प्रसंग:
मुख्यमंत्री को महिला आर्थिक सशक्तिकरण (WEE) सूचकांक प्रस्तुत किया गया, जो योजना विभाग ने उदयती फाउंडेशन के सहयोग से विकसित एक महत्वपूर्ण रिपोर्ट है।
अन्य महत्वपूर्ण तथ्य:

- इस सूचकांक का उद्देश्य महिलाओं पर सरकारी योजनाओं के प्रभाव का मूल्यांकन करना और उत्तर प्रदेश में लैंगिक समावेशी, साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण को प्रोत्साहित करना है।
- महिला आर्थिक सशक्तिकरण (WEE) सूचकांक उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों को कवर करता है और पाँच प्रमुख मानकों के आधार पर प्रदर्शन का मूल्यांकन करता है:
- उद्यमिता
- रोजगार
- शिक्षा और कौशल विकास
- आजीविका
- सुरक्षा और परिवहन अवसंरचना
- यह सूचकांक यह मूल्यवान जानकारी प्रदान करता है कि कौन से जिले महिलाओं को लाभ देने में सफल हो रहे हैं और किन जिलों में लक्षित हस्तक्षेप और नीति समर्थन की आवश्यकता है ताकि लैंगिक समावेशी विकास को बढ़ावा दिया जा सके।
- WEE सूचकांक को मुख्यमंत्री के नियंत्रण कक्ष में एकीकृत किया जाएगा, जिससे राज्य भर में महिला सशक्तिकरण पहलों की वास्तविक समय में निगरानी संभव हो सके।
- विभागों को निर्देश दिया गया है कि वे इस सूचकांक को नीति निर्माण और परिणामों की निगरानी के लिए एक प्रमुख उपकरण के रूप में अपनाएं।
- वे सूचकांक के निष्कर्षों के आधार पर ठोस और क्रियान्वयन योग्य योजनाएं विकसित करें, ताकि महिलाओं का सशक्तिकरण उनके-अपने क्षेत्रों में एक रणनीतिक प्राथमिकता बन सके।
- राज्य-चालित योजनाओं के प्रभाव को स्थानीय स्तर पर प्रभावी बनाने के लिए जिला-स्तरीय रणनीतियाँ तैयार की जानी चाहिए, जिससे लाभ महिलाओं तक जमीनी स्तर पर पहुंच सके।
- प्रस्तुति में लखनऊ, कानपुर और वाराणसी जैसे जिले उदाहरण के रूप में दिखाए गए, जहां सरकारी पहलों ने महिलाओं को महत्वपूर्ण लाभ दिया है।
- इसके विपरीत, श्रावस्ती, संभल, महोबा, बलरामपुर और सिद्धार्थनगर जैसे जिले ऐसे बताए गए जहां तत्काल हस्तक्षेप की आवश्यकता है।
- मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि बांदा, जालौन, जौनपुर, महोबा, श्रावस्ती और सीतापुर में ODOP मार्जिन मनी योजना के तहत लक्षित अभियान शुरू किए जाएं, जिनका उद्देश्य महिलाओं की आर्थिक गतिविधियों में समावेश और भागीदारी बढ़ाना होगा।
- कार्यबल और शासन में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने होम गार्ड और शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पुलिस भर्ती मॉडल के अनुसार करने का निर्देश दिया है, जिसमें महिला उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जाएगी।
- सरकार ने तकनीकी संस्थानों, व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों और कौशल विकास केंद्रों में महिलाओं के नामांकन को बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया है।
- सरकार ने हर जिले में ‘पुनः नामांकन इकाइयां’ स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है, ताकि वे महिलाएं जो शिक्षा या प्रशिक्षण पाठ्यक्रम छोड़ चुकी हैं, वापस आकर उन्हें पूरा कर सकें।
- स्वास्थ्य सेवा और सेवा क्षेत्र की संभावनाओं को देखते हुए सरकार ने पैरामेडिकल संस्थानों की महिलाओं के करियर उन्नयन में भूमिका पर भी जोर दिया है।
- सार्वजनिक परिवहन में महिलाओं की भूमिका बढ़ाने के लिए उन्हें ड्राइवर और कंडक्टर के रूप में प्रशिक्षित करने और सहयोग देने की आवश्यकता बताई गई है, जिसके लिए समर्पित अवसंरचना और संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे।