संदर्भ:
एम्बर की ग्लोबल इलेक्ट्रिसिटी रिव्यू 2025 के 6 वें संस्करण से पता चला है कि भारत 2024 में पवन और सौर ऊर्जा से बिजली बनाने वाला दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक बन गया है।
अन्य संबंधित जानकारी
- रिपोर्ट के अनुसार भारत जर्मनी को पीछे छोड़कर तीसरे स्थान पर पहुंच गया है ।
- यह रिपोर्ट 2024 में वैश्विक बिजली उत्पादन में होने वाले परिवर्तनों का पहला व्यापक अवलोकन प्रस्तुत करती है।
- रिपोर्ट में 215 देशों, 13 भौगोलिक और आर्थिक समूहों, जिनमें अफ्रीका, एशिया, यूरोपीय संघ और जी7 शामिल हैं, के विद्युत संबंधी आंकड़ों का विश्लेषण किया गया है।
रिपोर्ट की के प्रमुख बिन्दु
वैश्विक अक्षय ऊर्जा वृद्धि:
- पिछले वर्ष पवन और सौर ऊर्जा ने मिलकर वैश्विक बिजली का 15% उत्पादन किया, जिसमें से भारत का योगदान 10% था।
- नवीकरणीय और परमाणु ऊर्जा सहित निम्न-कार्बन स्रोतों ने 2024 में वैश्विक बिजली उत्पादन में 40.9% का योगदान दिया। 1940 के दशक के बाद यह पहली बार है जब 40% का आंकड़ा पार किया गया है।
- नवीकरणीय ऊर्जा 2024 में वैश्विक विद्युत का रिकॉर्ड 32% प्रदान करती है।
- वैश्विक स्तर पर, नवीकरणीय ऊर्जा ने 2024 में रिकॉर्ड 858 TWh का योगदान दिया, जो 2022 के पिछले रिकॉर्ड से 49% अधिक है।
- सौर ऊर्जा लगातार तीसरे वर्ष नई बिजली का सबसे बड़ा स्रोत रही, जिसने 2024 में 474 TWh जोड़ा।
भारत का नवीकरणीय ऊर्जा पर दृष्टिकोण
भारत में बिजली उत्पादन में स्वच्छ स्रोतों का योगदान 22% है। इसमें सबसे बड़ा योगदान जलविद्युत का है जो 8% है, उसके बाद पवन और सौर ऊर्जा का योगदान 10% है।
भारत ने 2024 में 24 गीगावाट (GW) सौर क्षमता जोड़ी है, जो पिछले वर्ष की तुलना में दोगुनी से भी अधिक है, जिससे यह चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद तीसरा सबसे बड़ा बाजार बन गया है।
- 2024 में भारत की कुल विद्युत में सौर ऊर्जा का योगदान 7% था, जिसका उत्पादन 2021 से दोगुना हो गया है।
2024 में अतिरिक्त 20 टेरावाट घंटे (TWh) की वृद्धि के साथ भारत सौर उत्पादन में विश्व स्तर पर चौथे स्थान पर आ गया है।
रिपोर्ट में बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए भारत को स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन में तेजी लाने की आवश्यकता पर भी बल दिया गया है।
भारत की नवीकरणीय ऊर्जा पहल
- राष्ट्रीय जलवायु लक्ष्य : 2022 में UNFCCC को सौंपी गई भारत की जलवायु प्रतिबद्धताओं या राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDC) के तहत, भारत के जलवायु लक्ष्यों में गैर-जीवाश्म स्रोतों से स्थापित क्षमता का 50% प्राप्त करना और 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म क्षमता तक पहुंचना शामिल है।
- पीएम सूर्य घर: मुफ़्त बिजली योजना (PMSGMBY) : फरवरी 2024 में शुरू की गई यह पहल विश्व का सबसे बड़ा घरेलू रूफटॉप सौर कार्यक्रम बन गई है । 10 मार्च 2025 तक इसने 10 लाख घरों को सौर ऊर्जा से संचालित किया है।
- केंद्रीय बजट 2024-25 में सौर ग्रिड अवसंरचना के लिए ₹10,000 करोड़ निर्धारित किए गए हैं, जो पिछले वित्तीय वर्ष (2023-24) में आवंटित ₹4,757 करोड़ से 110% अधिक है।