संदर्भ
अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा विश्लेषण एजेंसी ‘एम्बर‘ द्वारा जारी “ग्लोबल इलेक्ट्रिसिटी रिव्यू” के अनुसार, भारत वर्ष 2023 में जापान को पीछे छोड़ते हुए विश्व का तीसरा सबसे बड़ा सौर ऊर्जा उत्पादक बन गया।
अन्य संबंधित जानकारी
- भारत वर्ष 2023 में जापान के 110 बिलियन यूनिट (बीयू) की तुलना में 113 बीयू सौर ऊर्जा का उत्पादन करके जापान से आगे निकल गया।
- स्थापित विद्युत क्षमता के संदर्भ में, जिसमें नवीकरणीय और गैर-नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोत शामिल हैं, भारत 73 गीगावाट (1 गीगावाट एक अरब वाट) के साथ विश्व में पाँचवें स्थान पर है, जबकि जापान तीसरे स्थान (83 गीगावाट) पर है।
- जापान में विद्युत की माँग वर्ष 2021 और वर्ष 2022 में वृद्धि के बाद वर्ष 2023 में 2 प्रतिशत (2 बिलियन यूनिट) कम हो गई, जिसके कारण भारत जापान से आगे निकल गया।
- इसके अतिरिक्त, अगले देश संयुक्त राज्य अमेरिका (228 बिलियन यूनिट)- जो दूसरे स्थान पर है – को पीछे छोड़ने के लिए भारत को अपने वर्तमान सौर उत्पादन को दोगुना से अधिक करने की आवश्यकता होगी।
- विश्व में सौर ऊर्जा का अग्रणी उत्पादक देश चीन है, जिसने वर्ष 2024 में 584 बिलियन यूनिट सौर ऊर्जा का उत्पादन किया, जो कि उसके बाद के अगले चार देशों (संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान, जर्मनी और भारत) के संयुक्त उत्पादन से अधिक है।
- वर्ष 2023 में वैश्विक स्तर पर सौर ऊर्जा उत्पादन वर्ष 2015 की तुलना में छह गुना अधिक था, जबकि भारत में यह 17 गुना अधिक था। वर्ष 2015 में भारत की विद्युत उत्पादन में सौर ऊर्जा उत्पादन की हिस्सेदारी 0.5 प्रतिशत से बढ़कर 2023 में 5.8 प्रतिशत हो गई।
- भारत वर्ष 2030 तक नवीकरणीय क्षमता को तीन गुना करने के लिए प्रतिबद्ध कुछ चुनिंदा देशों में से एक है।
एम्बर(Ember)
- यह एक स्वतंत्र ऊर्जा थिंक टैंक है, जिसका उद्देश्य डेटा और नीति के साथ स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण को गति देना है।
- यूरोपीय संघ के कार्बन बाजार में सुधार हेतु वर्ष 2008 में सैंडबैग के रूप में स्थापित किया गया। इसे वर्ष 2020 में एम्बर के रूप में पुनः ब्रांडेड किया गया। इस प्रकार नई वैश्विक पहुँच को स्थापित करते हुए वैश्विक विद्युत संक्रमण को गति देने पर फोकस करना है।
- मुख्यालय: लंदन, यूनाइटेड किंगडम।
वैश्विक परिदृश्य
- वैश्विक स्तर पर, ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोत वैश्विक स्तर पर उत्पादित कुल विद्युत के 30 प्रतिशत का उत्पादन करते हैं।
- एम्बर ने वर्ष 2024 में जीवाश्म ईंधन उत्पादन में गिरावट का अनुमान लगाया है और यह प्रवृत्ति अन्य वर्षों में भी जारी रहेगी, जिससे पता चलता है कि वर्ष 2023 वह वर्ष हो सकता है जब जीवाश्म ईंधन का उत्पादन विश्व स्तर पर “अपने उच्चतम स्तर” पर होगा।
- सौर ऊर्जा ने लगातार 19वें वर्ष विश्व के सबसे तेजी से बढ़ते विद्युत स्रोत के रूप में अपनी स्थिति बरकरार रखी है। वर्ष 2023 में वैश्विक स्तर पर कोयले की तुलना में दोगुनी से अधिक नई विद्युत का उत्पादन हुआ है।
- सौर ऊर्जा ने वर्ष 2023 में वैश्विक विद्युत में रिकॉर्ड 5.5 प्रतिशत का उत्पादन किया।
महत्व
- स्वच्छ विद्युत का उत्पादन बढ़ाना सिर्फ़ विद्युत क्षेत्र में कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए ही नहीं है। यह बढ़ती हुई विद्युतीकृत अर्थव्यवस्था में बढ़ती विद्युत की माँग को पूरा करने और उत्सर्जन से आर्थिक विकास को अलग करने के लिए भी ज़रूरी है।
- वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को तीन गुना बढ़ाना तथा ऊर्जा दक्षता को दोगुना करना, औसत तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने के लिए महत्वपूर्ण है।
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