संदर्भ:

हाल ही में केंद्रीय मंत्रियों ने विश्व बैंक की रिपोर्ट, रोजगार आपके द्वार: छह राज्यों में युवाओं हेतु रोजगार निदान (Jobs at Your Doorstep: A Jobs Diagnostics for Young People in the Six States) जारी किया।

अन्य संबंधित जानकारी:

  • विश्व बैंक अपने राज्यों के लिए शिक्षण-शिक्षा और परिणाम सुदृढ़ीकरण (STARS) कार्यक्रम के माध्यम से शिक्षा मंत्रालय को सहायता प्रदान करता है, जो छह राज्यों पर केंद्रित है: हिमाचल प्रदेश, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और राजस्थान, जिन्हें सामूहिक रूप से स्टार्स (STARS) राज्य के रूप में जाना जाता है।
  • इस अध्ययन में उन प्रमुख क्षेत्रों की पहचान की गई है जो स्कूल से काम पर जाने वाले छात्रों के लिए उच्च मांग वाले रोजगार प्रदान करते हैं।
  • यह रिपोर्ट एक कौशल अंतराल विश्लेषण है जिसका उद्देश्य स्कूलों में पढ़ाए जाने वाले विषयों को उन स्थानीय क्षेत्रों (जहां वे स्कूल स्थित हैं) की उद्योग आवश्यकताओं के साथ मिलाना है।
  • यह रिपोर्ट 6 स्टार्स राज्यों में नीचे से ऊपर की ओर दृष्टिकोण पर निर्भर करते हुए विविध कैरियर पथों के लिए छात्रों को तैयार करने हेतु कक्षा 9 से 12 तक कौशल-आधारित शिक्षा को शामिल करने के महत्वपूर्ण लाभों को रेखांकित करती है।

रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष:

  • सेवा क्षेत्र के रोजगार और कृषि आय में वृद्धि, स्कूल-आधारित कौशल के लिए बड़े अवसर प्रस्तुत करती हैं।
  • 14 क्षेत्र और संबंधित व्यापार स्कूल शिक्षा से लेकर काम तक की उच्च मांग वाली अधिकांश रोजगार (नौकरियों) की पूर्ति कर सकते हैं।

क्षेत्रवार निष्कर्ष:

  • सेवा क्षेत्र:
  • खुदरा, सुचना प्रौद्योगिकी, बैंकिंग और अन्य सेवाओं में नौकरी के प्रमुख अवसर।
  • इन नौकरियों के लिए बहु-कौशल अनुभव और रोजगार योग्यता की आवश्यकता होती है।

कृषि क्षेत्र:

  • स्कूल-आधारित कौशल विकास से कृषि उत्पादकता और आय में वृद्धि हो सकती है।
  • रोजगार सृजन के प्रमुख क्षेत्र: बागवानी, डेयरी फार्मिंग, पशुधन स्वास्थ्य और जलीय कृषि।

खनन क्षेत्र:

  • खतरनाक कार्य स्थितियों और अकुशल श्रम की मांग के कारण रोजगार के सीमित अवसर।

विनिर्माण क्षेत्र:

  • एमएसएमई (लघु व्यवसाय) और बड़े उद्योग मध्यम स्तर के अवसर प्रदान करते हैं।
  • एमएसएमई को बहु-कुशल श्रमिकों की आवश्यकता होती है, जबकि बड़े उद्योगों को विशिष्ट प्रमाणपत्र वाले श्रमिकों की आवश्यकता होती है।

कौशल शिक्षा हेतु सिफारिशें:

  • अधिकाधिक विद्यालयों में कौशल शिक्षा तक पहुंच का विस्तार करना; कौशल केन्द्रों की स्थापना करना।
  • प्रत्येक ट्रेड में अनेक रोजगार भूमिकाओं को लक्षित करते हुए वृहत-आधारित विधाओं का संशोधित सेट प्रस्तुत करना।
  • स्थानीय अर्थव्यवस्था के आधार पर प्रतिचित्रित स्कूल हेतु विधाओं को पुनः संरेखित करना।
  • तकनीकी व्यापार कौशल के साथ-साथ व्यापक रोजगार कौशल पर ध्यान केंद्रित करना।
  • शिक्षण अवसंरचना को बढ़ाना तथा अनुभवात्मक शिक्षण पर ध्यान केन्द्रित करना।
  • उद्योग जगत में अनुभव वाले योग्य प्रशिक्षकों को शामिल करने के लिए तंत्र का गठन करना।
  • कौशल दक्षता के परीक्षण हेतु मूल्यांकन को सुदृढ़ बनाना।
  • उद्योग के साथ गहन एवं सतत साझेदारी विकसित करना।
  • कौशल शिक्षा के बारे में धारणाओं में बदलाव लाना; भावी कार्यबल के कौशल स्तर को बढ़ाने के लिए छात्रों और अभिभावकों को प्रभावी ढंग से परामर्श देना।
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