संबंधित पाठ्यक्रम

सामान्य अध्ययन-2: स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधन से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय।

संदर्भ: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी औषधि निर्माताओं को औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 के तहत संशोधित अनुसूची M मानदंडों का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।

अन्य संबंधित जानकारी

  • मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि नियमों का पालन न करने वाली इकाइयों के लाइसेंस रद्द कर दिए जाएंगे।
  • यह निर्देश तमिलनाडु औषधि नियंत्रण विभाग की एक रिपोर्ट के बाद दिया गया जिसमें कफ सिरप ब्रांड कोल्ड्रिफ के नमूनों में डाइएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) की मात्रा स्वीकार्य स्तर से अधिक पाई गई थी।
  • यह घटनाक्रम राजस्थान और मध्य प्रदेश में 10 से अधिक बच्चों की मौत की खबरों के कारण संज्ञान में आया, जिसके बाद कफ सिरप की ब्रांडों की राष्ट्रव्यापी जाँच की जा रही है।

औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940

• यह अधिनियम भारत में औषधि और सौंदर्य प्रसाधनों के आयात, निर्माण, वितरण और बिक्री को विनियमित करने के लिए भारत की संसद द्वारा अधिनियमित किया गया था।

प्रमुख प्रावधान: 

  • यह अधिनियम औषधि की गुणवत्ता, गलत ब्रांडिंग, मिलावट और नकली औषधियों की पहचान के लिए मानक निर्धारित करता है।
  • यह अधिनियम औषधि निरीक्षकों को परिसरों का निरीक्षण करने और उल्लंघनों के विरुद्ध कार्रवाई करने की शक्ति देता है।
  • यह अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए अवैध औषधिओं और सौंदर्य प्रसाधनों पर दंड लगाने और उनकी जब्ती का प्रावधान करता है।
  • यह अधिनियम मानकों को बनाए रखने के लिए औषधि तकनीकी सलाहकार बोर्ड और केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला जैसे तकनीकी सलाहकार निकायों की स्थापना करता है।
  • औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियम, 1945 में औषधियों की पैकेजिंग, लेबलिंग, लाइसेंसिंग और बिक्री के लिए विस्तृत नियम निर्दिष्ट किए गए हैं।
  • अधिनियम में नैदानिक परीक्षण नियमों और औषधि विज्ञान में प्रगति के लिए संशोधनों को शामिल किया गया है।

संशोधित अनुसूची M के बारे में

• अनुसूची M औषधि उत्पादन के लिए अच्छी विनिर्माण प्रथाओं (Good Manufacturing Practices) को निर्धारित करती है, जिससे औषधिओं की सुरक्षा, प्रभावकारिता और गुणवत्ता सुनिश्चित होती है।

• यह औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 का एक भाग है।

मुख्य विशेषताएँ:

  • फार्मास्युटिकल गुणवत्ता प्रणालियों और गुणवत्ता जोखिम प्रबंधन की शुरूआत।
  • कम्प्यूटरीकृत भंडारण प्रणालियों और उपकरण वैधता की आवश्यकता।
  • उत्पाद की गुणवत्ता और रोगी सुरक्षा बढ़ाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय जीएमपी मानकों के साथ संरेखण।

• अनुपालन की अंतिम तिथि: दिसम्बर 31, 2025.

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए अतिरिक्त निर्देश

  • सभी स्वास्थ्य सुविधाओं द्वारा बेहतर निगरानी और समय पर रिपोर्टिंग सुनिश्चित करना।
  • एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (IDSP) सामुदायिक रिपोर्टिंग टूल के उपयोग को बढ़ावा देना, जिसका अब एकीकृत स्वास्थ्य सूचना प्लेटफ़ॉर्म (IHIP) के साथ विलय कर दिया गया है।
  • शीघ्र रिपोर्टिंग और संयुक्त नियामक कार्रवाई के लिए अंतर-राज्यीय समन्वय को मजबूत करना।
  • कफ सिरप के तर्कसंगत उपयोग की निगरानी करना, विशेष रूप से बाल चिकित्सा के मामलों में।

स्रोत:
Economic Times.India Times
PIB
Times of India.India Times
The Print
Ptinews

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