संदर्भ:
हाल ही में, भारत ने जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (UNFCCC) को अपनी चौथी द्विवार्षिक अद्यतन रिपोर्ट (BUR-4) प्रस्तुत की।
अन्य संबंधित जानकारी
BUR-4 तीसरे राष्ट्रीय संचार (TNC) को अद्यतन करता है और इसमें वर्ष 2020 के लिए राष्ट्रीय ग्रीनहाउस गैस (GHG) सूची शामिल है।
- TNC,UNFCCC को प्रस्तुत की जाने वाली रिपोर्ट है, जिसमें किसी देश के GHG उत्सर्जन, जलवायु परिवर्तन की संवेदनशीलता तथा उत्सर्जन को कम करने और जलवायु परिवर्तनों के अनुकूल होने के लिए की गई कार्रवाई का विवरण होता है।
रिपोर्ट में भारत की राष्ट्रीय परिस्थितियों, शमन कार्यों, बाधाओं, अंतरालों, संबंधित वित्त, प्रौद्योगिकी और क्षमता निर्माण आवश्यकताओं के विश्लेषण पर भी जानकारी दी गई है।
GHG उत्सर्जन के बारें में
2020 में भारत का GHG उत्सर्जन:
- 2020 में भारत का कुल GHG उत्सर्जन 2019 की तुलना में 7.93% कम था।
- भूमि उपयोग, भूमि उपयोग परिवर्तन और वानिकी (LULUCF ) को छोड़कर उत्सर्जन 2,959 मिलियन टन CO2e था।
- शुद्ध उत्सर्जन (LULUCF सहित) 2,437 मिलियन टन CO2e था।
- उत्सर्जन में योगदान देने वाले विभिन्न क्षेत्र:
- ऊर्जा: 75.66%
- कृषि: 13.72%
- औद्योगिक प्रक्रियाएँ और उत्पाद उपयोग: 8.06%
- अपशिष्ट: 2.56%
भारत में वनों और वृक्षों ने लगभग 522 मिलियन टन CO2 को संग्रहित किया जो 2020 में देश के कुल उत्सर्जन का 22% था।
उत्सर्जन कम करने में भारत की उपलब्धियां (राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान – NDCs):
- भारत आर्थिक रूप से विकास करते हुए अपनी उत्सर्जन तीव्रता को कम कर रहा है।
- 2005 और 2020 के बीच सकल घरेलू उत्पाद की प्रति इकाई उत्सर्जन (उत्सर्जन तीव्रता) में 36% की कमी आई।
अक्टूबर 2024 तक:
- भारत की विद्युत उत्पादन क्षमता में गैर-जीवाश्म ऊर्जा स्रोतों का योगदान 46.52% है।
- कुल स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता (बड़ी जलविद्युत सहित) 203.22 गीगावाट तक पहुंच गयी।
- नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता (बड़ी जलविद्युत परियोजनाओं को छोड़कर ) 2014 में 35 गीगावाट से 4.5 गुना बढ़कर 156.25 गीगावाट हो गयी।
- भारत का वन एवं वृक्ष आवरण अब देश के कुल क्षेत्रफल का 25.17% है।
- 2005 और 2021 के बीच भारत ने 2.29 बिलियन टन CO2e का अतिरिक्त कार्बन सिंक बनाया।
- वैश्विक स्तर पर भारत का स्थान:
- नवीकरणीय ऊर्जा स्थापित क्षमता में चौथा स्थान ,
- पवन ऊर्जा क्षमता में चौथा स्थान
- सौर ऊर्जा क्षमता में 5वें स्थान पर ।
स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता (31 अक्टूबर, 2024 तक):
- सौर ऊर्जा: 92.12 गीगावाट (मार्च 2014 में 2.63 गीगावाट से 35 गुना वृद्धि)।
- पवन ऊर्जा: 47.72 गीगावाट (मार्च 2014 की 21.04 गीगावाट क्षमता से दोगुने से भी अधिक)।
जलवायु कार्रवाई के लिए सरकारी पहल:
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI): नवीकरणीय ऊर्जा में स्वचालित मार्ग के तहत 100% FDI की अनुमति।
पीएम-कुसुम (पीएम किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान ) योजना: नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) द्वारा 2019 में सौर पंपों और ग्रिड से जुड़े बिजली संयंत्रों के माध्यम से किसानों के लिए सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई।
गोबरधन (गैल्वनाइजिंग ऑर्गेनिक बायो-एग्रो रिसोर्सेज धन, 2018) पहल: पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय द्वारा शुरू की गई यह पहल इसका उद्देश्य जैवनिम्नीकरणीय अपशिष्ट को बायोगैस, संपीड़ित बायोगैस (CBG) और जैविक खाद में परिवर्तित करना है।
राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन (जनवरी 2023): नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने 2030 तक प्रतिवर्ष 5 मिलियन मीट्रिक टन हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करने के लिए इसे शुरू किया।
अंतर्राष्ट्रीय सहयोग: भारत निम्नलिखित वैश्विक पहलों में भाग लेता है:
- अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA)।
- एक सूर्य, एक विश्व, एक ग्रिड।
- LeadIT 2.0 (स्वीडन के साथ)।
- आपदा प्रतिरोधी अवसंरचना के लिए गठबंधन।
- वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन.
- मिशन लाइफ- पर्यावरण के लिए जीवनशैली।