संदर्भ: हाल ही में आयोजित “विकास के लिए AI: पूर्वी उत्तर प्रदेश के MSME को सशक्त बनाना” सम्मेलन में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि कैसे कृत्रिम बुद्धिमता, MSME के संचालन में बदलाव ला सकती है, विकास को बढ़ावा दे सकती है और वित्तीय चुनौतियों से निपटने में मदद कर सकती है।

अन्य महत्वपूर्ण जानकारी:

  • यह सम्मेलन इंडो-अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स, वाराणसी डेस्क द्वारा वाराणसी के बनारस क्लब आयोजित किया गया था।
  • वक्ताओं ने इस बात पर प्रकाश डाला कि AI-संचालित उपकरण, दोहराए जाने वाले कार्यों को स्वचालित करते हैं, जिससे कर्मचारी अधिक रणनीतिक और रचनात्मक कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर पाते हैं।
  • AI इन्वेंट्री को अनुकूलित करता है, मांग का अनुमान लगाता है और लॉजिस्टिक्स में सुधार करता है, जिससे परिचालन लागत कम होती है।
  • इसके अलावा, AI रुझानों और उपभोक्ता व्यवहार का अनुमान लगाने के लिए डेटा का विश्लेषण करता है, जिससे MSME को सूचित निर्णय लेने और बाजार की जरूरतों को समझने में मदद मिलती है।

उत्तर प्रदेश में MSME:

  • अक्टूबर 2025 तक, राज्य में 90 लाख MSME है, जो भारत के कुल 6.33 करोड़ MSME में लगभग 14 प्रतिशत का योगदान देता है।
  • उत्तर प्रदेश में MSME 14 मिलियन से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करते हैं और कई MSME की निर्यात-उन्मुख प्रकृति ने राज्य की विदेशी मुद्रा आय में उल्लेखनीय वृद्धि की है।
  • वर्ष 2022 में, उत्तर प्रदेश का MSME निर्यात लगभग $16 बिलियन आंका गया, जो राज्य के कुल निर्यात का लगभग 70% है।

MSME को बढ़ावा देने के लिए सरकारी पहल

  • उत्तर प्रदेश MSME नीति 2022: इसका उद्देश्य पूर्वांचल और बुंदेलखंड जैसे पिछड़े क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देते हुए, पूंजीगत सब्सिडी, स्टांप शुल्क छूट और बुनियादी ढाँचे के समर्थन के माध्यम से उत्तर प्रदेश में MSME के विकास को बढ़ावा देना है।
  • मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान योजना (सीएम-युवा): इसका उद्देश्य युवाओं को केवल वेतनभोगी नौकरियों पर निर्भर रहने के बजाय अपने स्वयं के लघु उद्योग, सेवा उद्यम या व्यावसायिक इकाइयाँ स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करना है।
  • ODOP सामान्य सुविधा केंद्र प्रोत्साहन: ज़िला-विशिष्ट उत्पादों के उत्पादन में लगे कारीगरों तथा उद्यमियों को बुनियादी ढाँचा और साझा सुविधाएँ प्रदान करना।
  • विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना: राज्य के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के पारंपरिक कारीगरों जैसे बढ़ई, दर्जी, टोकरी बुनकर और हस्तशिल्पियों की आजीविका के साधनों को सुदृढ़ करना और उनके जीवन स्तर को उन्नत करना।
  • उत्तर प्रदेश सूक्ष्म एवं लघु उद्योग तकनीकी उन्नयन योजना: उत्पाद गुणवत्ता सुधार, पर्यावरण सुधार, ऊर्जा दक्षता, गुणवत्तापूर्ण पैकेजिंग परीक्षण सुविधाओं और कम्प्यूटरीकृत गुणवत्ता नियंत्रण जैसे विभिन्न क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।

भविष्य की पहल:

  • सरकार 155 औद्योगिक समूहों को एक समर्पित ई-कॉमर्स (e-com) प्लेटफॉर्म से जोड़ने की योजना बना रही है: समर्पित ई-कॉम पोर्टल UPSIDA द्वारा विकसित किया जा रहा है।
    • यह इन 155 समूहों में कार्यरत कच्चे माल के आपूर्तिकर्ताओं, निर्माताओं और तैयार माल विक्रेताओं को जोड़ेगा।
Shares: