संदर्भ :
हाल ही में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने वर्ष 2024 के लिए गतिशील भूजल संसाधन मूल्यांकन रिपोर्ट जारी किया।
अन्य संबंधित जानकारी:
- यह रिपोर्ट केन्द्रीय भूजल बोर्ड (CGWB) और विभिन्न राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा संयुक्त रूप से तैयार की जाती है तथा देश में भूजल संसाधनों की स्थिति के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करती है।
2024 रिपोर्ट के मुख्य बिन्दु:
भूजल पुनर्भरण में वृद्धि:
- कुल वार्षिक भूजल पुनर्भरण 446.90 बिलियन क्यूबिक मीटर (BCM) है, जो 2017 के आकलन के बाद से 15 BCM की उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाता है।
- प्राकृतिक निर्वहन को शामिल करने के बाद वार्षिक दोहन योग्य भूजल संसाधन 406.19 BCM है।
भूजल दोहन में गिरावट:
- सभी उपयोगों के लिए वार्षिक भूजल दोहन घटकर 245.64 BCM रह गया है, जो 2017 की तुलना में 3 BCM की गिरावट दर्शाता है।
- देश में भूजल दोहन का औसत स्तर अब 60.47% है।
- अति-शोषित इकाइयों का अनुपात 2017 में 17.24% से घटकर 2024 में 11.13% हो जाएगा।
मूल्यांकन इकाइयों का वर्गीकरण:
- कुल 6,746 मूल्यांकन इकाइयों (ब्लॉक/ मंडल /तालुका) में से:
- खारा: 127 इकाइयों (1.8%) को फ्रीएटिक एक्वीफायर्स में खारे या लवणीय जल के कारण ‘खारा या लवणीय’ रूप में वर्गीकृत किया गया है।
- अति-शोषित: 751 इकाइयों (11.1%) को ‘अति-शोषित’ के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जो 2017 में 17.24% से उल्लेखनीय कमी दर्शाता है।
- गंभीर: 206 इकाइयों (3.05%) को ‘गंभीर’ श्रेणी में रखा गया है।
- अर्ध-महत्वपूर्ण: 711 इकाइयाँ (10.5%) ‘अर्ध-महत्वपूर्ण’ श्रेणी में वर्गीकृत हैं।
- सुरक्षित: 4,951 इकाइयों (73.4%) को ‘सुरक्षित’ श्रेणी में रखा गया है, जो 2017 के 62.6% से बेहतर है।
भूजल की स्थिति में सुधार:
- 2023 के आंकड़ों की तुलना में 128 मूल्यांकन इकाइयों में भूजल की स्थिति में सुधार हुआ।
- 2024 में, टैंकों, तालाबों और जल संरक्षण संरचनाओं से पुनर्भरण 2023 की तुलना में 0.39 BCM और 2017 की तुलना में 11.36 BCM बढ़ गया है।
भूजल पुनर्भरण के लिए सरकारी पहल
राष्ट्रीय जलभृत मानचित्रण एवं प्रबंधन (NAQUIM): CGWB भूजल प्रबंधन एवं विनियमन योजना के अंतर्गत NAQUIM कार्यक्रम का कार्यान्वयन कर रहा है ।
- मुख्य उद्देश्य हैं: जलभृतों की पहचान करना और उनका मानचित्रण करना
- भूजल के प्रभावी उपयोग के लिए प्रबंधन योजना तैयार करना।
भूजल के कृत्रिम पुनर्भरण हेतु मास्टर प्लान – 2020: इसे राज्य सरकारों के सहयोग से बनाया गया है।
- इसका उद्देश्य जल की कमी वाले शहरों सहित ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में कृत्रिम पुनर्भरण को बढ़ाना है।
जल शक्ति अभियान (JSA): 2019 में शुरू किए गए JSA के पहले चरण में 256 जिलों के जल-संकटग्रस्त ब्लॉकों को लक्षित किया गया:
- मानसून की वर्षा का लाभ
- कृत्रिम पुनर्भरण संरचनाएं बनाना।
- वाटरशेड प्रबंधन और पुनर्भरण/पुनः उपयोग प्रणालियों को लागू करना।
- वनरोपण एवं जागरूकता को बढ़ावा देना।
- कैच द रेन 2023, ग्रामीण क्षेत्रों में जल स्रोतों को मजबूत और स्थिर करके पेयजल आपूर्ति योजनाओं के लिए टिकाऊ भूजल सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।
अटल भूजल योजना: इसे गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के जल-संकटग्रस्त क्षेत्रों में राज्य सरकारों के सहयोग से कार्यान्वित किया जा रहा है।
यह योजना सामुदायिक भागीदारी दृष्टिकोण के साथ वैज्ञानिक तरीकों के माध्यम से मांग-पक्ष प्रबंधन पर केंद्रित है।