संदर्भ:
हाल ही में सिंगापुर ने भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन (ISMR) के दूसरे दौर की मेजबानी की।
ISMR की मुख्य विशेषताएं:
- दूसरे ISMR का मुख्य उद्देश्य पहले ISMR के बाद से द्विपक्षीय सहयोग में हुई प्रगति की समीक्षा करना था।
- मंत्रियों ने विशेष रूप से ISMR की पहली बैठक (नई दिल्ली, सितंबर 2022 में आयोजित) के दौरान पहचाने गए डिजिटलीकरण, कौशल विकास, स्थिरता, स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा के स्तंभों के तहत भारत-सिंगापुर रणनीतिक साझेदारी की प्रगति का आकलन किया।
इस गोलमेज सम्मेलन का एक महत्वपूर्ण परिणाम यह हुआ कि दो नए स्तंभों को जोड़कर साझेदारी का विस्तार करने का निर्णय लिया गया:
- उन्नत विनिर्माण
- कनेक्टिविटी
- मंत्रियों ने पारस्परिक रूप से सुविधाजनक समय पर भारत में ISMR की अगले दौर की बैठक आयोजित करने पर सहमति व्यक्त की है।
भारत-सिंगापुर द्विपक्षीय संबंध
- सिंगापुर भारत के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का एक महत्वपूर्ण स्रोत बनकर उभरा है और यह आसियान में भारत का सबसे बड़ा व्यापार साझेदार है।
2014 में विशेष ध्यान देने के लिए सहयोग के पांच क्षेत्रों (5S) पर सहमति बनी थी –
- व्यापार एवं निवेश को बढ़ावा देना
- कनेक्टिविटी को गति देना
- स्मार्ट शहर और शहरी कायाकल्प
- कौशल विकास
- राज्य फोकस
सिंगापुर भारत का छठा सबसे बड़ा व्यापार साझेदार है, जिसकी भारत के कुल व्यापार (2021-22) में 2.9% हिस्सेदारी है।
- सिंगापुर आसियान में भारत का सबसे बड़ा व्यापार साझेदार है।
- सिंगापुर से भारत में FDI प्रवाह 136.65 बिलियन अमेरिकी डॉलर (अप्रैल 2000 – जून 2022) रहा, जो भारत में कुल FDI प्रवाह का 23 प्रतिशत है।
- इसरो ने 2011 में सिंगापुर का पहला स्वदेश निर्मित माइक्रो-सैटेलाइट लॉन्च किया था तथा 2014 में 2 और 2015 में 6 और सैटेलिट लॉन्च किए गए थे।
- सिंगापुर की 3.9 मिलियन की जनसंख्या में भारतीयों की जनसंख्या प्रतिशत 9.1% (लगभग 3.5 लाख) है।