संदर्भ: भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के बाराटांग में भारत के एकमात्र सक्रिय पंक ज्वालामुखी के विस्फोट से हाल ही में एकत्र किए गए नमूने ओलिगोसीन युग के हैं, जिसकी समयावधि लगभग 23 मिलियन वर्ष पूर्व की है।
अन्य संबंधित जानकारी
- क्रेटर से निकले लिथोक्लास्ट, मिथाकारी समूह के बलुआ पत्थर और शेल से बने हुए पाए गए, जो ओलिगोसीन भूवैज्ञानिक काल से संबंधित थे।
- कुछ छिद्रों पर पंकयुक्त पदार्थ की सतह पर पतली परतों के रूप में एक तैलीय काली चमक भी देखी गई।
पंक ज्वालामुखी की विशेषताएँ
- सतह का तापमान: पंक ज्वालामुखियों की सतह का तापमान 29.3 डिग्री सेल्सियस से 30.07 डिग्री सेल्सियस तक था।
- pH स्तर: पंक द्रव्य का pH स्तर 8.0 और 8.3 के बीच है, जो इसकी कम क्षारीय प्रकृति को दर्शाता है।
- विस्फोट का क्षेत्र: विस्फोट स्थल का क्षेत्रफल लगभग 500 वर्ग मीटर तक बढ़ गया और इसकी ऊँचाई लगभग 2 मीटर है।
ओलिगोसीन युग
- ओलिगोसीन युग की अवधि लगभग 33.9 से 23 मिलियन वर्ष पूर्व थी। यह इओसीन के बाद और मायोसीन से पहले का युग था।
- इस अवधि की विशेषता वैश्विक शीतलन और घास के मैदानों का उल्लेखनीय विकास होना है, जिसने प्रारंभिक घोड़ों, हाथियों और कुत्तों जैसे कई आधुनिक स्तनधारियों के विकास को प्रेरित किया।
