संदर्भ:

ऑस्ट्रेलिया में मानव शरीर को इस उम्मीद में क्रायोजेनिक (Cryopreservation) विधि के जरिए सुरक्षित रखा गया था, कि भविष्य में शरीर को फिर से जीवित किया जा सकेगा।

अन्य संबंधित जानकारी

  • मई, 2024 में, सदर्न क्रायोनिक्स (Southern Cryonics) ने अपने पहले मरीज, सिडनी के एक 80 वर्षीय व्यक्ति को सफलतापूर्वक क्रायोजेनिक रूप से संरक्षित किया है, जिसे “पेसेंट वन” (Patient One) नाम दिया गया है।

क्रायोप्रिजर्वेशन की प्रक्रिया :

  • इसकी शुरुआत स्थिरीकरण प्रक्रिया (Stabilisation Process) से होती है, जिसमें सदर्न क्रायोनिक्स (Southern Cryonics) की टीम ने नए प्रकार के एक्स्ट्राकोर्पोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सीजनेशन (Extracorporeal Membrane Oxygenation-ECMO) मशीन (आमतौर पर गंभीर रूप से बीमार लोगों के लिए कृत्रिम हृदय और फेफड़ों के रूप में उपयोग की जाती है) का उपयोग किया, जो ओपन हार्ट सर्जरी में उपयोग की जाने वाली हार्ट-लंग बाय-पास मशीन का एक प्रकार है।
  • आठ से दस घंटे की स्थिरीकरण प्रक्रिया के बाद, कंपनी के कर्मचारियों ने “पेसेंट वन” (Patient One) के शरीर को एक इन्सुलेटेड ताबूत में रखकर उसे ड्राइ आइस में दफना दिया।
  • पेशेंट को तरल नाइट्रोजनयुक्त एक विशेष स्लीपिंग बैग में सुरक्षित रूप से लपेटा गया था। इसके बाद “पेसेंट वन” (Patient One) को ड्राइ आइस के तापमान तक ठंडा किया गया।
  • इसके बाद शव को धीरे-धीरे फर्म के शीतलन कक्ष (Cooling Chamber) में माइनस 200 डिग्री सेल्सियस के तरल नाइट्रोजन तापमान पर लाया गया।
  • यह पेसेंट एक तब तक वहीं रहेगा, जब तक विज्ञान उसके शरीर को बर्फ में गला नहीं देगा, उसे मारने वाली हर चीज को ठीक नहीं कर देगा और उसे जीवन नहीं दे देगा।

वैज्ञानिक अवरोधों:

  • यद्यपि जीव वैज्ञानिकों ने कोशिका पुनर्जनन में कई महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की हैं, फिर भी क्रायो प्रिजर्व्ड मानव शरीर को सफलतापूर्वक पुनर्जीवित करना अभी भी एक अत्यंत सैद्धांतिक अवधारणा है।
  • वर्तमान में, प्रयोगशाला में कुछ सौ कोशिकाओं को पुनर्जीवित करने की क्षमता सम्पूर्ण मानव जीव को पुनर्जीवित करने की क्षमता से काफी कम है।
  • इसके अतिरिक्त, क्रायोप्रिजर्वेशन की प्रक्रिया स्वयं कोशिकीय क्षति का कारण बन सकती है, जिससे पुनर्जीवन की संभावना और अधिक जटिल हो सकती है।

नैतिक चिंताएँ:

  • क्रायोनिक्स (Cryonics) कई नैतिक चिंताएँ को जन्म देती हैं। इस प्रक्रिया की उच्च लागत इसकी पहुँच और निष्पक्षता पर सवाल खड़ा करती है।
  • इसके अतिरिक्त, क्रायोप्रिजर्वेशन (Cryopreservation) की दीर्घकालिक व्यवहार्यता तथा इसे स्वयं या अपने प्रियजनों के लिए चुनने वालों पर पड़ने वाले इसके संभावित मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी विचार करने योग्य महत्वपूर्ण तथ्य हैं।

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