संदर्भ:
ब्रिटेन के ओरान नोल्सन दुनिया के पहले ऐसे व्यक्ति बन गए हैं जिनमें मिर्गी के दौरे को नियंत्रित करने के लिए मस्तिष्क में प्रत्यारोपण (इम्प्लांट) किया गया है।
अन्य संबंधित जानकारी
- ओरान नोल्सन को लेनोक्स-गैस्टॉट सिंड्रोम है, जो मिर्गी का एक उपचार-प्रतिरोधी रूप है।
- प्रत्यारोपित डीप ब्रेन स्टिमुलेशन (DBS) उपकरण (जो मस्तिष्क में गहराई तक विद्युत संकेत भेजता है) ने नोल्सन के दिन के समय होनेवाले दौरों को 80% तक कम कर दिया है।
- यह परीक्षण, जिसे ‘चिल्ड्रेन्स एडैप्टिव डीप ब्रेन स्टिमुलेशन फॉर एपिलेप्सी ट्रायल (CADET)’ के नाम से जाना जाता है, में अब लेनोक्स-गैस्टॉट सिंड्रोम के तीन और रोगियों को शामिल किया जाएगा।
- चिल्ड्रेन्स एडैप्टिव डीप ब्रेन स्टिमुलेशन फॉर एपिलेप्सी ट्रायल के अगले चरण का उद्देश्य न्यूरोस्टिम्यूलेटर को मस्तिष्क की गतिविधि में वास्तविक समय में होनेवाले परिवर्तनों के प्रति संवेदनशील बनाना है, ताकि दौरे आने से पहले ही उन्हें रोका जा सके।
मिर्गी क्या है?
- यह एक ऐसी स्थिति (विकार) है, जिसमें व्यक्ति को बार-बार दौरे पड़ते हैं और उसके हाथ-पैरों में झटके, अस्थायी भ्रम, एकटक देखने की स्थिति या मांसपेशियों में अकड़न का अनुभव हो सकता है।
- यह मस्तिष्क में असामान्य विद्युत गतिविधि के कारण होता है।
- सिर में चोट, मस्तिष्क में ट्यूमर, मेनिन्जाइटिस जैसे कुछ संक्रमण या यहाँ तक कि आनुवंशिकी भी मिर्गी का कारण बन सकता हैं।
- बाजार में अनेक एंटी-सीजर दवाएं उपलब्ध हैं, लेकिन लगभग 30 प्रतिशत रोगी इन दवाओं के प्रति प्रतिरोधक बने हुए हैं।
- वर्ष 2022 के लैंसेट अध्ययन के अनुसार, भारत में प्रति 1,000 लोगों में से 3 से 11.9 लोग मिर्गी से पीड़ित हैं।
यह उपकरण कैसे काम करता है?
- यह उपकरण ब्रिटेन की कंपनी एम्बर थेरेप्यूटिक्स द्वारा बनाया गया पिकोस्टिम न्यूरोट्रांसमीटर है। न्यूरोस्टिम्यूलेटर असामान्य दौरे पैदा करने वाले संकेतों को बाधित या अवरुद्ध करने के लिए मस्तिष्क को लगातार विद्युत आवेग (संकेत) प्रदान करता है।
- इस उपकरण को शल्य चिकित्सा द्वारा नोल्सन की खोपड़ी में प्रत्यारोपित किया गया तथा स्क्रू का उपयोग करके स्थिर किया गया।
- डॉक्टर ने फिर उसके मस्तिष्क में दो इलेक्ट्रोड डाले जब तक कि वे थैलेमस (सभी मोटर और संवेदी सूचनाओं के लिए एक रिले स्टेशन) तक नहीं पहुंच गए। इलेक्ट्रोड के सिरों को न्यूरोस्टिम्यूलेटर से जोड़ा गया था।
यह उपकरण डीप ब्रेन स्टिमुलेशन का उपयोग करता है, जिसका उपयोग पार्किंसंस और अन्य न्यूरोलॉजिकल स्थितियों से जुड़ी गतिविधि विकारों के लिए भी किया जाता है, जैसे:
- आवश्यक कंपन
- डिस्टोनिया उत्पन्न करने वाली स्थितियां, जैसे कि मेइज सिंड्रोम।
- मिर्गी
- टॉरेट सिंड्रोम
- अनियंत्रित जुनूनी विकार