संदर्भ:
हाल ही में, भारत ने भारत और कतर के बीच निवेश पर संयुक्त कार्य बल (JTFI) की पहली बैठक की मेजबानी की।
निवेश पर संयुक्त कार्य बल (JTFI) बैठक से संबंधित अन्य जानकारियाँ
- इस संयुक्त कार्यबल की सह-अध्यक्षता भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग के सचिव तथा कतर सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अवर सचिव द्वारा की गई।
- निवेश पर संयुक्त कार्यबल ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए दोनों देशों की प्रतिबद्धता की पुष्टि की है। जिसमें रणनीतिक सहयोग और साझेदारी के माध्यम से आपसी विकास और समृद्धि को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करना शामिल है।
निवेश पर संयुक्त कार्य बल (JTFI) का महत्व
- इसमें साझा मूल्यों, समान उद्देश्यों और समावेशी विकास के लिए साझा दृष्टिकोण पर आधारित भारत और कतर के बीच के मजबूत आर्थिक संबंधों को रेखांकित किया गया।
- दोनों देशों का लक्ष्य विकास को गति देने और निवेश के अवसरों को ढूँढने हेतु अपनी सामूहिक क्षमता का लाभ उठाना है। इसमें अवसंरचना, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी और नवाचार जैसे विविध क्षेत्रों में सहक्रियात्मक सहयोग शामिल है।
भारत और कतर के बीच के वाणिज्यिक और निवेश संबंध
- वित्तीय वर्ष 2023-24 में कतर के साथ भारत का द्विपक्षीय व्यापार 14.08 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।
- इस अवधि के दौरान, भारत ने कतर को 1.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निर्यात किया गया था, जबकि कतर से भारत ने 12.38 बिलियन अमेरिकी डॉलर का आयात किया था।
- कतर द्वारा भारत को निर्यात किए जाने वाले प्रमुख सामग्री में तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG), तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (LPG), रसायन और पेट्रोरसायन, प्लास्टिक और एल्यूमीनियम की वस्तुएँ शामिल हैं।
- वर्ष 2023 में, भारत कतर का शीर्ष तीन सबसे बड़े निर्यात गंतव्यों (चीन और दक्षिण कोरिया अन्य दो हैं) में से एक होने के साथ-साथ यह अमेरिका, चीन और इटली के साथ कतर के आयात के शीर्ष चार स्रोतों में भी शामिल है।