संदर्भ:
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2024 मनाने हेतु 31 मई को एक कार्यक्रम आयोजित किया।
मुख्य अंश
विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2024 का विषय
- इस वर्ष का विषय, “बच्चों को तंबाकू उद्योग के हस्तक्षेप से बचाना”, जो युवाओं को तंबाकू सेवन के हानिकारक प्रभावों से बचाने की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर बल देता है।
कार्य योजनाएँ
- जैसा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है, तम्बाकू का सेवन भारत में मृत्यु और बीमारी का एक प्रमुख वजह है, जिसके कारण देश में हर वर्ष अनुमानतः 1.35 मिलियन लोगों की मृत्यु होती है।
- तंबाकू नियंत्रण पर विश्व स्वास्थ्य संगठन फ्रेमवर्क सम्मेलन को लागू करने के प्रति भारत की प्रतिबद्धता दोहराई गई।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)
- वर्ष 1948 में स्थापित, विश्व स्वास्थ्य संगठन संयुक्त राष्ट्र की विशेष एजेंसी है जो अंतर्राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य मामलों पर ध्यान केंद्रित करती है।
- मुख्यालय: जिनेवा, स्विटज़रलैंड
- मिशन: इसका मिशन स्वास्थ्य को बढ़ावा देना, दुनिया को स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थितियों से सुरक्षित रखना और दुनिया भर में कमज़ोर लोगों की सेवा करना है।
2024 के लिए लक्ष्य क्षेत्र
- इस कार्यक्रम में वर्ष 2024 में तंबाकू नियंत्रण पहल के लिए प्रमुख क्षेत्रों को रेखांकित किया गया, जिसमें भारत के राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कानून (सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम, 2003) का सख्त प्रवर्तन, जागरूकता अभियान तेज करना, तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थानों को बढ़ावा देना और देश भर में तंबाकू मुक्त गांवों की स्थापना करना शामिल है।
ब्रांड एंबेसडर की नियुक्ति
- भारतीय बैडमिंटन चैंपियन सुश्री पीवी सिंधु को तंबाकू नियंत्रण के लिए ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया गया ताकि युवा बच्चों और युवाओं को सभी प्रकार के तंबाकू से दूर रहने हेतु प्रेरित किया जा सके।
विनियामक उपाय और नीति अद्यतन
- इसमें भारत के नियामक प्रयासों पर प्रकाश डाला गया, जैसे- टीवी और फिल्म नियमों को ओटीटी प्लेटफार्मों तक विस्तारित करना और स्ट्रीमिंग प्लेटफार्मों पर तंबाकू विरोधी चेतावनियों को विनियमित करना।
ऑनलाइन शपथ अभियान
- मंत्रालय ने मायगॉव (MyGov) प्लेटफॉर्म के माध्यम से ऑनलाइन “तंबाकू निषेध शपथ” अभियान शुरू किया, जिससे तंबाकू मुक्त पहल में व्यापक भागीदारी को प्रोत्साहित किया जा सके।
विश्व तंबाकू निषेध दिवस
- विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तम्बाकू उपयोगकर्ताओं को इसे छोड़ने हेतु प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से वर्ष 1987 में “विश्व धूम्रपान निषेध दिवस” के रूप में इसे प्रारंभ किया गया।
- अगले वर्ष, 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस के रूप में स्थापित किया गया, जो एक वार्षिक वैश्विक उत्सव बन गया।
- इसका उद्देश्य तंबाकू के स्वास्थ्य संबंधी खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाना तथा विशेष रूप से युवाओं के बीच इसके उपयोग से निपटने हेतु कड़े कदम उठाने का आग्रह करना है।
- वर्ष 2008 तक, विश्व तंबाकू निषेध दिवस सभी तंबाकू उत्पादों और संबंधित विज्ञापनों पर व्यापक प्रतिबंध की वकालत करने का एक मंच बन गया, विशेष रूप से कमजोर लोगों को लक्षित करने वाली तंबाकू कंपनियों के प्रभाव का मुकाबला करने हेतु।
तम्बाकू उपभोग को हतोत्साहित करने के लिए भारत द्वारा उठाए गए कदम
- सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन प्रतिषेध तथा व्यापार और वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति और वितरण विनियमन) अधिनियम, (COTPA) 2003 का अधिनियमन।
- वर्ष 2004 में विश्व स्वास्थ्य संगठन के तंबाकू नियंत्रण फ्रेमवर्क सम्मेलन (FCTC) का अनुसमर्थन, जो तंबाकू नियंत्रण के वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य मुद्दे पर केंद्रित पहली अंतर्राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य संधि थी।
- वर्ष 2007-08 में राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम (NTCP) का शुभारंभ किया गया, जिसका उद्देश्य तंबाकू उपभोग के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता पैदा करना, तंबाकू उत्पादों के उत्पादन और आपूर्ति को कम करना, सीओटीपीए, 2003 का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करना और डब्ल्यूएचओ-एफसीटीसी द्वारा समर्थित तंबाकू की रोकथाम और नियंत्रण के लिए रणनीतियों के कार्यान्वयन को सुविधाजनक बनाना है।
- खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के अंतर्गत दिनांक 1 अगस्त, 2011 को खाद्य सुरक्षा एवं मानक (बिक्री पर प्रतिषेध एवं प्रतिबंध) विनियम, 2011 जारी किया गया जिसमें यह प्रावधान है कि तम्बाकू और निकोटीन का उपयोग किसी भी खाद्य उत्पाद में सामग्री के रूप में नहीं किया जाएगा।
1 अप्रैल, 2016 से सभी तम्बाकू उत्पादों पर मुख्य प्रदर्शन क्षेत्र के 85% हिस्से पर बड़ी चित्रात्मक चेतावनियों का प्रदर्शन अनिवार्य कर दिया गया है।
- सिगरेट पैकेट स्वास्थ्य चेतावनी: अंतर्राष्ट्रीय स्थिति रिपोर्ट 2018 के अनुसार, सिगरेट पैक पर सबसे बड़ी चित्रात्मक चेतावनी के मामले में 206 देशों में से भारत 5 वें स्थान पर है।
- दुनिया में सिगरेट के पैकेटों पर सबसे अधिक चेतावनियां तिमोर-लेस्ते में हैं, जहां 92.5 प्रतिशत चेतावनियां सामने और पीछे की ओर हैं, इसके बाद नेपाल और वानुअतु में 90 प्रतिशत चेतावनियां हैं तथा न्यूजीलैंड में 87.5 प्रतिशत चेतावनियां हैं, जो चौथे स्थान पर हैं।