संदर्भ

उपचार संयंत्र के बारे में

  • सृजनम” नामक इस संयंत्र को वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद- राष्ट्रीय अंतःविषय विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (CSIR-NIIST) द्वारा विकसित किया गया था।
    • इस संयंत्र को रक्त, मूत्र, थूक और प्रयोगशाला के डिस्पोजेबल जैसे रोगजनक पदार्थों को कीटाणुरहित करके बायोमेडिकल अपशिष्ट का स्थायी रूप से प्रबंधन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है और यह सब बिना किसी भस्मक की आवश्यकता के किया जाता है।
    • यह प्रणाली दुर्गंध को बेअसर करती है और प्रतिदिन 400 किग्रा बायोमेडिकल अपशिष्ट और 10 किग्रा सड़ने योग्य अपशिष्ट का उपचार कर सकती है। सत्यापन और विनियामक अनुमोदन के बाद पूर्ण पैमाने पर इसका कार्यान्वयन आगे बढ़ेगा।
    • “सृजनम” तकनीक को रोगाणुरोधी प्रभावशीलता के लिए थर्ड पार्टी द्वारा मान्य किया गया है, अध्ययनों से पता चलता है कि इसकी उपचारित सामग्री वर्मीकम्पोस्ट जैसे जैविक उर्वरकों की तुलना में अधिक सुरक्षित है।
    • वर्ष 2023 की केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत में प्रतिदिन 743 टन बायोमेडिकल कचरा पैदा होता है। यह नई तकनीक भस्मीकरण के स्थान पर एक विकल्प प्रदान करती है, जिससे जोखिम और पर्यावरण प्रदूषण कम होता है।
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