संदर्भ:
राज्य 1 अगस्त से ई-नीलामी में भाग लिए बिना खुली बाजार बिक्री योजना (घरेलू) के अंतर्गत भारतीय खाद्य निगम (Food Corporation of India-FCI) से चावल सीधे खरीद सकते हैं।
अन्य संबंधित जानकारी
- यह निर्णय इस खरीफ फसल के बाद होने वाली खरीद से पहले भारी अधिशेष भंडार को कम करने के लिए लिया गया था।
- जून 2023 में, केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को खुली बाजार बिक्री योजना के तहत केंद्रीय संग्रह से चावल और गेहूं की बिक्री बंद कर दी थी।
- यदि राज्य प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत प्रति व्यक्ति निर्धारित पांच किलोग्राम मुफ्त अनाज के अलावा अधिक चावल खरीदना चाहते हैं, तो वे इसे 2,900 रुपये प्रति क्विंटल की पूर्व दर के बजाय 2,800 रुपये प्रति क्विंटल (परिवहन लागत को छोड़कर) पर खरीद सकते हैं।
- खाद्य मंत्री ने मूल्य निगरानी प्रणाली मोबाइल ऐप का 4.0 संस्करण जारी किया, जिस पर प्रतिदिन 22 वस्तुओं की कीमतों की निगरानी की जाती थी। अब इसमें 16 वस्तुएं और जुड़ गई हैं।
ये 16 खाद्य पदार्थ निम्न हैं: बाजरा (साबुत), ज्वार (साबुत), रागी (साबुत), सूजी (गेहूं), मैदा (गेहूं), बेसन, घी, मक्खन (पाश्चुरीकृत), बैंगन, अंडा, काली मिर्च, धनिया, जीरा, लाल मिर्च, हल्दी पाउडर और केला। - ये 38 वस्तुएं कुल सीपीआई भार का लगभग 31 प्रतिशत हिस्सा हैं, जबकि 22 वस्तुओं का सीपीआई भार 26.5 प्रतिशत है।
- केंद्र सरकार ने सरकार की प्रत्येक योजना में मिल में तैयार चावल के स्थान पर फोर्टिफाइड चावल को शामिल करने के सभी तीन चरणों को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है।
- मार्च 2024 तक फोर्टिफाइड चावल के वितरण का 100% पहुँच हासिल कर लिया गया।
- पिछले वर्ष केंद्र सरकार ने कम उत्पादन की आशंका के कारण राज्यों को चावल उपलब्ध नहीं कराया था तथा कल्याणकारी योजना के लिए कर्नाटक का अनुरोध अस्वीकार कर दिया गया था।
खुली बाजार बिक्री योजना
- खुली बाजार बिक्री योजना (Open Market Sale Scheme) के तहत, भारतीय खाद्य निगम ई-नीलामी के माध्यम से पूर्व-निर्धारित कीमतों पर व्यापारियों, थोक उपभोक्ताओं और खुदरा श्रृंखलाओं को केंद्रीय संग्रह से अधिशेष खाद्यान्न, विशेष रूप से गेहूं और चावल की बिक्री करता है।
- बोलीदाता निर्धारित कीमतों (जिन्हें नियमित रूप से संशोधित किया जाता है) पर निर्दिष्ट मात्रा में अनाज खरीद सकते हैं।
- राज्य राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम लाभार्थियों के लिए केंद्रीय संग्रह से प्राप्त होने वाली राशि से परे अपनी अतिरिक्त जरूरतों के लिए नीलामी में भाग लिए बिना भी खुली बाजार बिक्री योजना के माध्यम से खाद्यान्न खरीद सकते हैं।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY)
- यह प्रवासियों और गरीबों को मुफ्त खाद्यान्न की आपूर्ति करने के लिए आत्मनिर्भर भारत के हिस्से के रूप में एक योजना है।
- इस योजना में प्रत्येक राशन कार्डधारी परिवार को 5 किलोग्राम मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाता है, जो सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के माध्यम से पहले से दिए जा रहे 5 किलोग्राम सब्सिडी वाले खाद्यान्न के अतिरिक्त है।
- 6 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों (पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, चंडीगढ़, दिल्ली और गुजरात) को गेहूं आवंटित किया गया है तथा शेष राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को चावल उपलब्ध कराया गया है।
- अंत्योदय अन्न योजना (AAY) और प्राथमिकता वाले परिवार (Priority Households-PHH) श्रेणी के परिवार इस योजना के लिए पात्र होंगे।
- प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत केंद्र सरकार 1 जनवरी, 2024 से पांच वर्षों तक लगभग 81.35 करोड़ लाभार्थियों को मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराना जारी रखेगा।