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सामान्य अध्ययन-3: समावेशी विकास और इससे संबंधित विषय।
संदर्भ: हाल ही में, वर्ल्ड इनइक्वलिटी लैब ने तीसरी ‘विश्व असमानता रिपोर्ट 2026’ जारी की जो वैश्विक स्तर पर संपत्ति और आय में बढ़ती असमानताओं के चिंताजनक स्तर को उजागर करती है।
रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष

- वैश्विक संदर्भ में
- संपत्ति का असमान वितरण: विश्वस्तर पर शीर्ष 10 प्रतिशत आबादी के पास कुल संपत्ति का तीन-चौथाई (75%) हिस्सा है, जबकि सबसे गरीब 50 प्रतिशत आबादी के पास मात्र 2 प्रतिशत संपत्ति है।
- लैंगिक वेतन अंतराल बना हुआ है: समान कार्य घंटों के लिए महिलाओं को पुरुषों की तुलना में मात्र 61% वेतन मिलता है। परन्तु जब अवैतनिक घरेलू श्रम की गणना की जाती है, तो यह आंकड़ा घटकर मात्र 32% रह जाता है।
- कार्बन उत्सर्जन असमानता: वैश्विक आबादी के सबसे गरीब आधे हिस्से (निचली 50%) की निजी पूंजी स्वामित्व से जुड़े कार्बन उत्सर्जन में भागीदारी केवल 3 प्रतिशत है, जबकि शीर्ष 10 प्रतिशत आबादी अकेले 77 प्रतिशत उत्सर्जन करती है।
- वैश्विक स्तर पर कार्बन उत्सर्जन में भी विषमता है क्योंकि सबसे गरीब 50 प्रतिशत आबादी की की जीवनशैली से होने वाले कार्बन उत्सर्जन में हिस्सेदारी मात्र 3 प्रतिशत है, वहीं शीर्ष 10 प्रतिशत संपन्न आबादी अकेले 77 प्रतिशत कार्बन उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार है।
- असमान वैश्विक वित्तीय प्रणाली: प्रत्येक वर्ष, वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 1 प्रतिशत हिस्सा (जो कि कुल विकास सहायता से करीब तीन गुना अधिक है) विकासशील देशों से विकसित देशों की ओर प्रवाहित होता है। यह वित्तीय प्रवाह मुख्य रूप से अमीर देशों द्वारा प्राप्त निरंतर अतिरिक्त लाभ और उनकी देनदारियों पर कम ब्याज भुगतान के कारण होने वाले ‘शुद्ध विदेशी आय हस्तांतरण’ के माध्यम से होता है।
- क्षेत्रों के बीच असमानता: जहाँ यूरोप और उत्तरी अमेरिका तथा ओशिनिया का अधिकांश हिस्सा सबसे कम असमान क्षेत्रों में शामिल हैं। वहीं, लैटिन अमेरिका, दक्षिणी अफ्रीका और मध्य पूर्व एवं उत्तरी अफ्रीका (MENA) ऐसे क्षेत्र हैं जहाँ सबसे गरीब 50% आबादी की आय बहुत कम है जबकि शीर्ष स्तर पर धन का अत्यधिक संकेंद्रण है।

- भारत-विशिष्ट संदर्भ
- आय की असमानता: राष्ट्रीय आय में 58 % हिस्सा शीर्ष 10 प्रतिशत लोगों का है, जबकि निचली 50 प्रतिशत आबादी का हिस्सा केवल 15 % हिस्सेदारी है।

- धन की असमानता: सबसे अमीर 10 प्रतिशत लोगों का कुल संपत्ति में हिस्सा लगभग 65 प्रतिशत है और उसमें भी शीर्ष 1% के पास लगभग 40 प्रतिशत संपत्ति है।
- श्रम भागीदारी असमानता: महिला श्रम भागीदारी 15.7% के अत्यंत निचले स्तर पर बनी हुई है, जिसमें पिछले एक दशक में कोई सुधार नहीं देखा गया है।
रिपोर्ट की मुख्य सिफारिशें
- समानता सुनिश्चित करने वाले माध्यमों में सार्वजनिक निवेश: निःशुल्क और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा वाले स्कूलों, सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवा, बाल देखभाल तथा पोषण कार्यक्रमों में सार्वजनिक निवेश के माध्यम से शुरुआती जीवन की विषमताओं को दूर किया जा सकता है, जो भविष्य में जीवनपर्यंत सीखने और विकास के समान अवसर सुनिश्चित करता है।
- पुनर्वितरण कार्यक्रम: नकद हस्तांतरण, पेंशन, बेरोजगारी भत्ता और गरीब परिवारों के लिए लक्षित सहायता जैसे कार्यक्रम संसाधनों के न्यायसंगत पुनर्वितरण का प्रभावी माध्यम हैं। ये प्रत्यक्ष तौर पर समाज के समृद्ध वर्ग और सबसे गरीब वर्ग के बीच आय असमानता को कम करने में सहायता कर सकता है।
- लैंगिक समानता को बढ़ावा देना: लैंगिक समानता सुनिश्चित करने के लिए उन संरचनात्मक बाधाओं को तोड़ना अनिवार्य है जो श्रम के मूल्यांकन और वितरण को प्रभावित करती हैं। किफायती बाल देखभाल, पिताओं के लिए अनिवार्य पितृत्व अवकाश और देखभाल कार्यों के लिए ‘पेंशन क्रेडिट’ जैसे उपाय अवैतनिक श्रम को मान्यता देने और उसे पुनर्वितरित करने के लिए आवश्यक हैं। ये कदम सभी के लिए आर्थिक और सामाजिक स्तर पर समान अवसर सुनिश्चित करेंगे।
- निष्पक्ष कर प्रणाली: अति-धनी व्यक्तियों (मल्टी-मिलियनेयर) पर न्यूनतम संपत्ति कर लगाकर उन अनिवार्य संसाधनों को जुटाया जा सकता है, जो शिक्षा, स्वास्थ्य और जलवायु अनुकूलन जैसी परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।
- वैश्विक वित्तीय प्रणाली में सुधार: एक वैश्विक मुद्रा को अपनाने, केंद्रीकृत क्रेडिट और डेबिट सिस्टम को लागू करने और अत्यधिक व्यापार अधिशेष पर सुधारात्मक कर लगाने जैसे सुधार, सामाजिक निवेश हेतु ‘राजकोषीय क्षमता’ का विस्तार कर सकते हैं। ये उपाय उस ‘असमान विनिमय’ की प्रक्रिया को समाप्त करेंगे, जो लंबे समय से वैश्विक वित्त व्यवस्था की पहचान रही है।
