संदर्भ:
सर्वोच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग (NCH) के अध्यक्ष को अपने पद से इस्तीफा देने का निर्देश दिया क्योंकि उनकी नियुक्ति कानून के मानदंडों के अनुसार नहीं की गई थी।
अन्य संबंधित जानकारी:
यह आदेश अमरागौड़ा एल पाटिल (उसी पद के लिए आवेदक) द्वारा NCH के वर्तमान अध्यक्ष की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर आया ।
इस नियुक्ति को इस आधार पर चुनौती दी गई थी कि NCH के अध्यक्ष के पास राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग अधिनियम, 2020 की धारा 4(2) और 19 के तहत अपेक्षित अनुभव नहीं था।
- राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग अधिनियम, 2020 की धारा 4(2) और धारा 19 में न्यूनतम 20 वर्ष का अनुभव अनिवार्य है, जिसमें अध्यक्ष को 10 साल तक किसी विभाग या किसी संगठन के प्रमुख के रूप में नेता होना आवश्यक था।”
- यहां “नेता” शब्द का तात्पर्य किसी विभाग का प्रमुख या किसी संगठन का प्रमुख से है।
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राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग (NCH)
NCH का गठन 2021 में संसद के एक अधिनियम द्वारा किया गया था जिसे राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग अधिनियम, 2020 के रूप में जाना जाता है।
आयुष मंत्रालय के तहत NCH ने 2021 में अधिसूचना द्वारा पूर्ववर्ती होम्योपैथी केंद्रीय परिषद अधिनियम, 1973 को निरस्त कर दिया था।
NCH होम्योपैथी चिकित्सा पेशेवरों को नवीनतम चिकित्सा अनुसंधान को अपनाने और होम्योपैथी में अनुसंधान में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित करता है।
राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग (NCH) के उद्देश्य हैं:
- होम्योपैथी में गुणवत्तापूर्ण और सस्ती चिकित्सा शिक्षा तक पहुंच में सुधार करना।
- देश के सभी भागों में पर्याप्त एवं उच्च गुणवत्ता वाले होम्योपैथी चिकित्सा पेशेवरों की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
- समतामूलक और सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवा को बढ़ावा देना, जो सामुदायिक स्वास्थ्य परिप्रेक्ष्य को प्रोत्साहित करना तथा होम्योपैथी चिकित्सा पेशेवरों की सेवाओं को सभी नागरिकों के लिए सुलभ और सस्ती बनाए रखना।
आयोग की संरचना:
- एक अध्यक्ष
- सात पदेन सदस्य (केन्द्र सरकार द्वारा नियुक्त)
- उन्नीस अंशकालिक सदस्य (केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त)
मुख्यालय: – नई दिल्ली