संदर्भ:
हाल ही में, बेल्जियम यौनकर्मियों को मातृत्व अवकाश संबंधी कानून पारित करने वाला विश्व का पहला देश बन गया।
अन्य संबंधित जानकारी
- बेल्जियम का यह नया कानून यौनकर्मियों के अधिकारों को मान्यता देता है और उन्हें मातृत्व अवकाश, स्वास्थ्य बीमा, पेंशन तथा बीमारी अवकाश सहित रोजगार के अधिकार प्रदान करता है।
- कानून में पारिवारिक लाभ, वार्षिक अवकाश, ग्राहकों को मना करने की क्षमता, कार्य की शर्तों को निर्धारित करना और किसी भी समय इस कार्य को छोड़ना शामिल है।
- कानून के दायरे में नियोक्ताओं को भी रखा गया है, जिसमें आपराधिक रिकॉर्ड वाले लोगों पर प्रतिबंध लगाया गया है। यह कार्यस्थलों पर अलार्म बटन जैसे सुरक्षा उपायों की आवश्यकता को अनिवार्य बनाता है।
- वर्ष 2022 में ऐसे यौनसंबंधी कार्य को अपराध की श्रेणी से बाहर करने के बाद पेश किया गया। यह ऐतिहासिक कानून यह सुनिश्चित करता है कि यौनकर्मियों को अन्य व्यवसायों की तरह ही सुरक्षा मिले।
- वर्ष 2022 में, बेल्जियम के सांसदों ने यौनसंबंधी कार्य को अपराध की श्रेणी से बाहर करने और दलाली की परिभाषा को संकीर्ण करने के लिए मतदान किया था ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यौनकर्मियों को बैंकर, बीमाकर्ता, ड्राइवर या अकाउंटेंट खोजने में परेशानी न हो
- यह कानून पहले ही मई 2024 में पारित हो चुका था लेकिन यह 1 दिसंबर 2024 को लागू हुआ।
- यह सुरक्षा केवल ऐसे यौनकर्मियों को दी जाती है जो एक रोजगार अनुबंध पर हस्ताक्षर करते हैं। ऐसे यौनकर्मी जो स्व-रोजगार से जुड़े है तथा पोर्नोग्राफी या स्ट्रिपटीज़ करते हैं,वे इस सुरक्षा के पात्र नहीं हैं।
कानून का महत्व
- श्रम के रूप में यौनसंबंधी कार्य की मान्यता: यह यौनसंबंधी कार्य को वैध मानता है एवं यह सुनिश्चित करता है कि उद्योग में शामिल कर्मी श्रम अधिकारों और सुरक्षा के पात्र हैं।
- सामाजिक कलंक में कमी: लैंगिक समानता और मानवाधिकारों की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम उठाते हुए कानून यौनकर्मियों के खिलाफ भेदभाव और पूर्वाग्रह को कम करने की दिशा में एक सामाजिक बदलाव को बढ़ावा देता है।
- वैश्विक स्तर पर एक मिसाल: यह कानून यौनकर्मियोंके लिये समान श्रम सुरक्षा को अपनाने हेतु अन्य देशों के लिये एक प्रगतिशील मॉडल के रूप में कार्य करता है।
- भारत में मातृत्व अवकाश भारत में सवैतनिक मातृत्व अवकाश मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 के तहत विनियमित है।
- यह अधिनियम बच्चे के जन्म से पहले और बाद में एक निश्चित अवधि के लिए कुछ प्रतिष्ठानों में महिलाओं के रोजगार को विनियमित करता है तथा मातृत्व और अन्य लाभों का प्रावधान करता है।
- मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 को वर्ष 2017 मेंसंशोधित किया गया, जिसके तहत महिला कर्मचारियों को पहले दो बच्चों के लिए मातृत्व अवकाश 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह कर दिया गया है।
महिला के पास पहले से ही दो बच्चे होने तथा तीसरे और बाद के बच्चों के लिए मातृत्व अवकाश केवल 12 सप्ताह है।