संदर्भ
विश्व प्रवासन रिपोर्ट (World Migration Report), 2024 के अनुसार, भारत को वर्ष 2022 में 111 बिलियन डॉलर से अधिक धन प्रेषण प्राप्त हुआ, जो विश्व में सबसे अधिक है।
रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु
- संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) ने बांग्लादेश की राजधानी ढाका में आयोजित एक कार्यक्रम में विश्व प्रवासन रिपोर्ट, 2024 को जारी किया।
- भारत सबसे बड़ी संख्या में अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों का उद्गम स्थल है, जिनकी संख्या लगभग 18 मिलियन है, जिनमें से बड़ी संख्या में लोग संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका और सऊदी अरब में रहते हैं।
- भारत अपने प्रवासी समुदाय (डायसपोर) से प्रेषण प्राप्त करने वाले शीर्ष देश के रूप अपना स्थान बनाए हुए है।
- भारत वर्ष 2010 (53.48 बिलियन डॉलर), वर्ष 2015 (68.91 बिलियन डॉलर) और वर्ष 2020 (83.15 बिलियन डॉलर) में धन प्रेषण प्राप्त करने वाला शीर्ष देश था, और यह वर्ष 2022 में 111.22 बिलियन डॉलर तक पहुँच गया।
- वर्ष 2022 में, मेक्सिको ने प्रेषण के दूसरे सबसे बड़े प्राप्तकर्ता के रूप में अपना स्थान बनाए रखा, यह रैंकिंग उसने वर्ष 2021 में चीन को पीछे छोड़कर हासिल की। G-7 में शामिल देश फ्रांस और जर्मनी वर्ष 2022 में वैश्विक स्तर पर प्रेषण प्राप्त करने वाले शीर्ष 10 देशों में बने रहे।
- दक्षिण एशिया के तीन देश – भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश, वैश्विक स्तर पर अंतरराष्ट्रीय धन प्रेषण के शीर्ष दस प्राप्तकर्ताओं में शामिल हैं।
- भारत कुछ शीर्ष अंतरराष्ट्रीय देश-से-देश प्रवास गलियारों में शामिल है, जिनमें भारत-संयुक्त अरब अमीरात, भारत-अमेरिका, भारत-सऊदी अरब और बांग्लादेश-भारत शामिल हैं।
- 2021 में, भारत (0.5 मिलियन से अधिक) दुनिया में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मोबाइल छात्रों (छात्र जो शैक्षिक गतिविधियों हेतु अंतरराष्ट्रीय सीमा को पार करते हैं) के उद्गम के रूप में चीन के बाद दूसरे स्थान पर है।
- संयुक्त राज्य अमेरिका अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए शीर्ष गंतव्य स्थान है, जो 833,000 से अधिक छात्रों की मेजबानी करता है, इसके बाद यूनाइटेड किंगडम और ऑस्ट्रेलिया का स्थान हैं।
संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन
- इसकी स्थापना 1951 में संयुक्त राष्ट्र प्रणाली के एक भाग के रूप में की गई थी। यह प्रवासन के क्षेत्र में अग्रणी अंतर-सरकारी संगठन का प्रतिनिधित्व करता है।
- वर्तमान में, इसके 175 सदस्य देश हैं, तथा 8 अन्य देशों को पर्यवेक्षक का दर्जा प्राप्त है।
- वर्ष 1991 में भारत को पर्यवेक्षक का दर्जा प्राप्त हुआ। इसके बाद, 18 जून, 2008 को भारत आधिकारिक रूप से इसका सदस्य बन गया।
- मुख्यालय: जिनेवा, स्विटजरलैंड
- इस रिपोर्ट में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि भारत अप्रवासियों के लिए 13वाँ सबसे लोकप्रिय गंतव्य है। भारत में 4.48 मिलियन लोग दूसरे देशों से रहने के लिए आते हैं।
विश्व प्रवासन रिपोर्ट
पहली विश्व प्रवासन रिपोर्ट, 2000 में प्रकाशित हुई थी। शुरूआत में, यह एक ऐसी रिपोर्ट थी, जिसे नीति-निर्माताओं और आम जनता द्वारा प्रवासन की समझ बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया था।
इसे प्रत्येक दो वर्ष पर जारी किया जाता है। विश्व प्रवासन रिपोर्ट 2024, विश्व प्रवासन रिपोर्ट श्रृंखला में बारहवीं रिपोर्ट है।