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सामान्य अध्ययन-2: भारत से संबंधित और/या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और समझौते|

संदर्भ:

हाल ही में, भारत और मंगोलिया ने नई दिल्ली में द्विपक्षीय और प्रतिनिधिमंडल स्तर पर दस समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए।

अन्य संबंधित जानकारी

  • इस अवसर पर दोनों नेताओं ने संयुक्त रूप से भारत और मंगोलिया के द्विपक्षीय संबंधों की 70वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में स्मारक टिकट जारी किए।

भारत और मंगोलिया के बीच हस्ताक्षरित प्रमुख समझौता ज्ञापन:

  • मानवीय सहायता पर समझौता ज्ञापन: यह समझौता भारत की मंगोलिया को मानवीय राहत और आपदा प्रबंधन अभियानों में सहायता प्रदान करने की प्रतिबद्धता को और सुदृढ़ करता है, विशेष रूप से आपातकालीन प्रतिक्रिया और आपदा उपरांत पुनर्वास में सहयोग पर बल देता है।
  • मंगोलिया में विरासत स्थल के संरक्षण पर समझौता ज्ञापन: सांस्कृतिक कूटनीति के ढांचे के अंतर्गत, यह समझौता मंगोलिया की आध्यात्मिक और राष्ट्रीय धरोहर का प्रतीक बोग्द खान पैलेस के जीर्णोद्धार पर केंद्रित है, जिसमें भारतीय तकनीकी और कलात्मक सहयोग प्रदान किया जाएगा।
  • प्रवासन सहयोग पर समझौता ज्ञापन: यह आपसी व्यवस्था भारत और मंगोलिया के बीच आव्रजन प्रक्रियाओं को सरल बनाने तथा मंगोलियाई नागरिकों के लिए नि:शुल्क ई-वीजा सुविधा शुरू करने का मार्ग प्रशस्त करती है, जिससे पर्यटन, व्यापार और जन-जन के बीच संपर्क को बढ़ावा मिलेगा।
  • भूविज्ञान और खनिज संसाधनों पर सहयोग का समझौता ज्ञापन: यह समझौता महत्वपूर्ण खनिजों और दुर्लभ पृथ्वी तत्वों की संयुक्त खोज और खनन को प्रोत्साहित करता है, जिससे दोनों देशों की ऊर्जा रूपांतरण रणनीतियों और औद्योगिक आवश्यकताओं को सहयोग मिलेगा। भारत, मंगोलिया से कोकिंग कोल आयात के लिए चीन या रूस के माध्यम से लॉजिस्टिक मार्गों की भी समीक्षा कर रहा है।
  • सहकारी समितियों को प्रोत्साहन देने पर समझौता ज्ञापन: यह समझौता ग्रामीण सहकारिता और उद्यमिता के विकास में संस्थागत सहयोग को मजबूत करता है, जिसमें भारत के अमूल और डेयरी सहकारिता मॉडल से प्रेरणा लेकर मंगोलिया की अर्थव्यवस्था को खनन के परे विविधीकृत करने में सहायता की जाएगी।
  • डिजिटल समाधान साझा करने पर समझौता ज्ञापन: यह समझौता डिजिटल शासन से जुड़ाव को सुलभ बनाता है, विशेष रूप से सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षमता निर्माण, ई-गवर्नेंस, और साइबर सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा देता है। इसमें उलानबातार स्थित अटल बिहारी वाजपेयी उत्कृष्टता केंद्र जैसी पहलों को शामिल किया गया है।
  • योग और पारंपरिक चिकित्सा पर समझौता ज्ञापन: यह समझौता मंगोलिया में योग, आयुर्वेद और अन्य भारतीय पारंपरिक स्वास्थ्य पद्धतियों के प्रचार के माध्यम से सांस्कृतिक सहयोग को विस्तार देता है, जो भारत की ‘सॉफ्ट पावर’ और समग्र स्वास्थ्य दृष्टिकोण को सुदृढ़ करता है।
  • सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रमों पर समझौता ज्ञापन: इसका उद्देश्य कलात्मक और शैक्षणिक आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करना है, जिसमें मंगोलिया के युवा सांस्कृतिक राजदूतों की भारत यात्राएं तथा नालंदा विश्वविद्यालय और मंगोलिया के गन्दन मठ के बीच बौद्ध अध्ययन एवं पांडुलिपियों के डिजिटलीकरण हेतु सहयोग शामिल है।
  • लद्दाख और मंगोलिया के अरख़ानगई प्रांत के बीच समझौता ज्ञापन: यह विकेंद्रीकृत सांस्कृतिक समझौता है, जो लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद और मंगोलिया के अरख़ानगई प्रांत के बीच पर्यटन, हस्तशिल्प और बौद्ध धरोहर के क्षेत्रों में सहयोग एवं आदान-प्रदान को बढ़ावा देता है।
  • क्षमता निर्माण और सीमा सुरक्षा प्रशिक्षण पर समझौता ज्ञापन: यह समझौता मंगोलियाई सीमा सुरक्षा बलों को प्रशिक्षण प्रदान करने और भारत की ओर से उलानबातार में एक रक्षा सहयोग अधिकारी की नियुक्ति की औपचारिकता को रेखांकित करता है। यह हिंद-प्रशांत क्षेत्रीय ढांचे के अंतर्गत दोनों देशों के बीच बढ़ती सुरक्षा साझेदारी को दर्शाता है।

भारत – मंगोलिया द्विपक्षीय संबंध:

  • आर्थिक संबंध: भारत और मंगोलिया के बीच द्विपक्षीय व्यापार ने मात्र एक वर्ष में लगभग दोगुनी वृद्धि दर्ज की है — वर्ष 2023 में यह जहाँ 60 मिलियन अमेरिकी डॉलर था, वहीं वर्ष 2024 में बढ़कर 110 मिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है।
  • सैन्य संबंध: नोमैडिक एलीफेंट” (Nomadic Elephant) भारत और मंगोलिया के बीच आयोजित एक वार्षिक संयुक्त सैन्य अभ्यास है, जिसका उद्देश्य आपसी समन्वय और आतंकवाद-रोधी क्षमताओं को सुदृढ़ करना है।
  • राजनयिक संबंधों की स्थापना: भारत और मंगोलिया के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना 24 दिसंबर 1955 को हुई थी, जो दोनों देशों के दीर्घकालिक मित्रता के आधार का निर्माण करती है।
  • रणनीतिक साझेदारी: भारत और मंगोलिया ने वर्ष 2015 में रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की थी।
    • भारत के लिए यह साझेदारी एक्ट ईस्ट नीति” और हिंद-प्रशांत रणनीति को सशक्त करती है।
    • वहीं मंगोलिया के लिए यह भारत के साथ एक विश्वसनीय तीसरे पड़ोसी (रूस  और चीन के अतिरिक्त) के रूप में संबंधों को सुदृढ़ करने का माध्यम है।

Sources:
Indian Express
News On Air
DD News

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