संदर्भ:

वर्तमान में, नागर विमानन पर दूसरा एशिया प्रशांत मंत्रिस्तरीय सम्मेलन 11 और 12 सितंबर, 2024 के बीच नई दिल्ली में आयोजित किया जा रहा है।

मुख्य अंश

  • दूसरा सम्मेलन भारत सरकार और अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (International Civil Aviation Organization (ICAO) एशिया प्रशांत द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जाएगा।
  • इससे पहले एशिया प्रशांत क्षेत्र का पहला मंत्रिस्तरीय सम्मेलन वर्ष 2018 में बीजिंग (चीन) में आयोजित किया गया था।
  • इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में 41 देशों के लगभग 250 प्रतिनिधियों के शामिल होने की उम्मीद है, जो वैश्विक हवाई यातायात में इस क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देंगे।
  • सम्मेलन का उद्देश्य एशिया प्रशांत क्षेत्र में नागर विमानन क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए एक रुपरेखा तैयार करना है।

चर्चा के प्रमुख क्षेत्र

  • क्षेत्रीय एवं वैश्विक महत्व के विमानन मामलों पर समन्वय।
  • एक साझा मंच पर सहयोग को बढ़ावा देना।
  • क्षेत्रीय विमानन विकास में सामंजस्य स्थापित करना।
  • महामारी के बाद एक सुरक्षित, लचीली और गतिशील एशिया प्रशांत वायु परिवहन प्रणाली का निर्माण करना।

अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन

  • अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (International Civil Aviation Organization-ICAO) को शिकागो कन्वेंशन के नाम से भी जाना जाता है, जिस पर 7 दिसंबर, 1944 को 52 देशों ने हस्ताक्षर किए थे।
  • अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन वर्ष 1947 में संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी बन गई।
  • मुख्यालय: मॉन्ट्रियल (कनाडा) 
  • सदस्य देश: वर्ष 2024 तक, अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन के 193 सदस्य देश हैं।
  • भारत इसका संस्थापक सदस्य है, जो वर्ष 1944 में इसमें शामिल हुआ था। 

उद्देश्य: निम्न 5 रणनीतिक उद्देश्य:

  • सुरक्षा
  • वायु नौवहन क्षमता और दक्षता
  • सुरक्षा और सुविधा
  • वायु परिवहन का आर्थिक विकास
  • पर्यावरण संरक्षण

भारत में विमानन विकास:

  • विमान संख्या में वृद्धि: भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ता विमानन बाजार है और वर्तमान में घरेलू क्षेत्र में तीसरा सबसे बड़ा बाजार है।
  • पिछले दशक में भारत में विमानों की संख्या दोगुनी हो गई है, जो 400 से बढ़कर 800 से अधिक हो गयी है।
  • पिछले वर्ष इंडियन एयरलाइंस ने अकेले 1200 से अधिक विमानों को खरीदने का आदेश दिया। 
  • हवाई अड्डों का विस्तार: भारत में हवाई अड्डों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो 74 से बढ़कर 157 हो गयी है।
  • यह विस्तार क्षेत्रीय संपर्क बढ़ाने और यात्रियों की बढ़ती संख्या को समायोजित करने के लिए महत्वपूर्ण है।
  • सरकार की पहल: उड़ान (UDAN) (उड़े देश का आम नागरिक) योजना ने दूरदराज के क्षेत्रों के लिए हवाई यात्रा की पहुंच में काफी सुधार किया है, उन्हें राष्ट्रीय विमानन नेटवर्क में एकीकृत किया है और आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया है।

महत्व

  • यह दूसरा एशिया प्रशांत मंत्रिस्तरीय सम्मेलन भारत के विमानन उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो देश को वैश्विक विकास और नवाचार में अग्रणी स्थान दिलाएगा।
  • यह आयोजन अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देता है और एशिया प्रशांत क्षेत्र में नागर विमानन के भविष्य को आकार देने में भारत की रणनीतिक भूमिका पर प्रकाश डालता है।

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