संदर्भ:

हाल ही में, केंद्रीय कपड़ा मंत्री ने नई दिल्ली में ‘भारत टेक्स 2025′ के पूर्वावलोकन कार्यक्रम के दौरान कहा कि भारत के कपड़ा उद्योग के वर्ष 2030 तक 350 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक बढ़ने और 3.5 मिलियन रोजगार सृजित करने की उम्मीद है। 

अन्य संबंधित जानकारी

  • भारत को उम्मीद है कि विश्व स्तर पर उसे अपने ‘भारत’ ब्रांड और हरित सतत वस्त्र उत्पादों के लिए मान्यता मिलेगी।
  • वस्त्र उद्योग के लिए केंद्र सरकार की उत्पाद-संबद्ध प्रोत्साहन (PLI) योजना परिधान उद्योग को उत्पादन बढ़ाने और अपनी ब्रांडिंग को बढ़ावा देने में सक्षम बनाएगी।
  • उत्पाद-संबद्ध प्रोत्साहन योजना से वस्त्र मूल्य श्रृंखला के एकीकरण में सुविधा होगी और देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) आकर्षित होगा।
  • प्रत्यक्ष विदेशी निवेश से तात्पर्य किसी विदेशी कंपनी या परियोजना में किसी अन्य देश के निवेशक, कंपनी या सरकार द्वारा की गई स्वामित्व हिस्सेदारी से है।
  • कपड़ा मंत्री ने कहा कि भारतीय जनसांख्यिकीय लाभांश भारत को चीन से आगे बढ़ने में सहायता करेगा तथा उन्होंने राज्य सरकारों से इस कार्यक्रम में समान रूप से भाग लेने का आग्रह किया।

वस्त्रों हेतु उत्पाद-संबद्ध प्रोत्साहन योजना

  • वस्त्रों के लिए उत्पाद-संबद्ध प्रोत्साहन (Production Linked Incentive-PLI) योजना को सितंबर 2021 में भारत के राजपत्र में अधिसूचित और प्रकाशित किया गया है।
  • इस योजना में भारत में निर्मित मानव निर्मित फाइबर (MMF) परिधान, मानव निर्मित फाइबर कपड़े और तकनीकी वस्त्र उत्पादों के उत्पादन हेतु प्रोत्साहन की परिकल्पना की गई है।

भारत टेक्स 2025

  • यह एक वैश्विक वस्त्र कार्यक्रम है जिसका आयोजन वस्त्र/परिधान निर्यात संवर्धन परिषदों (AEPCs) के एक संघ द्वारा किया जा रहा है तथा इसे वस्त्र मंत्रालय की सहायता प्राप्त है। 
  • वर्ष 1978 में स्थापित परिधान निर्यात संवर्धन परिषद भारत में परिधान निर्यातकों का आधिकारिक निकाय है, जो भारतीय निर्यातकों के साथ-साथ उन आयातकों/अंतर्राष्ट्रीय खरीददारों को भी मूल्यवान सहायता प्रदान करता है, जो परिधानों के लिए भारत को अपने पसंदीदा स्रोत के रूप में चुनते हैं।
  • इसका आयोजन 14-17 फरवरी, 2025 तक किया जाना है तथा इसे वैश्विक स्तर के कपड़ा व्यापार मेले और ज्ञान मंच के रूप में स्थापित किया गया है।
  • इस प्रदर्शनी में परिधान, घरेलू सामान, फर्श कवरिंग, फाइबर, यार्न, धागे, कपड़े, कालीन, रेशम, वस्त्र, हस्तशिल्प, तकनीकी वस्त्र और कई अन्य वस्तुएं प्रदर्शित होंगी।
  • इसमें भारत के फैशन खुदरा बाजार के अवसरों पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक रिटेल हाई स्ट्रीट भी होगा।
  • यह आयोजन भारत के प्रधानमंत्री के 5एफ विजन (Farm to Fibre to Factory to Fashion to Foreign) – खेत से फाइबर, फैक्ट्री से फैशन और फॉरेन का मूर्त रूप है, जो नवाचार, सहयोग और मेक इन इंडिया की भावना पर केंद्रित है।

कपड़ा उद्योग की स्थिति

  • भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा वस्त्र एवं परिधान निर्यातक देश है, जो कई श्रेणियों में शीर्ष पांच वैश्विक निर्यातकों में शुमार है तथा इसका निर्यात 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।
  • वर्तमान में यह उद्योग देश के सकल घरेलू उत्पाद में 2.3%, औद्योगिक उत्पादन में 13% तथा निर्यात में 12% का योगदान देता है।
  • इस दशक के अंत तक इसका सकल घरेलू उत्पाद में योगदान दोगुना होकर लगभग 5% हो जाने की उम्मीद है।

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