संदर्भ:
हाल ही में, रूस ने एक mRNA-आधारित कैंसर वैक्सीन विकसित किया है। यह वैक्सीन पूर्व-नैदानिक परीक्षणों में ट्यूमर के विकास और मेटास्टेसिस को रोकने में सक्षम है। वर्ष 2025 की शुरुआत से यह वैक्सीन मरीजों के लिए निःशुल्क उपलब्ध होगी।
अन्य संबंधित जानकारी
कृत्रिम तंत्रिका नेटवर्क के उपयोग से व्यक्तिगत कैंसर वैक्सीन बनाने के लिए आवश्यक कंप्यूटिंग की अवधि को कम किया जा सकता है।
यह वैक्सीन प्रत्येक व्यक्ति के ट्यूमर के आनुवंशिक विश्लेषण पर आधारित है। इसमें नियोएंटीजन नामक विशिष्ट उत्परिवर्तनों की पहचान की जाती है।
यह वैक्सीन कैंसर कोशिकाओं पर हमला करने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रेरित करने के लिए नियोएंटीजन का उपयोग करने के सिद्धांत पर काम करता है, ठीक उसी तरह जैसे वैक्सीन संक्रामक रोगों के खिलाफ काम करते हैं इन नियोएंटीजन का उपयोग एक व्यक्तिविशेष वैक्सीन बनाने के लिए किया जाएगा। यह प्रतिरक्षा प्रणाली को कैंसर कोशिकाओं को पहचानने और लक्षित करने के लिए प्रशिक्षित करेगा।
- नियोएंटीजन केवल कैंसरग्रस्त कोशिकाओं पर पाए जाने वाले प्रोटीन होते हैं। यह कैसर की कोशिकाओं को पहचानने के लिए शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रशिक्षित करता है, जिसके परिणामस्वरूप शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कैंसर से लड़ने में सक्षम हो जाती है।
वैक्सीनकी व्यवहार्यता:
- विशेषज्ञों को विस्तृत आँकड़ों की कमी के साथ-साथ रूस और चीन के संस्थानों से अनुसंधान संबंधी विश्वसनीय आँकड़ों के आसानी से प्राप्त नहीं होती है। इस वजह से विशेषज्ञ रूस द्वारा विकसित वैक्सीन पर नजर रखें हुए हैं।
- पिछले रूसी वैक्सीन परीक्षणों (जैसे कि कोविड-19 वायरस के लिए स्पुतनिक V) ने छोटे परीक्षण समूहों और असंगत पैटर्न सहित आँकड़ों की प्रामाणिकता को लेकर चिंता व्यक्त की गई थीं। कैंसर वैक्सीन सभी के लिए एक जैसे नहीं होते हैं और ये केवल विशिष्ट प्रकार के कैंसर या विशिष्ट उत्परिवर्तन वाले कैंसर के लिए ही प्रभावी होते हैं।
- इन वैक्सीनों और प्रतिरक्षा चिकित्सा पद्धतियों की सफलता में लागत-लाभ अनुपात महत्वपूर्ण है। साथ ही, इसे व्यापक स्तर तक पहुँचाने के लिए सरकारी स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रमों में शामिल किया जाना चाहिए।
अन्य वैश्विक कैंसर वैक्सीन विकास परियोजना :
- वैश्विक स्तर पर कई कैंसर वैक्सीन अनुसंधान कार्यक्रम संचालित हैं, जिनमें मेमोरियल स्लोअन केटरिंग (MSK) अग्नाशय के कैंसर पर बेहतरीन कार्य किया कर रहा है।
- अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने प्रोस्टेट कैंसर को लक्षित करने वाले सिपुल्यूसेल-टी (Sipuleucel-T) नामक कैंसर वैक्सीन को मंजूरी दे दी है। इसकी प्रभावशीलता सीमित है। यह व्यक्ति को केवल कुछ महीनों तक ही जीवित रहने में मदद करती है।
- विभिन्न प्रयासों के बावजूद, वैश्विक स्तर पर कैंसर के वैक्सीन के संबंध में कोई विशिष्ट सफलता नहीं मिली है।
- गर्भाशय-ग्रीवा कैंसर और क्रोनिक हेपेटाइटिस-बी के मामले में HPV (ह्यूमन पेपिलोमा वायरस) जैसे संक्रमणों की रोकथाम के लिए वैक्सीन इससे संबंधित प्रकार के कैंसर को कम करने में पहले से ही प्रभावी हैं। यह कैंसर की रोकथाम में वैक्सीनेशन की क्षमता को रेखांकित करता है।