संदर्भ:
महाराष्ट्र सरकार राज्य के पहले हाथी रिजर्व के लिए केंद्र से मंजूरी का इंतजार कर रही है।
अन्य संबंधित जानकारी
- महाराष्ट्र के पूर्वी विदर्भ क्षेत्र में स्थित नवेगांव-नागजीरा टाइगर रिजर्व के अधिकारियों ने अगस्त 2023 में गोंदिया और गढ़चिरौली जिलों में 1,400 वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र को हाथी रिजर्व (अभयारण्य) घोषित करने के लिए एक प्रस्ताव का मसौदा तैयार किया था।
इसे महाराष्ट्र के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (PCCF) के माध्यम से प्रसारित किया गया। - वर्ष 2021 में छत्तीसगढ़ और ओडिशा से हाथियों को महाराष्ट्र में आते हुए देखे जाने के बाद एक समर्पित हाथी रिजर्व बनाने का निर्णय लिया गया था।
- महाराष्ट्र में हाथियों की जनसंख्या फिलहाल कम है, लेकिन अन्य शाकाहारी जानवरों के न होने तथा वन क्षेत्र उपलब्ध होने के कारण इसमें वृद्धि होने की उम्मीद है।
जन्म के माध्यम से हाथियों की बढ़ती आबादी और छत्तीसगढ़ से हाथियों के अधिक पलायन के कारण राज्य में इनकी संख्या में और वृद्धि होगी।
भारत में हाथियों की वर्तमान स्थिति
- वर्ष 2000 के बाद से, हाथियों ने धीरे-धीरे ओडिशा से छत्तीसगढ़ तक अपनी सीमा का विस्तार किया और राज्य में हाथियों की आबादी वर्ष 2000 में 24 से बढ़कर वर्ष 2021 में 279 हो गई।
- मध्य भारतीय भूदृश्य संरक्षित क्षेत्रों के तंत्र के साथ हाथियों के लिए अनुकूल आवास प्रदान करता है।
- विशेषज्ञों के अनुसार, किसी अभ्यारण्य की घोषणा से पहले मानव-हाथी संघर्ष और आवास व्यवहार्यता पर विचार किया जाना चाहिए।
- भारत ने वर्ष 1992 में हाथियों, उनके आवास और गलियारों की सुरक्षा के उद्देश्य से एक केन्द्र प्रायोजित योजना के रूप में प्रोजेक्ट एलीफेंट की शुरुआत की थी।
- अब तक हाथी पाये जाने वाले 14 प्रमुख राज्यों में 33 हाथी रिजर्व स्थापित किए जा चुके हैं।
हाथियों के विवरण
- हाथी विश्व के सबसे बड़े स्थलीय जानवर हैं।
- हाथी एक प्रमुख प्रजाति है और वे जिस पारिस्थितिकी तंत्र में रहते हैं, उसकी जैव विविधता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- खतरे: अवैध शिकार, आवास क्षति, जलवायु परिवर्तन, मानव-हाथी संघर्ष आदि।
- भारत में हाथियों की सबसे अधिक आबादी कर्नाटक राज्य में है।
हाथियों की दो प्रजातियाँ एशियाई हाथी (Elephas maximus) और अफ़्रीकी हाथी (Loxodonta africana) मौजूद हैं।
- वर्तमान में एशियाई हाथियों की विश्व के 13 देशों के जंगलों में मौजूदगी है।
- एशियाई हाथियों की सभी आबादियों को वन्य जीव और वनस्पति की लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर सम्मेलन (Convention on International Trade of Endangered Species of Wild Fauna and Flora-CITES) के परिशिष्ट I में शामिल किया गया है।
- इसे भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची I में शामिल किया गया है।
- आईयूसीएन रेड लिस्ट में एशियाई प्रजातियों की वैश्विक स्थिति लुप्तप्राय के रूप में सूचीबद्ध है।
सुमात्रा हाथी (ई.एम. सुमात्रानस) को गंभीर रूप से संकटग्रस्त की सूची में रखा गया है।
आईयूसीएन ने अफ्रीकी वन और सवाना (या झाड़ी) हाथियों को क्रमशः ‘गंभीर रूप से संकटग्रस्त’ और ‘लुप्तप्राय’ घोषित किया है।