प्रसंग: 

हाल ही में, केंद्रीय संचार मंत्री ने राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन (National Broadband Mission-NBM) 2.0 का विज़न दस्तावेज़ जारी करके इसका शुभारंभ किया।

अन्य संबंधित जानकारी

मंत्री ने संचार साथी मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया और डिजिटल भारत निधि द्वारा वित्त पोषित 4जी मोबाइल साइटों पर इंट्रा सर्किल रोमिंग (ICR) का उद्घाटन किया।

  • संचार साथी मोबाइल ऐप: यह नागरिकों को उनकी दूरसंचार सेवाओं को सुरक्षित रखने और धोखाधड़ी को रोकने में मदद करने के लिए बनाया गया है।
  • डिजिटल भारत निधि द्वारा वित्तपोषित 4जी साइटों पर इंट्रा सर्किल रोमिंग (आईसीआर) : यह पूरे देश में निर्बाध 4जी कनेक्टिविटी सुनिश्चित करता है।
  • यह पहल विभिन्न दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी – बीएसएनएल, एयरटेल, रिलायंस) को एक ही टावर अवसंरचना का उपयोग करने मे सक्षम बनातीहै, जिससे पूरे देश में निर्बाध 4जी सेवाएं उपलब्ध हो सकेंगी।
  • देश भर में लगभग 27,836 डिजिटल भारत निधि -वित्त पोषित साइटों के साथ, यह कदम विशेष रूप से ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित करता है, जिससे 35,400 से अधिक गांव लाभान्वित होंगे।

राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन (NBM) 2.0

  • NBM 2.0, NBM 1.0 का अद्यतन संस्करण है, जिसके तहत लगभग 8 लाख दूरसंचार टावर स्थापित किए गए थे।
  • NBM 2.0, ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाने और डिजिटल विभाजन अंतराल को काम करने के लिए हाई-स्पीड इंटरनेट प्रदान करके, 2047 तक “विकसित भारत” के सरकार के दृष्टिकोण का समर्थन करने में महत्वपूर्ण है।
  • मिशन: – एक ऐसा संबद्ध, लचीला और सतत भारत का निर्माण करना जहां प्रौद्योगिकी और नवाचार सभी की समृद्धि के लिए हो।

प्रमुख उद्देश्य 

  • 2030 तक 2.70 लाख गांवों तक परिचालन ऑप्टिकल फाइबर केबल (OFC) संपर्कता का विस्तार करना, वर्तमान ~50,000 से 95 प्रतिशत अपटाइम के साथ।
  • 2030 तक स्कूलों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, आंगनवाड़ी केन्द्रों और पंचायत कार्यालयों जैसे 90 प्रतिशत प्रमुख संस्थानों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करना।
  • फिक्स्ड ब्रॉडबैंड डाउनलोड गति में सुधार करना – राष्ट्रीय औसत को नवंबर 2024 में 63.55 एमबीपीएस से बढ़ाकर 2030 तक न्यूनतम 100 एमबीपीएस करना।
  • 2026 तक पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टरप्लान प्लेटफॉर्म (PMGS) पर सरकारी सार्वजनिक उपक्रमों के स्वामित्व वाले फाइबर नेटवर्क की 100 प्रतिशत मैपिंग प्राप्त करना और अतिरिक्त भारतनेट परियोजना की योजना के लिए PMGS का उपयोग करना।
  • व्यापार में सुगमता के लिए – राइट ऑफ वे आवेदन के औसत निपटान समय को 60 दिनों (अभी) से घटाकर 2030 तक 30 दिन करना। 2019 में यह 449 दिन था।
  • प्रति 100 जनसंख्या पर ग्रामीण इंटरनेट उपभोक्ताओं की संख्या को वर्तमान 45 से बढ़ाकर 2030 तक 60 करना।
  • 2030 तक 30 प्रतिशत मोबाइल टावरों को सतत ऊर्जा से संचालित करने का लक्ष्य प्राप्त करना।
  • भूमिगत दूरसंचार अवसंरचना और अन्य उपयोगिताओं की सुरक्षा के लिए ‘कॉल बिफोर यू डिग’ (CBDU) मोबाइल ऐप के उपयोग को बढ़ाने पर काम किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने मार्च 2023 में इसका शुभारंभ किया था।
  • दूरसंचार अधिनियम, 2023 के अंतर्गत जारी नए आरओडब्ल्यू नियम, 2024 के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए सभी हितधारकों अर्थात केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों, राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और नगर पालिकाओं के साथ सहयोग करें।
  • देश के कोने-कोने में 5जी नेटवर्क की सुविधा प्रदान करने तथा 6जी के भविष्योन्मुखी नेटवर्क के लिए, देश भर में मजबूत, उपयोग के लिए तैयार स्ट्रीट फर्नीचर अवसंरचना के निर्माण के लिए कार्य करना।
  • दूरसंचार नेटवर्क और अन्य उपयोगिताओं के रखरखाव और लागत दक्षता में सुधार करने के लिए सभी रैखिक परियोजनाओं में सामान्य/साझा करने योग्य दूरसंचार वाहिनी और उपयोगिता गलियारों के लिए सभी हितधारकों के साथ काम करना।
  • देश के दूर-दराज, सुदूर और पहाड़ी क्षेत्रों में, जहां पारंपरिक बुनियादी ढांचे को तैनात करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, आपदाओं, युद्धों और अन्य आपात स्थितियों के दौरान ब्रॉडबैंड संपर्कता बढ़ाने और ब्रॉडबैंड नेटवर्क की विश्वसनीयता, उत्तरजीविता और लचीलेपन में सुधार के लिए ऑप्टिकल ग्राउंड वायर (OPGW) जैसी विद्युत क्षेत्र की परिसंपत्तियों का लाभ उठाना।

भारत के ब्रॉडबैंड कनेक्शन

  • 2014 से ब्रॉडबैंड कनेक्शन (वायरलेस और वायरलाइन) में काफी वृद्धि हुई है, जो 2014 में 6.1 करोड़ से बढ़कर 2023 में 83.22 करोड़ हो गई है (31 दिसंबर 2022 तक)।
  • उल्लेखनीय है कि 83.22 करोड़ ब्रॉडबैंड कनेक्शनों में से 79.98 करोड़ वायरलेस हैं जबकि 3.23 करोड़ वायरलाइन हैं । 
  • 2015 और 2021 के बीच ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट सदस्यता में 200% और शहरी क्षेत्रों में 158% की प्रभावशाली वृद्धि देखी गई ।
  • इस वृद्धि का श्रेय भारत के ‘डिजिटल इंडिया’ कार्यक्रम को दिया जा सकता है , जिसे 2015 में लॉन्च किया गया था।
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