संदर्भ:

हाल ही में, आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम (NICDP) के तहत 12 औद्योगिक शहरों की स्थापना को मंजूरी दी।

अन्य संबंधित जानकारी

  • ये औद्योगिक क्षेत्र उत्तराखंड के खुरपिया, पंजाब के राजपुरा-पटियाला, महाराष्ट्र के दिघी, केरल के पलक्कड़, उत्तर प्रदेश के आगरा और प्रयागराज, बिहार के गया, तेलंगाना के जहीराबाद, आंध्र प्रदेश के ओरवाकल और कोप्पर्थी और राजस्थान के जोधपुर-पाली में स्थित होंगे।
  • रणनीतिक निवेश: राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम वर्ष 2030 तक 2 ट्रिलियन डॉलर के निर्यात को हासिल करने के लिए प्रमुख उद्योगों और एमएसएमई को आकर्षित करेगा, जिससे भारत की आत्मनिर्भरता और वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी।
  • स्मार्ट शहर और आधुनिक बुनियादी ढांचा: नए ग्रीनफील्ड स्मार्ट शहरों को उन्नत बुनियादी ढांचे एवं ‘प्लग-एंड-प्ले’ और ‘वॉक-टू-वर्क’ अवधारणाओं के साथ विकसित किया जाएगा, जो “मांग से पहले” तैयार होंगे।
  • पीएम गतिशक्ति पर क्षेत्रीय दृष्टिकोण: पीएम गतिशक्ति योजना के अनुरूप, इन शहरों में क्षेत्रीय विकास तथा लोगों और वस्तुओं की निर्बाध आवाजाही को बढ़ावा देने के लिए मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी की सुविधा होगी।

12 औद्योगिक शहरों की स्थापना का महत्व

‘विकसित भारत’ का विज़न:

  • ये परियोजनाएं वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं (GVC) में देश की भूमिका को बढ़ाकर भारत के ‘विकसित भारत’ के दृष्टिकोण की सहायता करती हैं।
  • वे तत्काल उपयोग के लिए विकसित भूमि उपलब्ध कराएंगे, घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय निवेश को प्रोत्साहित करेंगे तथा ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल का समर्थन करेंगे।

आर्थिक प्रभाव और रोजगार सृजन:

  • राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम से लगभग 1 मिलियन प्रत्यक्ष रोजगार और 3 मिलियन तक अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की उम्मीद है, जिससे आर्थिक वृद्धि और क्षेत्रीय विकास में योगदान मिलेगा। 

सतत विकास के प्रति प्रतिबद्धता:

  • परियोजनाएं पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए आईसीटी-सक्षम उपयोगिताओं और हरित प्रौद्योगिकियों के साथ स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करेंगी।
  • इसका उद्देश्य ऐसे औद्योगिक शहरों का विकास करना है जो आर्थिक केंद्र और पर्यावरण प्रबंधन के आदर्श हों।

राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम 

  • दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारा विकास निगम (DMICDC) लिमिटेड को वर्ष 2008 में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण के अंतर्गत एक विशेष प्रयोजन वाहन (SPV) के रूप में शामिल किया गया था।
  • दिसंबर 2016 में डीएमआईसी ट्रस्ट के अधिदेश के विस्तार और राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास और कार्यान्वयन ट्रस्ट (NICDIT) के रूप में पुनर्गठन के बाद, भारत के प्रमुख ‘राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा कार्यक्रम’ के हिस्से के रूप में विभिन्न औद्योगिक गलियारा परियोजनाओं को विकसित करने के लिए वर्ष 2020 में दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारा विकास निगम लिमिटेड का नाम बदलकर एनआईसीडीसी लिमिटेड कर दिया गया। 
  • इसका उद्देश्य नए औद्योगिक शहरों को “स्मार्ट सिटी” के रूप में विकसित करना तथा बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकियों का सम्मिलन करना है।
  • इसे बड़े प्रमुख उद्योगों और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) से निवेश की सुविधा प्रदान करके एक जीवंत औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
  • राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा कार्यक्रम के भाग के रूप में देश में 4 चरणों में 32 परियोजनाओं के साथ 11 औद्योगिक गलियारे विकसित किए जाएंगे।

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