संदर्भ:

विश्व शिल्प परिषद (World Craft Council-WCC) ने वर्ष 2024 में श्रीनगर को भारत के चौथे ‘विश्व शिल्प शहर’ के रूप में मान्यता दी।

अन्य संबंधित जानकारी

  • जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने वर्ष 2021 में श्रीनगर को विश्व शिल्प शहर के रूप में मान्यता देने के साथ-साथ यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क के रूप में मान्यता देने के लिए आवेदन किया था।
  • वर्ष 2021 में, श्रीनगर को ‘शिल्प एवं लोक कला श्रेणी’ में यूनेस्को क्रिएटिव सिटी की उपाधि भी प्राप्त की।

वर्तमान में, श्रीनगर में शिल्प कौशल के 10 से अधिक विभिन्न रूप प्रचलित हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • कागज की लुगदी या पेपर माचे (Papier-mâché): कागज के लुगदी से जटिल सजावटी वस्तुओं को बनाना।
  • अखरोट की लकड़ी पर नक्काशी: जटिल डिजाइनों के साथ उत्तम फर्नीचर और सजावटी वस्तुओं का निर्माण।
  • कालीन: यह हाथ से बुनी उत्कृष्ट कृतियाँ है, जो अपने जीवंत रंगों और विस्तृत पैटर्न के लिए जानी जाती हैं।
  • सोज़नी कढ़ाई: यह कपड़े पर बारीक सुई का काम है, जो अपने जटिल पुष्प और ज्यामितीय रूपांकनों के लिए जाना जाता है।
  • पश्मीना और कानी शॉल: यह चांगथांगी बकरियों के ऊन से बने शानदार शॉल है, जिन पर अक्सर जटिल कढ़ाई की जाती है।

अन्य तीन भारतीय शहर, जिन्हें पहले विश्व शिल्प शहरों के रूप में मान्यता दी गई है, वे है:

  • जयपुर (2015)
  • मलप्पुरम (2015)
  • मैसूर (2018)

मान्यता का महत्व

  • यह उन गुमनाम शिल्पकारों के लिए बहुत जरूरी मान्यता है, जिन्होंने पीढ़ियों से उत्कृष्ट कृतियों को बनाया हैं।
  • इससे वास्तविक शिल्प और शिल्पकारों को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। भौगोलिक संकेत टैग, शिल्प पर्यटन और हस्तशिल्प तथा हथकरघा विभाग की नीतियों के कारण कश्मीर का शिल्प परिदृश्य पुनर्जीवित हो रहा है।
  • श्रीनगर के लिए यह दर्जा हमारे हस्तशिल्प की वैश्विक मान्यता और मांग को बढ़ाकर कारीगरों को दीर्घकालिक मदद करेगा।

विश्व शिल्प परिषद (WCC)

  • यह एक गैर-सरकारी संगठन (NGO) है, जो शिल्पकारों को सशक्त बनाने और विश्व स्तर पर शिल्प विरासत की सुरक्षा के लिए काम कर रहा है।
  • इसकी स्थापना वर्ष 1964 में न्यूयॉर्क में प्रथम विश्व शिल्प परिषद महासभा में की गई थी। बाद में, वर्ष 2012 में विश्व शिल्प परिषद को औपचारिक रूप से एक अंतरराष्ट्रीय संघ के रूप में गठित किया गया।
  • इस वर्ष विश्व शिल्प परिषद (WCC) अपनी 60वीं स्थापना वर्ष मना रहा है।

विश्व शिल्प परिषद (WCC) का विश्व शिल्प शहर (वर्ल्ड क्राफ्ट सिटी) कार्यक्रम

  • यह विश्व शिल्प परिषद (डब्ल्यूसीसी-इंटरनेशनल) द्वारा वर्ष 2014 में शुरू की गई एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर सांस्कृतिक, आर्थिक और सामाजिक विकास में स्थानीय प्राधिकारियों, शिल्पकारों, समुदायों की महत्वपूर्ण भूमिका को मान्यता प्रदान करना है।

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