संबंधित पाठ्यक्रम

सामान्य अध्ययन1: भारतीय संस्कृति।
सामान्य अध्ययन 2: महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय।

संदर्भ: रोशनी के त्योहार दीपावली को यूनेस्को की मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर सूची में शामिल कर लिया गया है। इसकी घोषणा 8 से 13 दिसंबर, 2025 तक नई दिल्ली के लाल किले में आयोजित हो रही यूनेस्को अंतर-सरकारी समिति के 20वें सत्र में की गई।

अन्य संबंधित जानकारी

  • दीपावली को इस सूची में शामिल करने का प्रस्ताव 194 सदस्य देशों के प्रतिनिधियों, अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों और यूनेस्को के वैश्विक नेटवर्क के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में अपनाया गया।                                                                                    
  • दीपावली त्योहार इस सूची में शामिल होने वाला 16वाँ भारतीय तत्व है।
  • दीपावली, जिसे दिवाली के नाम से भी जाना जाता है, कार्तिक अमावस्या अर्थात् आमतौर पर अक्टूबर या नवंबर के महीने में मनाई जाती है।
  • यह पाँच दिवसीय त्योहार है, जिसकी शुरुआत धनतेरस से होती है और उसके बाद क्रमशः नरक चतुर्दशी (छोटी दिवाली), मुख्य दिवाली (लक्ष्मी पूजा), गोवर्धन पूजा और भाई दूज का उत्सव मनाया जाता है।
  • यह भगवान विष्णु के सातवें अवतार भगवान राम की चौदह वर्ष के वनवास से अयोध्या वापसी का प्रतीक है।
    • जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर ने दीपावली के दिन ही पावापुरी में निर्वाण प्राप्त किया था।
  • यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर सूची में दीपावली को शामिल किया जाना उन लाखों लोगों के प्रति सम्मान है जो इसे भक्ति भाव के साथ मनाते हैं जैसे- कारीगर जो इसकी परंपराओं को जीवंत रखते हैं और वे कालातीत सिद्धांत जिनका यह प्रतिनिधित्व करती है।

अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के बारे में

  • इसे 17 अक्टूबर, 2003 को फ्रांस के पेरिस में आयोजित यूनेस्को के 32वें  महासम्मेलन के दौरान अपनाया गया था।
  • इस कन्वेंशन (अभिसमय) को लाने का मुख्य कारण वैश्विक चिंताएँ थीं, क्योंकि वैश्वीकरण, सामाजिक परिवर्तन और संसाधनों की कमी जैसे कारकों के चलते सांस्कृतिक परंपराएँ, प्रदर्शन कलाएँ, अनुष्ठान, शिल्प कौशल और ज्ञान प्रणालियाँ संकट में थीं।
  • यह धरोहर के संरक्षण में समुदायों, स्वदेशी समूहों और व्यक्तिगत अभ्यासकर्ताओं की भूमिका को महत्त्व देने के साथ ही वैश्विक सहयोग और युवा पीढ़ियों के बीच जागरूकता को बढ़ावा देता है।
  • यूनेस्को की मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की प्रतिनिधि सूची में चीन के तत्वों की संख्या सबसे अधिक (44 तत्व) है, इसके बाद क्रमशः तुर्किये (31 तत्व) और फ्रांस (30 तत्व) का स्थान है।

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