संदर्भ: हाल ही में, चीन में वैश्विक स्तर पर मौजूद मानव मेटान्यूमोवायरस (HMPV) श्वसन संक्रमण के प्रकोप के बाद भारत में इसके पाँच मामले सामने आए।

HMPV के बारे में

  • यह एक वायरल रोगज़नक़ है जो सभी आयु समूहों में श्वसन संक्रमण का कारण बनता है।
  • इसकी खोज वर्ष 2001 में हुई थी। यह श्वसन संबंधी वायरस (RSV) पैरामाइक्सोविरिडे परिवार से संबंधित है।
  • यह संक्रमित के श्वसन, दूषित सतहों और सीधे संपर्क के माध्यम से फैलता है।
  • यह विशेष रूप से शिशुओं, वृद्धों और प्रतिरक्षाविहीन व्यक्तियों में हल्के से लेकर गंभीर श्वसन रोग का कारण बनता है।
  • यह शीतोष्ण क्षेत्रों में सर्दियों के अंत और वसंत की शुरुआत में चरम पर होता है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में साल भर प्रसारित होता है।

HMPV के लक्षण

  • HMPV के लक्षण उम्र और स्वास्थ्य के अनुसार अलग-अलग होते हैं। हल्के मामलों में बहती नाक, गले में खराश, खांसी और बुखार शामिल हैं, जबकि मध्यम मामलों में लगातार खांसी, घरघराहट और थकान हो सकती है।
  • गंभीर तीव्र श्वसन रोग (SARI) के लिए अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है।

संचरण और रोकथाम

  • HMPV मुख्य रूप से श्वसन या दूषित सतहों के संपर्क से RSV और इन्फ्लूएंजा की तरह ही फैलता है।
  • संक्रमण को रोकने के लिए, साबुन और पानी से बार-बार हाथ धोना आवश्यक है।
  • रोकथाम हेतु, खांसते या छींकते समय अपने मुंह और नाक को ढककर, मास्क पहनकर, संक्रमित व्यक्तियों के साथ निकट संपर्क से बचकर और अक्सर छुई जाने वाली सतहों को कीटाणुरहित करके श्वसन शिष्टाचार का अभ्यास करें।
  • मानव HMPV के हल्के मामले आमतौर पर कुछ दिनों से लेकर एक सप्ताह तक चलते हैं। गंभीर मामलों में, स्वस्थ होने तथा खांसी जैसे लंबे समय तक रहने वाले लक्षण दूर होने में अधिक समय लग सकता है

HMPV का निदान

  • RSV और इन्फ्लूएंजा के समान लक्षणों के कारण HMPV का निदान करना चुनौतीपूर्ण है।
  • रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलीमरेज़ चेन रिएक्शन (RT-PCR) उत्तम मानक है, जबकि एंटीजन परख से त्वरित परिणाम मिलते हैं।
  • भारत में, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (IDSP) जैसे निगरानी कार्यक्रम HMPV की निगरानी एवं जाँच करते हैं।

HMPV का उपचार

  • HMPV के लिए कोई विशिष्ट एंटीवायरल या वैक्सीन नहीं है।
    • आराम, हाइड्रेशन और हल्के मामलों में ओवर-द-काउंटर दवाएँ सहायक साबित हो सकती हैं।
    • गंभीर मामलों में ऑक्सीजन थेरेपी, अस्पताल में भर्ती होने या मैकेनिकल वेंटिलेशन की आवश्यकता हो सकती है।
    • उपचार और टीकों पर शोध चल रहें हैं।
    • रोकथाम और प्रारंभिक हस्तक्षेप आवश्यक हैं।

वैश्विक और राष्ट्रीय निगरानी

  • HMPV कोई नया रोगज़नक़ नहीं है, इसके मामले वैश्विक स्तर पर रिपोर्ट किए गए हैं। भारत में, ICMR और IDSP इन्फ्लूएंजा तथा RSV के साथ-साथ HMPV सहित श्वसन संबंधी बीमारी के रुझानों की निगरानी करते हैं।
    • सरकार उभरते खतरों का पता लगाने के लिए मजबूत स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे और निगरानी पर जोर देती है।

HMPV और COVID-19 के बीच समानताएँ और अंतर:

पहलूHMPVCOVID-19
वायरसHMPV (मानव मेटान्यूमोवायरस)SARS-CoV-2 (कोरोनावायरस)
संचरणश्वसन एवं सीधा संपर्क, दूषित सतहेंश्वसन एवं सीधा संपर्क, दूषित सतहें
लक्षणखाँसी, बुखार, सांस की तकलीफ, थकानखाँसी, बुखार, सांस की तकलीफ, स्वाद/गंध की हानि
कमजोर आबादीशिशु, बड़े वयस्क, प्रतिरक्षाविहीन व्यक्तिशिशु, बड़े वयस्क, प्रतिरक्षाविहीन व्यक्ति
उपचारसहायक देखभाल (कोई विशिष्ट एंटीवायरल या वैक्सीन नहीं)उपलब्ध टीके और एंटीवायरल उपचार
सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रभावक्षेत्रीय प्रकोप, कम प्रणालीगत जटिलताएँवैश्विक महामारी, उच्च प्रणालीगत जटिलताएँ
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