सम्बन्धित पाठ्यक्रम
सामान्य अध्ययन–3: पर्यावरण संरक्षण
संदर्भ : हाल ही में, सोसाइटी फॉर द प्रोटेक्शन ऑफ अंडरग्राउंड नेटवर्क्स (SPUN ) द्वारा जारी अंडरग्राउंड एटलस से यह तथ्य सामने आया है कि 90 प्रतिशत से अधिक माइकोराइजल कवक हॉटस्पॉट संरक्षित क्षेत्रों से बाहर स्थित हैं।
अन्य सम्बन्धित जानकारी
- SPUN का अंडरग्राउंड एटलस पृथ्वी की भूमिगत माकोराइजल कवक जैव विविधता और स्थानिकता के प्रतिरूपों का पूर्वानुमान लगाने वाला पहला डिजिटल मानचित्र है।
- अंडरग्राउंड एटलस जैव विविधता हॉटस्पॉट और दुर्लभ, स्थानिक कवक वाले क्षेत्रों की पहचान करने के लिए आर्बुस्कुलर माइकोराइजल (AM) और एक्टोमाइकोराइजल (EcM) कवक के वितरण का अध्ययन करता है।
- 130 देशों से एकत्रित 25,000 मृदा नमूनों और 2.8 अरब डीएनए अनुक्रमों के आधार पर मशीन लर्निंग मॉडलों की सहायता से यह एटलस कवकों की प्रचुरता और स्थानिकता वाले क्षेत्रों का पूर्वानुमान लगाता है।
- प्रमुख हॉटस्पॉट में शामिल हैं:
- AM कवक (अर्बस्कुलर माइकोराइजल कवक): ब्राज़ीलियाई सेराडो, दक्षिण-पूर्व एशिया के उष्णकटिबंधीय वन, तथा गिनी के वन।
- EcM कवक (एक्टोमाइकोराइजल कवक): साइबेरिया, कनाडा के बोरियल वन, पश्चिमी अमेरिका के शंकुधारी वन, और यूरोप के मिश्रित वन।
माइकोराइजा कवक

- माइकोराइजल कवक ऐसे मृदा कवकों का समूह हैं जो भूमिगत नेटवर्क बनाते हैं और पौधों के साथ सहजीवी संबंध स्थापित करते हैं।
- माइकोराइजा कवक और पौधों की जड़ों के बीच एक सहजीवी संबंध है जिसका शाब्दिक अर्थ है कवक मूल।
- पौधों और माइकोराइजल कवकों के बीच सहजीवी संबंध लगभग 475 मिलियन वर्ष पुराने हैं और ये सम्बन्ध पृथ्वी के जैवमंडल में मौलिक भूमिका निभाते हैं।
- यह संबंध पारस्परिक रूप से लाभकारी होता है :
- पौधा कवक को कार्बोहाइड्रेट (जैसे शर्करा) प्रदान करता है।
- कवक पौधे के लिए जल और पोषक तत्वों के अवशोषण की क्षमता बढ़ाता है।
पौधों में माइकोराइजल कवक की भूमिका
- ये कवक जड़ प्रणाली को विस्तारित करके पौधों की जल और पोषक तत्वों के अवशोषण की क्षमता को बढ़ाते हैं, विशेष रूप से फॉस्फोरस, नाइट्रोजन और अन्य सूक्ष्म पोषक तत्वों के ग्रहण में सहायक होते हैं, साथ ही सूखा प्रतिरोध को भी बेहतर बनाते हैं।
- ये पौधों की प्रतिरक्षा प्रणाली को सशक्त बनाकर मृदाजनित रोगों के विरुद्ध सुरक्षा प्रदान करते हैं और मजबूत जड़ वृद्धि एवं शाखाओं के विकास को प्रोत्साहित करते हैं।
- ये मृदा की संरचना को सुधारकर और रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता को कम करके मृदा एवं पर्यावरणीय स्वास्थ्य को सुदृढ़ करते हैं, जिससे सतत कृषि को बढ़ावा मिलता है।
माइकोराइजल कवक का महत्व
- जलवायु विनियमन: माइकोराइजल कवक भूमिगत नेटवर्क बनाकर प्रतिवर्ष लगभग 13 अरब टन CO₂ को मृदा में खींचते हैं, जिससे पृथ्वी की जलवायु को संतुलित करने में सहायता मिलती है।
- कवकों द्वारा मृदा में स्थानांतरित कार्बन, गिरे हुए पत्तों जैसे स्रोतों की तुलना में लंबे समय तक स्थिर रहता है।
- पारिस्थितिकी तंत्र समर्थन: ये कवक खाद्य जाल का आधार बनाकर वर्षावनों से लेकर टुंड्रा तक जैव विविधता का समर्थन करते हैं।
- वे पौधों को पोषण प्रदान करते हैं और सूखे, लवणता, रोगाणुओं, धातु विषाक्तता और शाकाहारी जीवों से उनकी रक्षा करते हैं।
- पोषक तत्वों का परिवहन: कवक नेटवर्क पौधों की जड़ों से 100 गुना तक अधिक विस्तारित हो सकते हैं और पूरे पारिस्थितिक तंत्र में फॉस्फोरस जैसे पोषक तत्वों का कुशलतापूर्वक निष्कर्षण और परिवहन करते हैं।
माइकोराइजल कवक के लिए प्रमुख खतरे
- पर्यावास विनाश: वनों की कटाई, खेती और शहरीकरण के कारण भूमिगत कवक नेटवर्क बाधित हो जाते हैं। पौधों के अभाव में माइकोराइजल कवक जीवित नहीं रह सकते।
- क्षतिग्रस्त नेटवर्क कार्बन भंडारण, पोषक तत्वों के संचरण और मृदा स्वास्थ्य को बनाए रखने की अपनी क्षमता खो देते हैं।
- कृषि विस्तार: औद्योगिक कृषि प्रणाली में जुताई, रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के उपयोग से कवकों को नुकसान पहुंचता है। इससे फसलें कमजोर हो जाती हैं, जिससे उनकी रासायनिक निर्भरता बढ़ती है और वे सूखा, कटाव, कीट और रोगों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाती हैं।
- जलवायु परिवर्तन: अत्यधिक मौसमीय घटनाएं और जंगलों की आग कवकों और पौधों को नुकसान पहुंचाती हैं।
जलवायु परिवर्तन के कारण कवकों की भूमिगत कार्बन भंडारण और पोषक तत्वों के परिवहन की क्षमता घट जाती है।
सोसाइटी फॉर द प्रोटेक्शन ऑफ अंडरग्राउंड नेटवर्क्स (SPUN )
- 2021 में स्थापित SPUN एक विज्ञान-आधारित पहल है जो पृथ्वी के जलवायु और पारिस्थितिक तंत्र को विनियमित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले माइकोराइजल नेटवर्क का मानचित्रण और संरक्षण करने पर केंद्रित है।
- इसका उद्देश्य पृथ्वी की माइकोराइजल जैव विविधता का सबसे व्यापक एटलस तैयार करना है, ताकि इस क्षेत्र से जुड़ी वैज्ञानिक शोध प्रक्रिया को तेज़ी और व्यापकता मिल सके।
- SPUN का मुख्यालय डोवर, डेलावेयर, अमेरिका में स्थित है।

Source
https://www.spun.earth/networks/threats
https://www.spun.earth/underground-atlas/mycorrhizal-biodiversity