संदर्भ:

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने वायु श्वास प्रणोदन प्रौद्योगिकी (एयर ब्रीदिंग प्रोपल्शन टेक्नोलॉजी) का प्रदर्शन करने के लिए दूसरी प्रायोगिक उड़ान का सफलतापूर्वक संचालन किया

अन्य संबंधित जानकारी

प्रणोदन प्रणालियों को RH -560 साउंडिंग रॉकेट के दोनों ओर सममित रूप से स्थापित किया गया तथा 22 जुलाई को श्रीहरिकोटा सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC) से प्रक्षेपित किया गया।

  • साउंडिंग रॉकेट एक या दो चरण वाले ठोस प्रणोदक रॉकेट होते हैं, जिनका उपयोग ऊपरी वायुमंडलीय क्षेत्रों की जाँच और अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए किया जाता है।
  • वर्तमान में, परिचालनात्मक साउंडिंग रॉकेट के तीन संस्करण उपलब्ध हैं:
  1. RH-200 
  2. RH-300-Mk-II 
  3. RH-560-MK-II
  • तीनों में से सबसे बड़ा RH-560, भारी पेलोड ले जाने की अपनी क्षमता के कारण इस प्रयोग के लिए प्रक्षेपण यान के रूप में कार्य किया।
  • RH-560 एक दो-चरणीय, ठोस ईंधन आधारित उप-कक्षीय रॉकेट है, जिसे उन्नत प्रौद्योगिकियों के प्रदर्शन के लिए लागत प्रभावी उड़ान परीक्षण वाहन के रूप में उपयोग करने के लिए डिजाइन किया गया है।
  • मिशन से पहले, विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC), द्रव प्रणोदन प्रणाली केंद्र (LPSC) और इसरो प्रणोदन कॉम्प्लेक्स (IPRC) सहित विभिन्न इसरो केंद्रों और CSIR-राष्ट्रीय एयरोस्पेस प्रयोगशाला (CSIR-NAL), बेंगलुरु में कई जमीनी परीक्षण किए गए थे।
  • उड़ान के दौरान इसके प्रदर्शन का आकलन करने के लिए लगभग 110 मापदंडों की निगरानी की गई।  

वायु श्वास प्रणोदन प्रौद्योगिकीक्या है?

  • ईंधन और ऑक्सीडाइज़र दोनों ले जाने वाले पारंपरिक रॉकेट इंजनों के विपरीत, वायु-श्वास इंजन ऑक्सीडाइज़र के रूप में वायुमंडल से ऑक्सीजन का उपयोग करते हैं।

यह कार्य किस प्रकार करता है: 

  • इंजन वायुमंडल से वायु ग्रहण करता है।
  • इस वायु को संपीड़ित करके ईंधन के साथ मिश्रित किया जाता है।
  • मिश्रण को प्रज्वलित किया जाता है, जिससे प्रणोद (थ्रस्ट) उत्पन्न होता है।

वायु श्वास (एयर ब्रीदिंग) इंजन के प्रमुख घटक:

  • अंतर्ग्रहण (इनटेक): वायुमंडल से वायु एकत्रित करता है।
  • कंप्रेसर: वायु दाब बढ़ाता है (कुछ प्रकार के इंजनों में)।
  • दहन कक्ष: जहां ईंधन का दहन किया जाता है।
  • टर्बाइन: कंप्रेसर को चलाने के लिए गर्म निष्कासित गैसों से ऊर्जा प्राप्त करता है (टर्बोजेट और टर्बोफैन इंजन में)।
  • नोजल: प्रणोद (थ्रस्ट) उत्पन्न करने के लिए निकास गैसों को त्वरित करता है।

एयर ब्रीदिंग इंजन के प्रकार:

  • रैमजेट: सबसे सरल रूप, आने वाली हवा को संपीड़ित करने के लिए वाहन की गति पर निर्भर करता है।
  • स्क्रैमजेट: सुपरसोनिक गति से संचालित होता है, जिससे उच्च दक्षता प्राप्त होती है। 

इस तकनीक के लाभ:

  • कम वजन: ऑक्सीडाइजर को ले जाने की आवश्यकता समाप्त होने से प्रक्षेपण वाहन का भार काफी कम हो जाता है।
  • बढ़ी हुई पेलोड क्षमता: वजन में कमी के कारण अधिक भारी पेलोड को अंतरिक्ष में ले जाया जा सकता है।
  • संवर्धित दक्षता: वायुमंडलीय ऑक्सीजन का लाभ उठाकर एयर ब्रीदिंग इंजन संभावित रूप से उच्च विशिष्ट आवेग प्राप्त कर सकते हैं, जो इंजन दक्षता का एक माप है।

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