संदर्भ:

हाल ही में, भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने असैन्य परमाणु सहयोग के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

अन्य संबंधित जानकारी

  • असैन्य परमाणु सहयोग समझौता ज्ञापन के साथ-साथ भारत और संयुक्त अरब अमीरात ने निम्न कई अन्य महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए:
  • दीर्घकालिक एलएनजी आपूर्ति: तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) की दीर्घकालिक आपूर्ति के लिए अबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी (ADNOC) और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
  • सामरिक पेट्रोलियम भंडार: अबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी और इंडिया स्ट्रेटेजिक पेट्रोलियम रिजर्व लिमिटेड (ISPRL) के बीच सामरिक पेट्रोलियम भंडार के संबंध में समझौता हुआ। 
  • उत्पादन रियायत समझौता: ऊर्जा भारत और अबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी ने अबू धाबी ऑनशोर ब्लॉक 1 के लिए समझौते पर सहमति व्यक्त की।
  • फूड पार्क विकास: भारत में फूड पार्क विकसित करने के लिए गुजरात सरकार और अबू धाबी डेवलपमेंटल होल्डिंग कंपनी पीजेएससी (ADQ) के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। यह पहल आईटूयूटू समूह (I2U2 grouping) का हिस्सा है, जिसमें इज़राइल और संयुक्त राज्य अमेरिका भी शामिल हैं।

वैश्विक समझौते और सहयोग

परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह समझौता (2008): इस समझौते ने अंतर्राष्ट्रीय आपूर्तिकर्ताओं से रिएक्टर और ईंधन प्राप्त करने के अवसर खोले।

असैन्य परमाणु सहयोग समझौते: भारत ने अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन, दक्षिण कोरिया, चेक गणराज्य, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना, कजाकिस्तान, मंगोलिया और नामीबिया सहित विभिन्न देशों के साथ समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं।

ब्रिटेन समझौता (2015): ऊर्जा सुरक्षा एवं जलवायु परिवर्तन पर केंद्रित कार्यक्रमों और पहलों में 3.2 बिलियन पॉण्ड (4.9 बिलियन डॉलर) शामिल है।

जापान समझौता (2016): यह समझौता भारत को जापानी परमाणु प्रौद्योगिकी आयात करने की अनुमति देता है और परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (NSG) में भारत की सदस्यता के लिए जापान का समर्थन सुनिश्चित करता है।

असैन्य परमाणु ऊर्जा समझौते के विवरण

  • यह समझौता भारत के न्यूक्लियर पावर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NPCIL) और संयुक्त अरब अमीरात की अमीरात न्यूक्लियर एनर्जी कंपनी (ENEC) के नेतृत्ववाली बाराकाह न्यूक्लियर पावर प्लांट ऑपरेशंस एंड मेंटनेंस के बीच किया गया।
  • यह समझौता ज्ञापन भारत के प्रधानमंत्री की वर्ष 2015 की संयुक्त अरब अमीरात यात्रा के दौरान की गई प्रतिबद्धता पर आधारित है, जहां दोनों राष्ट्र सुरक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और प्रौद्योगिकी पर ध्यान केंद्रित करते हुए परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग पर मिलकर काम करने पर सहमत हुए थे।
  • यह दोनों देशों के बीच परमाणु ऊर्जा संबंधों को मजबूत करने के व्यापक प्रयास को रेखांकित करता है।
  • यह संयुक्त अरब अमीरात द्वारा अरब दुनिया के पहले परमाणु ऊर्जा संयंत्र, अबू धाबी में बाराकाह परमाणु ऊर्जा संयंत्र के पूरा होने की घोषणा के साथ भी मेल खाता है। एक बार जब इसका चौथा और अंतिम रिएक्टर वाणिज्यिक संचालन शुरू कर देगा, तो संयंत्र सालाना 40 टेरावाट-घंटे बिजली का उत्पादन करेगा। 

भारत के परमाणु ऊर्जा संयंत्र

  • वर्तमान में, भारत में 22 संचालित रिएक्टर हैं, जिनकी स्थापित क्षमता 6780 मेगावाट है।
  • इनमें से अठारह रिएक्टरों में दबावयुक्त भारी जल रिएक्टरों (PHWRs) और चार हल्के जल रिएक्टरों (LWRs) शामिल हैं।
  • एशिया का पहला परमाणु रिएक्टर मुंबई में स्थित अप्सरा रिसर्च रिएक्टर है।

समझौते का महत्व

  • सहयोग बढ़ाना: परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के संचालन और रखरखाव में सुधार करना।
  • परमाणु सामग्री और सेवाओं का स्रोत: भारत से परमाणु सामग्री और सेवाओं की खरीद को सुविधाजनक बनाना।
  • निवेश के अवसरों का अन्वेषण: परमाणु क्षेत्र में पारस्परिक निवेश की संभावनाओं का पता लगाना।
  • क्षमता निर्माण: परमाणु ऊर्जा विकास में ज्ञान और विशेषज्ञता साझा करना।

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अंतर्राष्ट्रीय सहकारी गठबंधन

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