संबंधित पाठ्यक्रम

GS-2: गरीबी और भुखमरी से संबंधित मुद्दे।

GS-3: बफर स्टॉक और खाद्य सुरक्षा के मुद्दे

संदर्भ: हाल ही में, विश्व में खाद्य सुरक्षा और पोषण की स्थिति 2025 में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि भारत की कुपोषण दर विश्व में सबसे अधिक है।

अन्य संबंधित जानकारी

• यह रिपोर्ट अदीस अबाबा, SOFI 2025  में द्वितीय संयुक्त राष्ट्र खाद्य प्रणाली शिखर सम्मेलन स्टॉकटेक के दौरान जारी की गई।

विश्व में खाद्य सुरक्षा और पोषण की स्थिति, 2025

• SOFI 2025 विश्व भर में भूख, खाद्य सुरक्षा और पोषण पर नवीनतम आँकड़े और विश्लेषण प्रस्तुत करती है, जिसमें स्वस्थ आहार की लागत और वहनीयता पर अद्यतन अनुमान शामिल हैं।

• यह रिपोर्ट सतत विकास लक्ष्य (SDG) 2 के लक्ष्यों के लिए वार्षिक वैश्विक निगरानी रिपोर्ट है।

• यह रिपोर्ट निम्नलिखित द्वारा संयुक्त रूप से तैयार की गई थी:

  • खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO)
  • अंतर्राष्ट्रीय कृषि विकास कोष (IFAD)
  • संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF)
  • विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP)
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)

रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएं

वैश्विक भुखमरी और खाद्य असुरक्षा के रुझान

• वैश्विक जनसंख्या का 8.2% (673 मिलियन लोग) भुखमरी से प्रभावित है, जिसमें 2023 में 8.5% से गिरावट दर्ज की गयी है।

• दक्षिण-पूर्वी एशिया, दक्षिणी एशिया, दक्षिण अमेरिका में भुखमरी में कमी देखी गई, लेकिन अफ्रीका और पश्चिमी एशिया में भुखमरी बढ़ी है।

• क्षेत्रीय आँकड़े:

  • अफ्रीका: 307 मिलियन (20.2%)
  • एशिया: 323 मिलियन (6.7%)
  • लैटिन अमेरिका और कैरिबियन: 34 मिलियन (5.1%)

• अनुमानित भुखमरी (2030): 512 मिलियन लोग, अफ्रीका में 60% 

खाद्य वहनीयता

• खाद्य असुरक्षा की व्यापकता: 2024 में लगभग 2.3 बिलियन लोगों (वैश्विक जनसंख्या का 28%) ने मध्यम या गंभीर खाद्य असुरक्षा का अनुभव किया।

• 2024 में स्वस्थ आहार की लागत बढ़कर प्रति व्यक्ति प्रति दिन $4.46 (PPP) हो गई।

• वहनीयता के रुझान: वैश्विक स्तर पर स्वस्थ आहार का खर्च वहन करने में असमर्थ लोगों की संख्या 2.76 बिलियन (2019) से घटकर 2.60 बिलियन (2024) हो गई।

बाल एवं महिला पोषण संकेतक

• बच्चों में बौनापन (Child stunting) 26.4% (2012) से घटकर 23.2% (2024) हो गया।

• बच्चों में दुर्बलता (Child wasting) 6.6% पर स्थिर रही।

• स्तनपान कराने की दर 2023 में बढ़कर 47.8% हो गई।

• महिलाओं (15-49 वर्ष) में एनीमिया की दर 27.6% से बढ़कर 30.7% (2012-2023) हो गई।

• वयस्कों में मोटापे की दर 12.1% से बढ़कर 15.8% हुई।

• न्यूनतम आहार विविधता एक-तिहाई बच्चों (6-23 महीने) और दो-तिहाई महिलाओं द्वारा हासिल की गई।

SOFI, 2025 में भारत की स्थिति

संकेतकभारत की स्थिति
बौनापन (बच्चे <5 वर्ष)·         2024 में लगभग 18.7% (21 मिलियन से अधिक बच्चे)जो दुनिया में सबसे अधिक है।
शारीरिक तौर पर दुर्बल (बच्चे <5 वर्ष)·         पाँच वर्ष से कम आयु के लगभग 37.4 मिलियन बच्चे शारीरिक तौर पर कमजोर हैं, जो दीर्घकालिक कुपोषण का संकेत है
एनीमिया (महिलाएँ 15–49 वर्ष)·         2023 में लगभग 53.7% (203 मिलियन महिलाएँ) एनीमिया से पीड़ित थीं।·         भारत में इसका प्रचलन सबसे अधिक था और विश्व स्तर पर यह चौथे स्थान पर था – केवल अफ्रीकी देशों गैबॉन, माली और मॉरिटानिया से पीछे।
अल्पपोषित·         2024 में, भारत में 172 मिलियन से अधिक लोग (जनसंख्या का 12%) कुपोषित थे।·         यद्यपि भारत वैश्विक स्तर पर 204 देशों में से 48वें स्थान पर है, फिर भी एशिया में कुपोषित लोगों में सीरिया, अफगानिस्तान, तिमोर-लेस्ते, पाकिस्तान, इराक और जॉर्डन के बाद यह सातवें स्थान पर है।
स्वस्थ आहार की अनुपलब्धता·         2024 में, भारत की 42.9 प्रतिशत आबादी स्वस्थ आहार का खर्च वहन नहीं कर सकी।·         रिपोर्ट में भारत में स्वस्थ आहार की लागत में लगातार वृद्धि का उल्लेख किया गया है – जो 2017 में प्रति व्यक्ति प्रति दिन 2.77 डॉलर पीपीपी (क्रय शक्ति समता में) से बढ़कर 2024 में 4.07 डॉलर हो गई है।
अधिक वजन वाले बच्चे·         2.7 मिलियन (2012) से बढ़कर 4.2 मिलियन (2024) हो गया।
मोटे वयस्क·         33.6 मिलियन (2012) से बढ़कर 71.4 मिलियन (2024) हो गया।

स्रोत:

https://www.downtoearth.org.in/food/india-has-highest-rate-of-wasting-in-the-world-despite-30-decrease-in-undernourishment-since-2006-un-food-security-nutrition-report#:~:text=As%20much%20as%2018.7%20per,report%20released%20on%20July%2028.

https://openknowledge.fao.org/server/api/core/bitstreams/0f709275-883b-47a7-8912-b4ee3c76e285/content

https://openknowledge.fao.org/server/api/core/bitstreams/fe83aa83-6546-4907-98e8-5a3ed124e425/content

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