संदर्भ:

“अर्थ सिस्टम साइंस डेटा” (Earth System Science Data) जर्नल के अनुसार, भारत चीन के बाद विश्व का दूसरा सबसे बड़ा नाइट्रस ऑक्साइड उत्सर्जक देश है।

अन्य संबंधित जानकारी    

  • मुख्यतः, नाइट्रोजन उर्वरक के उपयोग और पशु के गोबर से नाइट्रस ऑक्साइड का उत्सर्जन होता है।
  • वर्ष 2020 में मानवजनित नाइट्रस ऑक्साइड (N2O) उत्सर्जन की मात्रा के अनुसार, शीर्ष पाँच उत्सर्जक देशों में चीन (16.7 प्रतिशत), भारत (10.9 प्रतिशत), संयुक्त राज्य अमेरिका (5.7 प्रतिशत), ब्राज़ील (5.3 प्रतिशत), और रूस (4.6 प्रतिशत) शामिल थे।

उत्सर्जन का स्रोत  

  • अर्थ सिस्टम साइंस डेटा पत्रिका में प्रकाशित नाइट्रस ऑक्साइड (N2O) उत्सर्जन के वैश्विक आकलन के अनुसार, इन उत्सर्जनों का प्रमुख स्रोत उर्वरक है।
  • विगत चार दशकों में मानवीय गतिविधियों के कारण होने वाले N2O उत्सर्जन में 40 प्रतिशत (प्रति वर्ष तीन मिलियन मीट्रिक टन N2O) की वृद्धि हुई है।
  • गत दशक में अमोनिया और पशु खाद जैसे नाइट्रोजन उर्वरकों का उपयोग करने वाले कृषि उत्पादन ने कुल मानवजनित N2O उत्सर्जन में 74 प्रतिशत का योगदान दिया।
  • मानवीय गतिविधियों के कारण उत्पन्न N2O उत्सर्जन ग्रीनहाउस गैसों के प्रभावी विकिरण बल के 6.4 प्रतिशत के लिए जिम्मेदार है तथा इसने वर्तमान वैश्विक तापमान में लगभग 0.1°C की वृद्धि की है।

नाइट्रस ऑक्साइड सांद्रता संबंधित हालिया आँकड़ा   

  • वर्ष 2022 में वायुमंडलीय N2O की सांद्रता 336 अवयव प्रति बिलियन तक पहुँच गई, जो कि पूर्व-औद्योगिक स्तर से 25 प्रतिशत अधिक है।
  • हालाँकि, वर्ष 2022 में कार्बन डाइऑक्साइड की सांद्रता 417 अवयव प्रति मिलियन थी। इसलिए, वायुमंडल में मौजूद कार्बन डाइऑक्साइड का वर्तमान स्तर नाइट्रस ऑक्साइड से हजार गुना अधिक है।
  • वर्ष 2050 तक मानवजनित N2O उत्सर्जन में वर्ष 2019 के स्तर के सापेक्ष कम से कम 20 प्रतिशत की कमी आनी चाहिए। पेरिस समझौते के शुद्ध शून्य (नेट ज़ीरो) उत्सर्जन के लक्ष्य (वैश्विक तापमान को पूर्व-औद्योगिक स्तरों से 2°C से नीचे स्थिर करना) को हासिल करने है। 

कुछ अन्य ग्रीनहाउस गैसें

ग्रीनहाउस गैसें (GHGs) पृथ्वी के वायुमंडल में मौजूद गैसें हैं, जो ऊष्मा को रोक कर रखती हैं। ग्रीनहाउस गैसों में निम्नलिखित गैसें शामिल है :

  • कार्बन के रूप में कार्बन डाइऑक्साइड 
  • हाइड्रोफ्लोरोकार्बन (HFCs)
  • मीथेन
  • नाइट्रोजन ट्राइफ्लोराइड (NF3)
  • नाइट्रस ऑक्साइड
  • परफ्लुरोकेमिकल्स (Perfluorochemicals-PFCs) और
  • सल्फर हेक्साफ्लोराइड

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