संदर्भ:
भारत-फ्रांस द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास वरुण (Exercise VARUNA) का 22वां आयोजन 2 से 4 सितंबर, 2024 तक भूमध्य सागर में सम्पन्न हुआ।
मुख्य अंश
भाग लेने वाले जहाज:
- भारतीय नौसेना का प्रतिनिधित्व स्टील्थ फ्रिगेट (रडार से बच निकलने वाला युद्ध-पोत) आईएनएस तबर के साथ-साथ लम्बी दूरी की समुद्री टोही (Long-Range Maritime Reconnaissance-LRMR) पी-8आई विमान ने किया।
- आईएनएस तबर, भारतीय नौसेना के लिए रूस में निर्मित एक स्टील्थ फ्रिगेट है।
- पी-8आई एक लंबी दूरी का, बहु-मिशन समुद्री गश्ती विमान है।
- फ्रांसीसी नौसेना के एफएस प्रोवेंस, पनडुब्बी सुफ्रेन तथा अटलांटिक 2 और एमबी339 लड़ाकू विमानों जैसे विभिन्न विमानों ने अभ्यास में भाग लिया।
उन्नत नौसैनिक संचालन:
- सामरिक युद्धाभ्यास: दोनों नौसेनाओं ने समन्वित सामरिक युद्धाभ्यास के माध्यम से उन्नत परिचालन कौशल का प्रदर्शन किया।
- पनडुब्बी रोधी युद्ध अभ्यास: पानी के नीचे उन्नत युद्ध तकनीकों का अभ्यास किया गया, जिससे दोनों बेड़े की सतह के नीचे के खतरों का पता लगाने और उन्हें बेअसर करने की क्षमता को रेखांकित किया गया।
- वायु रक्षा अभ्यास (FLYEX): अभ्यास में लड़ाकू जेट, समुद्री गश्ती विमान और हेलीकॉप्टरों का उपयोग करके वायु रक्षा समन्वय का परीक्षण किया गया।
- हथियार चलाना और फोटो-एक्स: युद्ध की तैयारी बढ़ाने के लिए जीवंत हथियार चलाने के अभ्यास आयोजित किए गए, साथ ही कार्रवाई में संयुक्त नौसैनिक शक्ति की अभ्यासरत स्थिति को कैद करने के लिए फोटो-एक्स भी आयोजित किया गया।
वरुण अभ्यास
- यह भारत और फ्रांस के बीच द्विपक्षीय नौसेना अभ्यास है।
- दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच द्विपक्षीय नौसेना अभ्यास वर्ष 1993 में शुरू किया गया था।
- इस अभ्यास को वर्ष 2001 में ‘वरुण’ नाम दिया गया था।
अन्य भारत-फ्रांस संयुक्त अभ्यास
- शक्ति: भारतीय और फ्रांसीसी सेनाओं के बीच द्विवार्षिक रूप से आयोजित होने वाला शक्ति अभ्यास संयुक्त सैन्य क्षमताओं पर केंद्रित है। इसका नवीनतम आयोजन उमरोई, मेघालय में सम्पन्न हुआ था, जिसमें बहु-क्षेत्र संचालन और आतंकवाद-निरोघ पर जोर दिया गया था।
- गरुड़: गरुड़ भारत-फ्रांस द्विपक्षीय वायु सेना अभ्यास है। गरुड़ VII का नवीनतम (पिछला) अभ्यास, वर्ष 2022 में भारत के जोधपुर में सम्पन्न हुआ था, जिसमें फ्रांसीसी वायु सेना शामिल थी।
- डेजर्ट नाइट-21: जोधपुर में आयोजित डेजर्ट नाइट-21, भारतीय और फ्रांसीसी वायु सेनाओं के बीच एक संयुक्त हवाई अभ्यास था, जिसमें दोनों पक्षों के राफेल लड़ाकू जेट शामिल थे, जिसका उद्देश्य अंतर-संचालन को बढ़ाना था।
अंतरसंचालनीयता को मजबूत करना:
- वरुण अभ्यास सहयोगात्मक प्रयासों को बढ़ाने के लिए दोनों नौसेनाओं के समर्पण का उदाहरण है, जो यह सुनिश्चित करता है कि वे विभिन्न समुद्री परिदृश्यों में एक साथ निर्बाध रूप से काम कर सकें।
- यह प्रतिबद्धता हिंद-प्रशांत क्षेत्र और उससे आगे की आम सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए महत्वपूर्ण है।