संदर्भ : विश्व शहर दिवस (31 अक्टूबर) पर, उज्बेकिस्तान के समरकंद में यूनेस्को महासम्मेलन के 43वें सत्र के दौरान, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ को आधिकारिक तौर पर यूनेस्को के ‘रचनात्मक पाक-कला शहर’ के रूप में नामित किया गया।
- यह मान्यता लखनऊ को दुनिया भर के उन 70 अन्य शहरों की श्रेणी में रखती है जो अपनी समृद्ध पाक विरासत के लिए प्रसिद्ध हैं।
अन्य महत्वपूर्ण जानकारी:
- यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क (UCCN) ने स्वादिष्ट भोजन की विस्तृत श्रृंखला के लिए लखनऊ सहित 58 शहरों को नेटवर्क के नए सदस्य के रूप में शामिल किया।
- इस पहचान के साथ, लखनऊ यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज़ नेटवर्क में हैदराबाद (भारत), अल-मदीना अल-मुनव्वरा (सऊदी अरब), केलोना (कनाडा), क्वानझोउ (चीन) और ज़रागोज़ा (स्पेन) जैसे शहरों में शामिल हो गया है।
- यह सम्मान लखनऊ की शाही रसोई से लेकर जीवंत स्ट्रीट फूड संस्कृति तक की सदियों पुरानी पाक परंपराओं का जश्न मनाता है और इसकी जीवंत विरासत को मान्यता देता है, जिसमें कलात्मकता, आतिथ्य और सांस्कृतिक सद्भाव का मिश्रण है।

लखनऊ (अवधी) व्यंजन
- प्राचीन पाक–कला विरासत: लखनऊ की पाक-कला विरासत 18वीं शताब्दी से चली आ रही है, जब अवध के नवाबों ने भोजन को एक कला के रूप में बदल दिया था।
- दम-शैली की बिरयानी, मुँह में घुल जाने वाले गलौटी कबाब, रेशमी निहारी और मक्खन मलाई जैसी मिठाइयाँ परिष्कार और उदारता की अभिव्यक्ति बन गईं।
- गंगा-जमुनी तहज़ीब की झलक: लखनऊ का खाना उसकी गंगा-जमुनी तहज़ीब को दिखाता है, जो संस्कृतियों, समुदायों और स्वादों का एक अनोखा मेल है।
- सांस्कृतिक कूटनीति के लिए एक उपकरण के रूप में पाक विरासत: गलौटी कबाब, अवधी बिरयानी, टोकरी चाट, पूरी-कचौरी और मलाई गिलोरी जैसे प्रतिष्ठित व्यंजन लखनऊ की पाक कला को प्रदर्शित करते हैं, तथा भोजन को संवाद, समावेशिता और स्थिरता के प्रतीक के रूप में उजागर करते हैं।
सम्मान का महत्व:
- वैश्विक मान्यता: लखनऊ में परोसी जाने वाली हर थाली शाही रसोई, रेहड़ी-पटरी वालों और सांस्कृतिक एकता की कहानी बयां करती है। यह सम्मान वैश्विक पहुँच को मज़बूत करेगा और खाद्य-आधारित आजीविका को बढ़ावा देगा।
- रोजगार और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना: इससे अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिए नए रास्ते खुलेंगे, आर्थिक विकास, उद्यमिता और स्थानीय रोजगार को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही भारत की पाक-कला राजधानी के रूप में लखनऊ की पहचान मजबूत होगी।
- पाक-कला पर्यटन को बढ़ावा: सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2024 में लखनऊ में 8.27 मिलियन पर्यटक आए थे, और 2025 की पहली छमाही में ही 7 मिलियन से अधिक पर्यटक आ चुके थे, जो दर्शाता है कि किस प्रकार भोजन और संस्कृति पर्यटन वृद्धि को आगे बढ़ा रहे हैं।
- सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देना: यह एक जीवंत संस्कृति के प्रति श्रद्धांजलि है जहां हर स्वाद अपने लोगों की कहानी कहता है।

