संदर्भ:

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दो वर्षों के लिए 2,000 करोड़ रुपये के बजट आवंटन के साथ ‘मिशन मौसम’ को मंजूरी दी है।

अन्य संबंधित जानकारी 

  • हाल ही में, एक दिन की वर्षा की घटनाओं का पूर्वानुमान लगाना चुनौतीपूर्ण हो गया है, जिसके परिणाम अक्सर पूर्वानुमान से अधिक तीव्र या कम होते हैं।
  • राष्ट्रीय स्तर पर, पिछले 5 वर्षों के लिए दैनिक वर्षा के पूर्वानुमान की सटीकता 80% है तथा 5 दिनों के पूर्व पूर्वानुमान की सटीकता 60% है।

‘मिशन मौसम’ 

उद्देश्य: इस पहल का उद्देश्य मौसम निगरानी बुनियादी ढांचे को उन्नत करके, वैज्ञानिक अनुसंधान में निवेश करके और वैज्ञानिकों के कौशल में सुधार करके भारत की मौसम पूर्वानुमान क्षमताओं में सुधार करना है।

  • इससे नागरिकों और अंतिम पंक्ति के उपयोगकर्ताओं सहित हितधारकों को चरम मौसम की घटनाओं और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने में बेहतर ढंग से सक्षम बनाने में मदद मिलेगी।
  • एक महत्वपूर्ण कार्य देश में मौसम अवलोकन नेटवर्क को तीव्र करना है, न केवल भूमि पर, बल्कि समुद्र और आकाश में भी।

वायुमंडलीय विज्ञान और पूर्वानुमान क्षमताओं को बढ़ाना

  • यह मिशन मौसम निगरानी, प्रतिरूपण, पूर्वानुमान तथा प्रबंधन सहित वायुमंडलीय विज्ञान में अनुसंधान, विकास और क्षमता का महत्वपूर्ण विस्तार करेगा।
  • यह उन्नत अवलोकन प्रणालियों, उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों, जैसे- कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और मशीन लर्निंग (ML) को एकीकृत करेगा, जिससे अत्यधिक सटीक मौसम पूर्वानुमान उपलब्ध होंगे।

प्रमुख लक्ष्य क्षेत्र

  • यह मिशन मानसून पूर्वानुमान, वायु गुणवत्ता अलर्ट एवं चक्रवात जैसी चरम मौसम घटनाओं के लिए चेतावनियों सहित सटीक तथा समय पर मौसम और जलवायु संबंधी जानकारी प्रदान करने में सुधार करेगा।
  • इसका उद्देश्य कोहरे, ओलावृष्टि तथा वर्षा के प्रबंधन के लिए मौसम व्यवधान में सुधार लाना, साथ ही क्षमता निर्माण और जागरूकता पैदा करना भी है।
  • महत्वपूर्ण घटकों में अगली पीढ़ी के रडार, उपग्रह प्रणालियां तथा उच्च प्रदर्शन वाले सुपर कंप्यूटरों की तैनाती तथा वास्तविक समय डेटा प्रसार के लिए पृथ्वी प्रणाली मॉडल और जीआईएस-आधारित स्वचालित निर्णय सहायता प्रणाली विकसित करना शामिल है।

विभिन्न क्षेत्रों में लाभ

  • ‘मिशन मौसम’ से कृषि, आपदा प्रबंधन, रक्षा, पर्यावरण, विमानन, जल संसाधन, बिजली, पर्यटन, शिपिंग, परिवहन, ऊर्जा और स्वास्थ्य सहित कई क्षेत्रों को लाभ होगा।
  • इससे शहरी नियोजन, परिवहन, अपतटीय परिचालन और पर्यावरण निगरानी में डेटा-संचालित निर्णय लेने की प्रक्रिया में वृद्धि होगी।

कार्यान्वयन निकाय

  • ‘मिशन मौसम’ का क्रियान्वयन मुख्य रूप से पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत तीन संस्थानों: भारत मौसम विज्ञान विभाग, भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान तथा राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र द्वारा किया जाएगा। 

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