प्रसंग:
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे, एक 91.35 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर, जिसका उद्घाटन मुख्यमंत्री द्वारा 20 जून, 2025 को किया जाएगा, पूर्वी उत्तर प्रदेश में यात्रा को पूरी तरह बदलने जा रहा है, क्योंकि यह यात्रा समय को काफी कम करेगा और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा।
अन्य महत्वपूर्ण तथ्य
- एक्सप्रेसवे न केवल गति और कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा, बल्कि सड़कों और यात्रियों दोनों की व्यापक सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगा।
- इसे उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (UPEIDA) द्वारा विकसित किया गया है।
- पूर्वी यूपी में संपर्क:
- यह नया एक्सप्रेसवे गोरखपुर जिले के जैतपुर गांव को आज़मगढ़ के सालारपुर गांव से जोड़ता है।
- संचालन प्रारंभ होने पर, गोरखपुर से लखनऊ की यात्रा का समय घटकर लगभग 3.5 घंटे रह जाएगा, जो पहले 5 घंटे से अधिक था।
- बेहतर संपर्क से वाराणसी और प्रयागराज जैसे प्रमुख सांस्कृतिक और व्यापारिक केंद्रों की यात्रा भी आसान होगी।
- यह व्यक्तिगत और वाणिज्यिक दोनों प्रकार की यात्रा को अधिक सुविधाजनक और कुशल बनाएगा।
- सुरक्षा विशेषताएं:
- प्रशिक्षित पूर्व सैनिकों द्वारा संचालित एसयूवी वाहनों का एक समर्पित सुरक्षा बेड़ा आपात स्थिति में प्रतिक्रिया के लिए एक्सप्रेसवे पर गश्त करेगा।
- प्रत्येक 45 किलोमीटर पर एंबुलेंस तैनात की जाएंगी ताकि त्वरित चिकित्सा सहायता उपलब्ध हो सके।
- वाहनों की खराबी और दुर्घटनाओं से निपटने के लिए क्रेन और हाइड्रा वाहन भी उपलब्ध रहेंगे।
- एक्सप्रेसवे पर एक उन्नत ट्रैफिक प्रबंधन प्रणाली (ATMS) लगाई जाएगी।
- ATMS में सीसीटीवी कैमरे, गति निगरानी उपकरण और स्वचालित नंबर प्लेट पहचान तकनीक शामिल होगी।
- यह प्रणाली यातायात के सुचारू प्रवाह और सभी सड़क उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए डिज़ाइन की गई है।
- सुविधाएं और अवसंरचना:
- एक्सप्रेसवे में चार लेन होंगी, जिन्हें भविष्य में छह लेन तक बढ़ाया जा सकेगा।
- इसमें सात फ्लाईओवर और 34 पुल शामिल होंगे, जो सुगम संपर्क सुनिश्चित करेंगे।
- वाहनों और पैदल यात्रियों के लिए कई अंडरपास प्रदान किए गए हैं, जिससे सुरक्षा और पहुंच में सुधार होगा।
