संदर्भ:

10वें राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के उपलक्ष्य में 3 अगस्त, 2024 को “विरासत” नामक एक पखवाड़े तक चलने वाली प्रदर्शनी शुरू हुई।

अन्य संबंधित जानकारी

  • राष्ट्रीय हथकरघा विकास निगम लिमिटेड (NHDC) वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में हथकरघा हाट, नई दिल्ली में हथकरघा प्रदर्शनी का आयोजन कर रहा है। 
  • यह प्रदर्शनी हथकरघा और हस्तशिल्प की गौरवशाली परंपरा पर केंद्रित है।
  • हथकरघा बुनकरों और कारीगरों को बाज़ार से भी जोड़ता है। इस आयोजन की गतिविधियों में प्राकृतिक रंगों पर कार्यशालाएँ, करघा संचालन का सीधा प्रदर्शन, लोक नृत्य और क्षेत्रीय व्यंजनों का स्वाद लेना शामिल है।
  • प्रधानमंत्री ने अपने मन की बात संबोधन में हथकरघा कारीगरों के महत्व पर प्रकाश डाला और नागरिकों से हैशटैग #MyProductMyPride के साथ सोशल मीडिया पर स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने का आग्रह किया।

हथकरघा उद्योग के लिए सरकारी पहल:

  • मुद्रा योजना: माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी (MUDRA) योजना के तहत, बुनकर कार्यशील पूंजी और अन्य व्यावसायिक जरूरतों के लिए रियायती ब्याज दरों पर ऋण प्राप्त कर सकते हैं।
  • धागा आपूर्ति योजना (YSS): धागा आपूर्ति योजना (Yarn Supply Scheme-YSS) हथकरघा बुनकरों को उचित मूल्य पर धागे की पर्याप्त और समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करता है। 
  • राष्ट्रीय हथकरघा विकास कार्यक्रम (NHDP): इस कार्यक्रम का उद्देश्य क्षेत्र-आधारित हस्तक्षेपों के माध्यम से हथकरघा क्षेत्र को व्यापक सहायता प्रदान करना है।
  • हथकरघा बुनकरों की व्यापक कल्याण योजना: यह योजना हथकरघा बुनकरों के स्वास्थ्य, जीवन और कार्य से संबंधित मुद्दों पर गौर करती है। इसमें स्वास्थ्य बीमा, जीवन बीमा शामिल हैं।
  • हथकरघा मार्क योजना: हथकरघा मार्क एक प्रमाणन है जो वास्तविक हथकरघा उत्पादों को प्रमाणित करता है।

राष्ट्रीय हथकरघा दिवस

  • यह दिवस प्रतिवर्ष 7 अगस्त को मनाया जाता है। यह वर्ष 1905 में स्वदेशी आंदोलन की शुरूआत की याद दिलाता है, जिसने स्वदेशी उद्योगों को बढ़ावा दिया।
  • पहला राष्ट्रीय हथकरघा दिवस वर्ष 2015 में चेन्नई में मनाया गया था, जिसका उद्देश्य भारत के सामाजिक-आर्थिक विकास में हथकरघा बुनकर समुदाय के योगदान को सम्मानित करना था।

भारत में हथकरघा क्षेत्र

  • हथकरघा क्षेत्र लगभग 35 लाख लोगों को रोजगार देता है, जिससे यह भारत में कृषि के बाद दूसरा सबसे बड़ा रोजगार क्षेत्र बन गया है।
  • बनारसी, जामदानी, पटोला आदि जैसे अनूठे उत्पाद अपने उत्कृष्ट डिजाइन और शिल्प कौशल के लिए विश्व का ध्यान आकर्षित करते हैं।
  • भारत सरकार ने शून्य दोष और शून्य पर्यावरणीय प्रभाव वाले उच्च गुणवत्ता वाले हथकरघा उत्पादों को ब्रांड बनाने के लिए विभिन्न योजनाएं शुरू की हैं, ताकि उत्पादों को प्रोत्साहित किया जा सके और उन्हें एक विशिष्ट पहचान दी जा सके।

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