संदर्भ:

हाल ही में, सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड अर्थात, भारतीय सौर ऊर्जा निगम (Solar Energy Corporation of India-SECI) ने भारत में हरित अमोनिया का उत्पादन करने के लिए हरित अमोनिया उत्पादकों का चयन करने के लिए रीक्वेस्ट फॉर सिलेक्शन (RfS) जारी किया है।

अन्य संबंधित जानकारी

  • ई-बोली के माध्यम से उत्पादन और आपूर्ति के लिए हरित अमोनिया की कुल उपलब्ध क्षमता 5.39 लाख मीट्रिक टन (एमटी)/वर्ष के लिए बोली लगाई जाएगी, जिसके बाद ई-रिवर्स नीलामी प्रक्रिया होगी।
  • हरित हाइड्रोजन संक्रमण कार्यक्रम हेतु रणनीतिक हस्तक्षेप (Strategic Interventions for Green Hydrogen Transition Programme- SIGHT) स्कीम (मोड-2A-ट्रेंच-I) के तहत लागत-आधारित प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से किया जाएगा।
    यह पहल नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) द्वारा क्रियान्वित राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन (NGHM) का भाग है।

सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SECI)

  • यह नवीन और नवीनकरणीय मंत्रालय (MNRE) के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (CPSU) है, जिसे वर्ष 2011 में राष्ट्रीय सौर मिशन (NSM) के क्रियान्वयन और उसमें निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति को सुविधाजनक बनाने के लिए स्थापित किया गया था।
  • यह अक्षय ऊर्जा क्षेत्र को समर्पित एकमात्र केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम(CPSU) है।
  • इसे मूलतः कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत धारा 25 (लाभ के लिए नहीं) कंपनी के रूप में शामिल किया गया था।
  • बाद में, इस कंपनी को कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत वर्ष 2015 में सेक्शन-3 की कंपनी में परिवर्तित कर दिया गया।  

राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन (National Green Hydrogen Mission-NGHM)

  • इसका उद्देश्य भारत को हरित हाइड्रोजन और इसके व्युत्पन्नों के उत्पादन, उपयोग और निर्यात का वैश्विक केंद्र बनाना है।
  • इसके अतिरिक्त, भारत को स्वच्छ ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर बनाना, अर्थव्यवस्था को कार्बन मुक्त करना, जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करना और हरित हाइड्रोजन में अग्रणी देश बनाना है।
  • इस मिशन के परिणामस्वरूप वर्ष 2030 तक निम्नलिखित संभावित परिणाम देखने को मिलेंगे:
  • हरित हाइड्रोजन: इसे अक्षय या नवीनकरणीय ऊर्जा से उत्पन्न बिजली के माध्यम से जल के विद्युत अपघटन (इलेक्ट्रोलिसिस) करके बनाया जाता है। अंततः, कार्बन की सघनता विद्युत के स्रोत की कार्बन तटस्थता पर निर्भर करती है।
  • हरित अमोनिया: यह अमोनिया का एक कार्बन-मुक्त और नवीकरणीय रूप है, जिसे जल के विद्युत अपघटन (इलेक्ट्रोलिसिस) से प्राप्त हाइड्रोजन और हवा से पृथक नाइट्रोजन का उपयोग करके बनाया जाता है तथा व्यापक स्तर पर, इसका उपयोग कृषि उर्वरक बनाने हेतु किया जाता है।

हरित हाइड्रोजन संक्रमण कार्यक्रम हेतु रणनीतिक हस्तक्षेप (Strategic Interventions for Green Hydrogen Transition Programme- SIGHT)

  • हरित हाइड्रोजन संक्रमण कार्यक्रम हेतु रणनीतिक हस्तक्षेप (SIGHT) कार्यक्रम के अंतर्गत, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने पहले ही प्रतिवर्ष 4.12 लाख मीट्रिक टन (एमटी) हरित हाइड्रोजन उत्पादन के अतिरिक्त प्रतिवर्ष 1.5 गीगावाट वैद्युत अपघटक (इलेक्ट्रोलाइजर) के विनिर्माण क्षमता के लक्ष्य को निर्धारित कर दिया है।
  • इस कार्यक्रम में वैद्युत अपघटक (इलेक्ट्रोलाइजर) के घरेलू विनिर्माण और हरित हाइड्रोजन के उत्पादन को समर्थन देने के लिए दो अलग-अलग वित्तीय प्रोत्साहन व्यवस्था का प्रस्ताव है।

“हरित हाइड्रोजन उत्पादन के लिए प्रोत्साहन योजना” के क्रियान्वयन हेतु कई विधि हो सकते हैं। वर्तमान में, इनमें से दो की पहचान इस प्रकार की गई है:

  • विधि 1: प्रतिस्पर्धी चयन प्रक्रिया के माध्यम से तीन वर्षों में माँगें गए न्यूनतम प्रोत्साहन पर बोली लगाई जाएगी।
  • मोड 2: क्रियान्वयन एजेंसी माँग को एकत्रित करेगी और प्रतिस्पर्धी चयन प्रक्रिया के माध्यम से न्यूनतम लागत पर हरित हाइड्रोजन और इसके व्युत्पन्नों की खरीद के लिए बोलियाँ आमंत्रित करेगी।

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