प्रसंग:
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अयोध्या में एक नई पहल की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण को आर्थिक विकास से जोड़ते हुए कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग के लिए संस्थागत ढांचे को मजबूत करना है।
समाचार विस्तार:
- मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे ग्राम पंचायतों, वन अधिकारियों, किसानों और स्थानीय समुदायों को वृक्षारोपण अभियान में शामिल करें।
- इस पहल में समुदाय की भागीदारी बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा कार्बन क्रेडिट लाभों से संबंधित प्रोत्साहनों के बारे में जन-जागरूकता बढ़ाना आवश्यक है।
- अमृत सरोवर कार्यक्रम के तहत, राज्य भर में जलाशयों, प्राचीन नदियों, जल निकायों और वनों को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे लाखों कार्बन क्रेडिट का अवशोषण संभव हो सके।
- प्रत्येक ग्राम पंचायत को वृक्षारोपण, जल स्रोत संरक्षण और जैविक खेती जैसी पर्यावरण-अनुकूल गतिविधियों के आधार पर कार्बन क्रेडिट के लिए पंजीकृत किया जाएगा।
- सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए विशेषज्ञ संगठनों के साथ मिलकर काम करेगी कि प्रमाणन प्रक्रिया सरल और पारदर्शी हो।
- कार्बन क्रेडिट व्यापार से उत्पन्न आय का एक महत्वपूर्ण हिस्सा स्थानीय समुदायों को दिया जाएगा।
- अयोध्या, जहां मुख्यमंत्री ने सरयू नदी और अमृत सरोवरों के किनारे वृक्षारोपण अभियान की समीक्षा की, राज्य की उभरती ‘हरित अर्थव्यवस्था’ के लिए एक आदर्श मॉडल बनने जा रहा है।
- यह पहल राज्य के मौजूदा पर्यावरणीय प्रयासों को अंतरराष्ट्रीय कार्बन क्रेडिट बाजार से जोड़ने की दिशा में जल्द ही आगे बढ़ेगी।
- यह प्रयास न केवल पर्यावरण की रक्षा के लिए बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए भी महत्वपूर्ण है।
- कार्बन अवशोषण और क्रेडिट ट्रेडिंग को राज्य में पर्यावरणीय और आर्थिक समृद्धि के नए सूत्र के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है।
- वेदिक वन में योगदान के लिए अनीता यादव और शीला देवी को तथा तिलोदकी गंगा नदी के पुनर्जीवन के लिए शैलजा पांडे, शांति देवी और राकेश कुमार को सम्मान पत्र प्रदान किए गए।
