहयोगात्मक तथा एकीकृत अनुसंधान और विकास पर जोर देता है।
- राष्ट्रीय वन हेल्थ मिशन ‘एक स्वास्थ्य’ दृष्टिकोण की अवधारणा पर आधारित है जो उभरती बीमारियों से निपटने के लिए मानव, पशु और पर्यावरणीय स्वास्थ्य को एकीकृत करता है।
- राष्ट्रीय वन हेल्थ मिशन के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए तेरह मंत्रालय/विभाग अपनी गतिविधियों का समन्वय और तालमेल करते हैं, जिसका संचालन भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय द्वारा प्रमुख हितधारकों के साथ मिलकर किया जाता है।
राष्ट्रीय वन हेल्थ मिशन के प्रमुख स्तंभ निम्न हैं:
- विभिन्न क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी-सक्षम एकीकृत निगरानी।
- जैव सुरक्षा स्तर 3 (BSL-3) प्रयोगशालाओं का राष्ट्रीय नेटवर्क (उच्च जोखिम वाले या अज्ञात रोगाणुओं के परीक्षण हेतु)।
- मानव-पशु-वन्यजीव-पशुधन स्वास्थ्य के लिए टीके, निदान और चिकित्सा सहित चिकित्सा प्रतिवाद के लिए सहयोगात्मक और एकीकृत अनुसंधान एवं विकास।
- विभिन्न क्षेत्रों में डेटा एकीकरण।
- वन हेल्थ से संबंधित सभी क्षेत्रों में प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण।