संबंधित पाठ्यक्रम
सामान्य अध्ययन-2:भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय,खेत्रिय और वैश्विक समूह और करार।
सामान्य अध्ययन -3: भारतीय अर्थव्यवस्था और योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास और रोजगार से संबंधित विषय।
संदर्भ: हाल ही में, भारत और न्यूज़ीलैंड ने एक व्यापक मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर वार्ताओं के संपन्न होने की घोषणा की है। यह वार्ता हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत की भागीदारी में एक प्रमुख आर्थिक और रणनीतिक कदम है।
अन्य संबंधित जानकारी
- यह समझौता 5 औपचारिक वार्ता दौरों और कई व्यक्तिगत एवं वर्चुअल बैठकों के गहन विचार-विमर्श के बाद संपन्न हुआ।
FTA की मुख्य विशेषताएँ
- लक्ष्य: अगले पाँच वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने और अगले 15 वर्षों में भारत में 20 बिलियन डॉलर का निवेश प्राप्त करने का लक्ष्य है।
- शुल्क में कटौती: न्यूज़ीलैंड भारतीय निर्यात के 100% उत्पादों को शुल्क मुक्त (zero-duty) बाजार पहुंच प्रदान करेगा, जबकि भारत ने 70% टैरिफ लाइनों (उत्पाद श्रेणियों) पर शुल्क रियायतें दी हैं, जो द्विपक्षीय व्यापार के 95% हिस्से को कवर करती हैं।
- श्रम-प्रधान क्षेत्रों को प्रोत्साहन: सभी टैरिफ लाइनों पर शुल्क-मुक्त पहुंच भारत के श्रम-प्रधान क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाती है, जिससे श्रमिकों, कारीगरों, एमएसएमई (MSMEs) को सहायता मिलती है और वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में उनका एकीकरण सुनिश्चित होता है।
- बागवानी को बढ़ावा: न्यूज़ीलैंड उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करके भारत को सेब, कीवी और शहद की उत्पादकता में सुधार करने में भी मदद करेगा। बदले में, भारत ने इन उत्पादों के आयात पर कम शुल्क लगाने की प्रतिबद्धता जाहिर की है, लेकिन उन पर कोटा (निश्चित मात्रा) लागू कर दिया है।
- फार्मास्यूटिकल क्षेत्र: भारतीय फार्मा उत्पादों के लिए त्वरित मंजूरी और अमेरिका (US), ब्रिटेन (UK), यूरोपीय संघ (EU) एवं कनाडा के मान्यता प्राप्त समकक्ष नियामकों द्वारा किए गए निरीक्षणों को स्वीकृति।
- रोजगार को बढ़ावा: न्यूज़ीलैंड कुशल व्यवसायों से जुड़े भारतीय पेशेवरों के लिए प्रति वर्ष 5,000 वीजा के कोटे के साथ अस्थायी रोजगार वीजा प्रदान करेगा, जिससे वे तीन वर्ष तक वहाँ रुक सकेंगे।
- अस्थाई रोजगार वीजा में आयुष (AYUSH) चिकित्सक, योग प्रशिक्षक, भारतीय शेफ (रसोइए) और संगीत शिक्षक शामिल हैं। इसके साथ ही इसमें आईटी, इंजीनियरिंग, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और निर्माण जैसे उच्च-मांग वाले क्षेत्र भी शामिल हैं, जो कार्यबल की गतिशीलता और सेवाओं व्यापार को सुदृढ़ करते हैं।
- न्यूजीलैंड को लाभ: यह समझौता भारत को होने वाले न्यूज़ीलैंड के 95% निर्यात पर शुल्क (टैरिफ) को समाप्त या कम कर देगा, और ऐसा माना जा रहा है कि इससे अगले दो दशकों में भारत को न्यूज़ीलैंड से होने वाला निर्यात प्रति वर्ष 1.1 से 1.3 बिलियन डॉलर तक बढ़ जाएगा।
- छूट: डेयरी, पशु उत्पाद, चीनी, कृत्रिम शहद, वनस्पति वसा और तेल, रत्न एवं आभूषण, तथा एल्युमीनियम को इस समझौते से छूट दी गई है।

FTA का महत्त्व:
- इस समझौते से आर्थिक सहयोग बढ़ने, बाजार तक पहुंच में सुधार होने और निवेश प्रवाह को गति मिलने की उम्मीद है, साथ ही दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंध भी प्रगाढ़ होंगे।
- इस व्यापार समझौता से विभिन्न क्षेत्रों में अवसरों का सृजन होने की अपेक्षा है, जिससे दोनों देशों के नवप्रवर्तकों, उद्यमियों, किसानों, एमएसएमई (MSMEs), छात्रों और युवा पेशेवरों को लाभ होगा और गहन आर्थिक एवं आपसी जन-संपर्क को बढ़ावा मिलेगा।
- यह मुक्त व्यापार समझौता (FTA) विश्व भू-राजनीति में भारत के बढ़ते रणनीतिक महत्व को दर्शाता है।
- यह टैरिफ, उत्पादकता, निवेश और प्रतिभा पर आधारित नई पीढ़ी के व्यापार समझौते का प्रतिनिधित्व करता है।
- यह ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य के अनुरुप भारत को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी, समावेशी और लचीली अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर करेगा।
