संदर्भ:
भारत का पहला क्वांटम डायमंड माइक्रोचिप इमेजर (Quantum Diamond Microchip Imager) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बॉम्बे (IIT-Bombay) द्वारा टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के रणनीतिक सहयोग से विकसित किया जा रहा है।
अन्य संबंधित जानकारी
- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बॉम्बे (IIT-Bombay) द्वारा टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के बीच का सहयोग राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (National Quantum Mission-NQM) के अनुरूप है। राष्ट्रीय क्वांटम मिशन भारत सरकार की एक पहल है, जिसका उद्देश्य देश को वैश्विक क्वांटम प्रौद्योगिकी में अग्रणी बनाना है।
राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (NQM) का लक्ष्य वित्तीय वर्ष 2023-24 से वित्तीय वर्ष 2030-31 तक वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देना, इस क्षेत्र को वित्त उपलब्ध करना और उसे बढ़ाने के साथ-साथ क्वांटम प्रौद्योगिकी (QT) में एक जीवंत और अभिनव पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है। - इस सहयोग का उद्देश्य चिप्स की गैर-विनाशकारी परीक्षण के लिए क्वांटम इमेजिंग प्लेटफॉर्म विकसित करना है।
क्वांटम डायमंड माइक्रोचिप इमेजर (QDMI) के बारे में
- यह सेमीकंडक्टर चिप इमेजिंग के लिए एक उन्नत सेंसिंग उपकरण है, जो चिप के कम ना करने की संभावनाओं को कम करने और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की कार्य-क्षमता में सुधार करने में मदद करता है।
- यह चुंबकीय क्षेत्रों का चित्रण कर सकता है, जिससे सेमीकंडक्टर चिप्स को ‘नॉन इनवेसिव’ (किसी जीव/वस्तु में प्रवेश के बिना) और ‘नॉन-डिस्ट्रक्टिव’ (बिना नुकसान पहुंचाए) मैपिंग को संभव हो सकता है, जैसे – अस्पताल में चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग (MRI)।
- यह सेमीकंडक्टर चिप्स की खामियों का पता लगाने और उनकी पहचान करने के लिए नाइट्रोजन-रिक्ति (Nitrogen Vacancy-NV) सेंटर, जो हीरे की संरचना में दोष को बताता है, के अलावा अन्य हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का उपयोग करता है।
क्वांटम डायमंड माइक्रोचिप इमेजर (QDMI) के उद्देश्य
- करंट लीकेज जैसे चिप्स के खामियों का पता लगाने और बहु-परत चिप्स में त्रि-आयामी चार्ज प्रवाह को देखने की क्षमता को सक्षम बनाके सेमीकंडक्टर इमेजिंग में क्रांतिकारी बदलाव लाना।
- विफलता विश्लेषण, उपकरण विकास और अनुकूलन प्रक्रियाओं के लिए नैदानिक क्षमताओं को बढ़ाना।
- सेमीकंडक्टर चिप्स के परीक्षण में परिशुद्धता के नए स्तर को प्राप्त करना।
- यह सेमीकंडक्टर चिप्स के बेहतर गुणवत्ता नियंत्रण को सक्षम बनाता है, जिससे विद्युत उपकरण की उत्पाद विश्वसनीयता, सुरक्षा और ऊर्जा दक्षता में सुधार होता है।
QDMI का अनुप्रयोग
- व्यापक स्तर पर, इसका उपयोग माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स, जैविकी, भू-वैज्ञानिक इमेजिंग, तथा चुंबकीय क्षेत्रों की सूक्ष्म इमेजिंग आदि में किया जा सकता है।
सेमीकंडक्टर क्या है?
- सेमीकंडक्टर एक भौतिक उत्पाद है, जिसमें इन्सुलेटर और कंडक्टर दोनों के कुछ गुण होते हैं। वे शुद्ध तत्वों, आमतौर पर सिलिकॉन या जर्मेनियम, या गैलियम आर्सेनाइड जैसे यौगिकों से बने होते हैं।
- सेमीकंडक्टर चिप्स उन सभी आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए आवश्यक हैं, जो उन्हें स्मार्ट और कार्यक्षम बनाते हैं।
- डेटा को प्रोसेस करने और कार्यों को पूरा करने की सेमीकंडक्टर की क्षमता के कारण, ये चिप्स संचार, कंप्यूटिंग, स्वास्थ्य सेवा, सैन्य प्रणालियों, परिवहन और स्वच्छ ऊर्जा जैसे उद्योगों में उपकरणों के मस्तिष्क के रूप में कार्य करते हैं।
दूसरी क्वांटम क्रांति
- दूसरी क्वांटम क्रांति अभूतपूर्व गति से आगे बढ़ रही है, जिससे सेंसिंग, कंप्यूटिंग और संचार प्रौद्योगिकियों में अत्याधुनिक क्षमताओं को विकसित करने के लिए हमारे संसाधनों और विशेषज्ञता को एकत्रित करना अनिवार्य हो गया है।
- हालाँकि, पहली क्रांति ने लेजर और ट्रांजिस्टर जैसे कंप्यूटर के मूल तत्वों के आविष्कारों को संभव बनाया है। इससे पता चलता है कि उस समय वैज्ञानिकों को क्वांटम यांत्रिकी के नियमों ई जानकारी थी और उन्होंने उन नियमों का पालन करने वाले उपकरण बनाए।