संदर्भ: 

हाल ही में, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने भारत के निवेश और बाह्य वाणिज्यिक उधार (ECB) परिदृश्य पर एक रिपोर्ट जारी की है।

निवेश परिदृश्य

  • वित्तीय वर्ष 2025 के नौ महीनों (अप्रैल-दिसंबर, 2024) में कुल निवेश घोषणाएँ 32 लाख करोड़ रुपये रहीं, जो पिछले वर्ष की समान अवधि के 23 लाख करोड़ रुपये से लगभग 39% अधिक है।  
  • अप्रैल-दिसंबर, 2024 में हुए निवेश में निजी क्षेत्र का योगदान लगभग 70% दिया, जो पिछले वर्ष की समान अवधि के लगभग 56% से अधिक है। इस प्रकार यह मजबूत कॉर्पोरेट आत्मविश्वास का संकेत देता है।  

भारत के कॉर्पोरेट क्षेत्र का सकल ब्लॉक  

मार्च, 2024 तक, भारत के कॉर्पोरेट क्षेत्र का सकल ब्लॉक 106.50 लाख करोड़ रुपये तक पहुँच गया, जबकि यह मार्च, 2020 में 73.94 लाख करोड़ रुपये था।   

  • सकल ब्लॉक अचल परिसंपत्तियों (मूर्त और अमूर्त) की खरीद और सृजन की वास्तविक लागत को दर्शाता है, जो कि लेखा वर्ष के अंत में कंपनी के वार्षिक खातों में प्रदर्शित होता है। यह मुख्यतः इस बात को रेखांतित करती है कि कंपनी ने अवमूल्यन (मूल्यह्रास) को ध्यान में रखे बिना अपनी अचल परिसंपत्तियों में कितना निवेश किया है।

पिछले पाँच वर्षों में, कॉर्पोरेट सकल ब्लॉक में प्रतिवर्ष औसतन 8 लाख करोड़ रुपये से अधिक की वृद्धि हुई है।  

इसके अतिरिक्त, मार्च, 2024 में प्रगति पर पूँजीगत कार्य 13.63 लाख करोड़ रुपये था, जो जारी परियोजना विकास में मजबूती को दर्शाती है।  

घरेलू क्षेत्र की निवल वित्तीय बचत (HNFS)

  • भारत में परिवारों की निवल वित्तीय बचत वित्तीय वर्ष 23 के 5.0% से बढ़कर वित्तीय वर्ष 24 में सकल घरेलू उत्पाद का 5.3% हो गई।  
  • इसके अतिरिक्त, भौतिक परिसंपत्तियों में बचत वित्तीय वर्ष 23 में सकल घरेलू उत्पाद के 12.9% से बढ़कर वित्तीय वर्ष 24 में 13.5% हो गई।

सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में निवेश   

  • वित्तीय वर्ष 23 में सरकार के द्वारा किया गया निवेश सकल घरेलू उत्पाद के 4.1% तक पहुँच गया, जो वित्तीय वर्ष 2012 के बाद से सबसे अधिक है। 
  • वित्तीय वर्ष 23 में, निजी कॉर्पोरेट निवेश सकल घरेलू उत्पाद के 11.9% तक बढ़ गया, जो वित्तीय वर्ष 16 के बाद से इसका उच्चतम स्तर है।
  • वित्तीय वर्ष 2024 में निजी निवेश की हिस्सेदारी के बढ़कर लगभग 12.5% होने का अनुमान है, जो बेहतर कारोबारी प्रवृति को दर्शाता है।

बाह्य वाणिज्यिक उधार (ECB) (सितंबर, 2024 तक)

सितंबर, 2024 तक कुल बकाया ECB 190.4 बिलियन डॉलर थी। इसमें से गैर-रुपया और गैर-FDI घटकों का हिस्सा लगभग 154.9 बिलियन डॉलर था।

कुल बकाया राशि में निजी क्षेत्र का योगदान 63% (97.58 बिलियन डॉलर) था, जबकि सार्वजनिक क्षेत्र का योगदान 37% (55.5 बिलियन डॉलर) था। 

हालाँकि, सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में ECB वित्तीय वर्ष 20 में 1.9% से घटकर वित्तीय वर्ष 24 में 1.2% हो गया है, जो बेहतर घरेलू वित्तपोषण विकल्पों का संकेत देता है।

  • बाह्य वाणिज्यिक उधार वाणिज्यिक ऋण और बॉण्ड हैं, जिनका पात्र निवासी संस्थाओं, जो मान्यता प्राप्त गैर-निवासी संस्थाओं से ECB जुटाते हैं, द्वारा व्यापक स्तर पर इस्तेमाल किया जाता है।  
  • ECB विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा), 1999 द्वारा शासित होते हैं।

ECB का लागत का रुझान (अप्रैल-नवंबर, 2024)

  • ECB पर ब्याज दरों में गिरावट का रुझान दिखा है, जिससे भारतीय कंपनियों के लिए उधार लेने की लागत कम हो गई है।
  • अप्रैल-नवंबर, 2024 के दौरान, ECB की कुल लागत वार्षिक आधार पर 12 आधार अंक कम होकर 6.6% हो गई है।
  • नवंबर, 2024 में ECB की कुल लागत और घटकर 5.8% हो जाएगी, जो पिछले महीने की तुलना में 71 आधार अंक कम है।
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